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बिहार में गंगा, पुनपुन उफान पर, नए इलाकों में पानी फैलने से सहमे लोग

बिहार में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. राजधानी पटना समेत उत्तर और दक्षिण बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. बिहार के कई जिलों से होकर गुजरने वाली गंगा नदी (Ganga River) लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

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Published : Aug 12, 2021, 1:42 PM IST

पटना: बिहार के विभिन्न जिलों में हो रही बारिश और प्रमुख नदियों के उफान के कारण बाढ़ (Flood in Bihar) का पानी नए इलाकों में प्रवेश कर रहा है. राज्य की प्रमुख नदियां (Water Level of Rivers) कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. पटना में गंगा और पुनपुन खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है.

इसे भी पढ़ें: ऐसे रहे हालात तो टूट सकता है 2016 में आयी बाढ़ का रिकॉर्ड, संकट में लाखों लोगों की जिंदगी

इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को पटना में गंगा के जलस्तर का निरीक्षण करने निकले हैं. जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि गंगा नदी बक्सर, पटना के दीघाघाट, गांधी घाट और हाथीदह तथा भागलुपर के कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि पुनपुन नदी पटना के श्रीपालपुर में खतरे के निशान को पार कर गई है.

इधर, बागमती नदी सीतामढ़ी के कटौंझा और मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में और बूढ़ी गंडक खगड़िया में लाल निशान से ऊपर बह रही है. इसके अलावा कमला बलान मधुबनी के झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

इसे भी पढ़ें: पटना के खतरनाक घाटों पर तैनात होंगे सुरक्षाकर्मी, CM नीतीश कुमार ने निरीक्षण कर दिया निर्देश

राहत की बात है कि सोन के जलस्तर में कमी देखी जा रही है. सोन नदी पर बने इंद्रपुरी बैराज के पास बुधवार की सुबह छह बजे सोन का जलस्तर 58,854 क्यूसेक था जो आठ बजे सुबह घटकर 57,133 क्यूसेक पहुंच गया.

गंगा में उफान के बाद पटना जिले के दियारा क्षेत्रों में लोग बाढ़ से परेशान हैं. भागलपुर और बक्सर में भी गंगा का पानी निचले इलाकों में घरों तक पहुंच गया है. भागलपुर के कहलगांव में मंगलवार को एनएच 80 पर बनी पुलिस के के ध्वस्त हो जाने के बाद इस मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया.

इसे भी पढ़ें: बक्सर में दिखाने लगा गंगा का रौद्र रूप, वार्निंग प्वाइंट के पार पहुंचा जलस्तर

खगड़िया में गंगा और बूढ़ी गंडक उफान पर हैं. गंगा और बूढ़ी गंडक की बाढ़ से सुरक्षा को लेकर दशकों पहले गोगरी प्रखंड में बनाया गया जमींदारी बांध मंगलवार की सुबह बौरना ग्राम के समीप टूट गया.

इधर, पटना के मनेर के दियारा क्षेत्र के कई पंचायतों में बाढ का पानी प्रवेश कर गया है. गंगा के जलस्तर में वृद्धि के बाद पटना जिले के मनेर, दानापुर, पटना सदर और बख्तियारपुर प्रखंड के सीमावर्ती इलाके में रहने वाले लोग बाढ़ की आशंका से डरे हुए हैं. बागमती और बूढ़ी गंडक में उफान के कारण मुजफ्फरपुर के निचले इलाकों में लगातार दबाव बना हुआ है.

पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि शहर में फिलहाल खतरा नहीं है. लेकिन एहतियातन सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. गंगा के पानी को रोकने के लिए सैंड बैग तैयार कर रखे गए हैं. प्रत्येक घाटों पर गंगा के जलस्तर की निगरानी की जा रही है.

इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बुधवार को सड़क मार्ग से पटना के बाढ़ प्रभावित इलाकों का मुख्यमंत्री निरीक्षण करने निकले हैं. वे पटना के गंगा के विभिन्न घाटों पर पहुंच स्थिति का निरीक्षण कर रहे हैं.

पटना: बिहार के विभिन्न जिलों में हो रही बारिश और प्रमुख नदियों के उफान के कारण बाढ़ (Flood in Bihar) का पानी नए इलाकों में प्रवेश कर रहा है. राज्य की प्रमुख नदियां (Water Level of Rivers) कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. पटना में गंगा और पुनपुन खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है.

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इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को पटना में गंगा के जलस्तर का निरीक्षण करने निकले हैं. जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि गंगा नदी बक्सर, पटना के दीघाघाट, गांधी घाट और हाथीदह तथा भागलुपर के कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि पुनपुन नदी पटना के श्रीपालपुर में खतरे के निशान को पार कर गई है.

इधर, बागमती नदी सीतामढ़ी के कटौंझा और मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में और बूढ़ी गंडक खगड़िया में लाल निशान से ऊपर बह रही है. इसके अलावा कमला बलान मधुबनी के झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

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राहत की बात है कि सोन के जलस्तर में कमी देखी जा रही है. सोन नदी पर बने इंद्रपुरी बैराज के पास बुधवार की सुबह छह बजे सोन का जलस्तर 58,854 क्यूसेक था जो आठ बजे सुबह घटकर 57,133 क्यूसेक पहुंच गया.

गंगा में उफान के बाद पटना जिले के दियारा क्षेत्रों में लोग बाढ़ से परेशान हैं. भागलपुर और बक्सर में भी गंगा का पानी निचले इलाकों में घरों तक पहुंच गया है. भागलपुर के कहलगांव में मंगलवार को एनएच 80 पर बनी पुलिस के के ध्वस्त हो जाने के बाद इस मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया.

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खगड़िया में गंगा और बूढ़ी गंडक उफान पर हैं. गंगा और बूढ़ी गंडक की बाढ़ से सुरक्षा को लेकर दशकों पहले गोगरी प्रखंड में बनाया गया जमींदारी बांध मंगलवार की सुबह बौरना ग्राम के समीप टूट गया.

इधर, पटना के मनेर के दियारा क्षेत्र के कई पंचायतों में बाढ का पानी प्रवेश कर गया है. गंगा के जलस्तर में वृद्धि के बाद पटना जिले के मनेर, दानापुर, पटना सदर और बख्तियारपुर प्रखंड के सीमावर्ती इलाके में रहने वाले लोग बाढ़ की आशंका से डरे हुए हैं. बागमती और बूढ़ी गंडक में उफान के कारण मुजफ्फरपुर के निचले इलाकों में लगातार दबाव बना हुआ है.

पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि शहर में फिलहाल खतरा नहीं है. लेकिन एहतियातन सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. गंगा के पानी को रोकने के लिए सैंड बैग तैयार कर रखे गए हैं. प्रत्येक घाटों पर गंगा के जलस्तर की निगरानी की जा रही है.

इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बुधवार को सड़क मार्ग से पटना के बाढ़ प्रभावित इलाकों का मुख्यमंत्री निरीक्षण करने निकले हैं. वे पटना के गंगा के विभिन्न घाटों पर पहुंच स्थिति का निरीक्षण कर रहे हैं.

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