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पटना एम्स में स्वैच्छिक प्लाज्मा दान शिविर का किया गया आयोजन, 25 लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन

एम्स निदेशक डॉ.पीके सिंह ने एम्स में प्लाज्मा डोनरों को जरुरतमंद कोरोना मरीजों के लिए भगवान बताया है. पटना एम्स के निदेशक डॉ.पीके सिंह ने कहा कि प्लाज्मा डोनेट करने वालों की जितनी तारीफ की जाए कम है.

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Published : May 17, 2021, 7:00 AM IST

पटना: पटना एम्स में स्वैच्छिक प्लाज्मा दान शिविर का आयोजन किया गया. बिहार में कोरोना महामारी के बढ़े संक्रमण से प्रभावित जरुरतमंद कोरोना मरीजों के लिए आभाव बना प्लाज्मा की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए सोशल यूथ फोरम और एम्स पटना के सहयोग से स्वैच्छिक प्लाज्मा दान शिविर का आयोजन किया गया. पटना एम्स, ब्लड बैंक में स्वैच्छिक प्लाज्मा दान शिविर का आयोजन किया गया. इस मौके पर पटना एम्स के निदेशक डॉ.पीके सिंह ने कहा कि पूरे देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर रोज लाखों लोगों पर कहर बरपा रही है.

इन परिस्थितियों में जीवनदायनी बना ऑक्सीजन और दवाइयों के बाद अब कोविड संक्रमित जरुरतमंद मरीजों को ठीक करने के लिए प्लाज्मा थेरेपी की मांग हो रही है. लेकिन जागरूकता के आभाव में इस के डोनर मिल नहीं रहे हैं. इसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए पटना एम्स, ब्लड बैंक की ओर से आयोजित प्लाज्मा डोनर जागरूकता अभियान निश्चित रूप से जरुरतमंद कोरोना मरीजों के लिए उपयोगी साबित होगा. इस के डोनर की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम है. जो पल्ज्मा डोनेट कर कोरोना मरीजों को जीवन देने का काम किया है. इस के प्रति हम सभी का आभार व्यक्त करते हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना संकट पर बिहार कांग्रेस ने CM नीतीश को लिखा पत्र, दिए ये अहम सुझाव

प्लाज्मा से कोरोना का हो रहा इलाज

निदेशक डॉ. सिंह ने इस मौके पर प्लाज्मा डोनर करने वालों प्रशांत, डॉ. राहुल, आयुषी आदि को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया. 'इस प्लाज्मा दान शिविर में 25 दानवीरों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है, जिस में रविवार को सात लोगों ने अपना प्लाज्मा डोनेट किया है.' : डॉ नेहा सिंह, प्रभारी, ब्लड बैंक, पटना एम्स इस मौके पर एम्स पटना के निदेशक पीके सिंह, चिकित्सा अधीक्षक सीएम सिंह, उप डीन डॉ वीना सिंह, कोविड-19 के नोडल अधिकारी संजीव कुमार, डॉ बंकिम, कमलेश के आलावा सोशल यूथ से जुड़े सदस्य मौजूद रहें.

ये भी पढ़ें- जमुई: कोरोना संक्रमण से 73 लोगों की मौत, 223 लोग स्वस्थ

प्लाज्मा से दो मरीजों की बच सकती है जान
डॉ नेहा ने बताया कि एक व्यक्ति के प्लाज्मा डोनेट करने से किसी भी दो मरीज की जान बचाई जा सकती है. एक व्यक्ति जो कोरोनो वायरस के लिए पॉजिटिव टेस्ट किए जाने के तकरीबन 28 दिनों बाद कोरोनो वायरस से ठीक हो चुका है. वो प्लाज्मा दान कर सकता है. अगर वह व्यक्ति वैक्सीन ले चुका है तो और भी अच्छा है. इस में 18 से 65 साल वाले व्यक्ति, जिस का एंटीबॉडी कम से कम 6 है. सुगर रोग से पीड़ित व्यक्ति भी जो दवा खा रहे हैं. प्लाज्मा दे सकते हैं लेकिन जो इन्सुलिन थेरेपी ले रहे हैं तो वह व्यक्ति प्लाज्मा नहीं दे सकते हैं. महिलाएं जो पूर्ण रूप से गर्भधारण किया हो, वो प्लाज्मा देने योग्य नहीं हैं. प्लाज्मा डोनेशन से जुड़ी जानकारी इस मोबाइल नंबर- 94704 67893 पर भी ले सकते हैं.

डॉ.नेहा ने बताया कि पटना एम्स बिहार सेंटर ऑफ एक्सलेंस के तौर पर स्थापित है. जहां न सिर्फ कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है बल्कि यह बिहार में प्लाज्मा डोनेशन का प्राइम सेंटर भी है. यहां प्लाज्मा डोनेशन के लिए अधुनिक मशीन भी उपलब्ध है जो डोनर के शरीर से सुरक्षित और बिना कोई नुकसान के प्लाज्मा निकालता है. इस में डोनर को किसी तरह की परेशानी बिलकुल नहीं होती है.

पटना: पटना एम्स में स्वैच्छिक प्लाज्मा दान शिविर का आयोजन किया गया. बिहार में कोरोना महामारी के बढ़े संक्रमण से प्रभावित जरुरतमंद कोरोना मरीजों के लिए आभाव बना प्लाज्मा की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए सोशल यूथ फोरम और एम्स पटना के सहयोग से स्वैच्छिक प्लाज्मा दान शिविर का आयोजन किया गया. पटना एम्स, ब्लड बैंक में स्वैच्छिक प्लाज्मा दान शिविर का आयोजन किया गया. इस मौके पर पटना एम्स के निदेशक डॉ.पीके सिंह ने कहा कि पूरे देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर रोज लाखों लोगों पर कहर बरपा रही है.

इन परिस्थितियों में जीवनदायनी बना ऑक्सीजन और दवाइयों के बाद अब कोविड संक्रमित जरुरतमंद मरीजों को ठीक करने के लिए प्लाज्मा थेरेपी की मांग हो रही है. लेकिन जागरूकता के आभाव में इस के डोनर मिल नहीं रहे हैं. इसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए पटना एम्स, ब्लड बैंक की ओर से आयोजित प्लाज्मा डोनर जागरूकता अभियान निश्चित रूप से जरुरतमंद कोरोना मरीजों के लिए उपयोगी साबित होगा. इस के डोनर की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम है. जो पल्ज्मा डोनेट कर कोरोना मरीजों को जीवन देने का काम किया है. इस के प्रति हम सभी का आभार व्यक्त करते हैं.

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प्लाज्मा से कोरोना का हो रहा इलाज

निदेशक डॉ. सिंह ने इस मौके पर प्लाज्मा डोनर करने वालों प्रशांत, डॉ. राहुल, आयुषी आदि को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया. 'इस प्लाज्मा दान शिविर में 25 दानवीरों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है, जिस में रविवार को सात लोगों ने अपना प्लाज्मा डोनेट किया है.' : डॉ नेहा सिंह, प्रभारी, ब्लड बैंक, पटना एम्स इस मौके पर एम्स पटना के निदेशक पीके सिंह, चिकित्सा अधीक्षक सीएम सिंह, उप डीन डॉ वीना सिंह, कोविड-19 के नोडल अधिकारी संजीव कुमार, डॉ बंकिम, कमलेश के आलावा सोशल यूथ से जुड़े सदस्य मौजूद रहें.

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प्लाज्मा से दो मरीजों की बच सकती है जान
डॉ नेहा ने बताया कि एक व्यक्ति के प्लाज्मा डोनेट करने से किसी भी दो मरीज की जान बचाई जा सकती है. एक व्यक्ति जो कोरोनो वायरस के लिए पॉजिटिव टेस्ट किए जाने के तकरीबन 28 दिनों बाद कोरोनो वायरस से ठीक हो चुका है. वो प्लाज्मा दान कर सकता है. अगर वह व्यक्ति वैक्सीन ले चुका है तो और भी अच्छा है. इस में 18 से 65 साल वाले व्यक्ति, जिस का एंटीबॉडी कम से कम 6 है. सुगर रोग से पीड़ित व्यक्ति भी जो दवा खा रहे हैं. प्लाज्मा दे सकते हैं लेकिन जो इन्सुलिन थेरेपी ले रहे हैं तो वह व्यक्ति प्लाज्मा नहीं दे सकते हैं. महिलाएं जो पूर्ण रूप से गर्भधारण किया हो, वो प्लाज्मा देने योग्य नहीं हैं. प्लाज्मा डोनेशन से जुड़ी जानकारी इस मोबाइल नंबर- 94704 67893 पर भी ले सकते हैं.

डॉ.नेहा ने बताया कि पटना एम्स बिहार सेंटर ऑफ एक्सलेंस के तौर पर स्थापित है. जहां न सिर्फ कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है बल्कि यह बिहार में प्लाज्मा डोनेशन का प्राइम सेंटर भी है. यहां प्लाज्मा डोनेशन के लिए अधुनिक मशीन भी उपलब्ध है जो डोनर के शरीर से सुरक्षित और बिना कोई नुकसान के प्लाज्मा निकालता है. इस में डोनर को किसी तरह की परेशानी बिलकुल नहीं होती है.

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