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पटना में बढ़ रहे हैं वायरल फ्लू और इन्फ्लूएंजा के मामले, लक्षण आने पर तुरंत कराएं कोरोना जांच

बिहार में कोरोना की दूसरी लहर से लोगों को राहत मिली है लेकिन अब वायरल फ्लू और इन्फ्लूएंजा का डर सताने लगा है. दरअसल, इन दिनों राजनधानी पटना में वायरल फ्लू और इन्फ्लूएंजा के मामले बढ़ गए. पढ़ें पूरी खबर...

Viral flu cases increase in Patna
Viral flu cases increase in Patna
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Published : Aug 10, 2021, 9:11 AM IST

पटना: राजधानी पटना में इन दिनों वायरल फ्लू (Viral Flu) और इन्फ्लूएंजा (Influenza) के मामले काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. लगभग हर एक घर में सर्दी, खांसी और बुखार (Fever) से संक्रमित व्यक्ति मिल रहा है और एक व्यक्ति के संक्रमित होने की वजह से परिवार के कई सदस्य सर्दी-जुकाम (Cold And Cough) से संक्रमित हो जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें - बदलते मौसम में कितना घातक है कोरोना? सर्दी-खांसी होने पर क्या करें? सब कुछ समझिए EXPERT से..

ऐसे में जिस प्रकार से बीते दिनों कोरोना के दूसरे लहर का दौर गुजरा है. लोगों के मन में फ्लू होने पर कोरोना का भय बन जा रहा है. लोग काफी संख्या में जांच केंद्रों पर कोरोना की जांच कराने पहुंच रहे हैं. हालांकि, जो चिकित्सक हैं वह लोगों से भयभीत ना होने की अपील कर रहे हैं.

देखें वीडियो

पटना के इनकम टैक्स चौराहा स्थित गार्डिनर रोड हॉस्पिटल की बात करें, तो यहां इन दिनों काफी संख्या में मरीज वायरल फ्लू की शिकायत को लेकर पहुंच रहे हैं. अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार ने बताया कि अभी का मौसम वायरल फ्लू का मौसम होता है और घर के किसी एक सदस्य को अगर वायरल फ्लू हो जाता है तो घर के सभी सदस्य इससे संक्रमित हो जाते हैं.

यह भी पढ़ें - फर्जी डिग्री पर बन गए PMCH अधीक्षक! अब आरोपों की जांच करेगा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो

उन्होंने कहा कि ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अभी के समय कोरोना के तीसरे लहर के आने की संभावना बन रही है. ऐसे में इस को देखते हुए अगर लोगों को वायरल फ्लू के लक्षण आते हैं तो वह इसे नजरअंदाज ना करें. प्राथमिकता के आधार पर नजदीकी केंद्र पर जाकर कोरोना का जांच करवाएं. क्योंकि जो वायरल फ्लू के लक्षण होते हैं वहीं कोरोना के भी लक्षण होते हैं.

डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि अभी के समय अगर वायरल फ्लू अगर किसी को होता है तो वह इसे हल्के में ना लें और जैसे ही लक्ष्य आने शुरू होते हैं समय रहते जांच करा लें. अगर कोई दो-चार दिन रुक कर जांच कराने का विचार कर रहा है तो यह खतरनाक हो सकता है यदि कोरोना हो तो. उन्होंने कहा कि अभी के समय सामान्य तौर पर वायरल फ्लू अधिक होते हैं. ऐसे में आहार पर ध्यान देने की विशेष आवश्यकता है.

अधीक्षक डॉ मनोज कुमार ने बताया कि बारिश का मौसम है. ऐसे में स्ट्रीट फूड और जंक फूड का सेवन बिल्कुल ना करें और बाहर में अगर हो तो कुछ भी खाने से परहेज करें. खाने पीने में एकदम संतुलित आहार लें और पौष्टिक भोजन का ही सेवन करें. ज्यादा ऑइली और स्पाइसी खाने से बचें.

उन्होंने बताया कि अगर खाना खाते हैं तो अभी के समय में हमेशा गर्म खाना ही खाएं. ठंडा भोजन बिल्कुल ना करें इसके अलावा पीने के लिए गुनगुना पानी पिए और घर में अगर किसी को फ्लू का लक्षण है. तो परिवार के सदस्य फ्रिज का पानी से परहेज करें.

यह भी पढ़ें - पटना के डॉक्टर ने सारण के BDO को लगा दिया एक्सपायर्ड इंजेक्शन, फिर हुआ कुछ ऐसा

संक्रामक है इन्फ्लुएंजा: इन्फ्लूएंजा का एक संक्रामक रोग है. जिसकी शुरुआत साधारण फ्लू की भांति ही खांसी, जुकाम और हल्के बुखार के साथ होती है. इन्फ्लुएंजा वायरस हमारे शरीर में नाक, आंख और मुंह से प्रवेश करता है. दरअसल पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स हवा के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचता है. यह ड्रॉपलेट्स यानि छोटी- छोटी बूंदे सांस के साथ शरीर में पहुंच कर संक्रमण पैदा करती हैं. इसके अलावा किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा पूर्व में छूए गए स्थान या सामान को छूने भर से भी यह संक्रमण होने का खतरा रहता है.

गंभीर इन्फ्लुएंजा का स्वास्थ्य पर असर: इन्फ्लुएंजा संक्रमण के गंभीर होने पर मरीज में सबसे ज्यादा निमोनिया होने की आशंका रहती है. इसके अतिरिक्त इस संक्रमण के कारण साइनस और कान का संक्रमण भी हो सकता हैं. स्थिति गंभीर होने पर फेफड़ों में सूजन और पानी भरने जैसी समस्या भी हो सकती है. इस संक्रमण का सबसे अधिक असर 65 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों, स्वास्थ्यकर्मियों, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों तथा क्रोनिक रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों पर पड़ता है.

कैसे करें बचाव: इन्फ्लुएंजा वायरस से बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है साफ-सफाई. इसलिए आस-पास की तो सफाई रखे ही, साथ ही टॉयलेट जाने के बाद तथा खाना खाने से पहले और बाद में साबुन से हाथ जरूर धोएं. हल्का सुपाच्य और पौष्टिक भोजन ग्रहण करें, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो. गरिष्ट, बासी तथा बाजार के खाने से दूर रहें. चूंकि इन्फ्लुएंजा की स्थिति में शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए ज्यादा मात्रा में पानी या नारियल पानी, छाछ, दूध, लस्सी, और जूस का सेवन करें. सांस लेने में तकलीफ हो तो, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

यह भी पढ़ें - सामान्य सर्दी-खांसी के घरेलू उपचार

पटना: राजधानी पटना में इन दिनों वायरल फ्लू (Viral Flu) और इन्फ्लूएंजा (Influenza) के मामले काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. लगभग हर एक घर में सर्दी, खांसी और बुखार (Fever) से संक्रमित व्यक्ति मिल रहा है और एक व्यक्ति के संक्रमित होने की वजह से परिवार के कई सदस्य सर्दी-जुकाम (Cold And Cough) से संक्रमित हो जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें - बदलते मौसम में कितना घातक है कोरोना? सर्दी-खांसी होने पर क्या करें? सब कुछ समझिए EXPERT से..

ऐसे में जिस प्रकार से बीते दिनों कोरोना के दूसरे लहर का दौर गुजरा है. लोगों के मन में फ्लू होने पर कोरोना का भय बन जा रहा है. लोग काफी संख्या में जांच केंद्रों पर कोरोना की जांच कराने पहुंच रहे हैं. हालांकि, जो चिकित्सक हैं वह लोगों से भयभीत ना होने की अपील कर रहे हैं.

देखें वीडियो

पटना के इनकम टैक्स चौराहा स्थित गार्डिनर रोड हॉस्पिटल की बात करें, तो यहां इन दिनों काफी संख्या में मरीज वायरल फ्लू की शिकायत को लेकर पहुंच रहे हैं. अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार ने बताया कि अभी का मौसम वायरल फ्लू का मौसम होता है और घर के किसी एक सदस्य को अगर वायरल फ्लू हो जाता है तो घर के सभी सदस्य इससे संक्रमित हो जाते हैं.

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उन्होंने कहा कि ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अभी के समय कोरोना के तीसरे लहर के आने की संभावना बन रही है. ऐसे में इस को देखते हुए अगर लोगों को वायरल फ्लू के लक्षण आते हैं तो वह इसे नजरअंदाज ना करें. प्राथमिकता के आधार पर नजदीकी केंद्र पर जाकर कोरोना का जांच करवाएं. क्योंकि जो वायरल फ्लू के लक्षण होते हैं वहीं कोरोना के भी लक्षण होते हैं.

डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि अभी के समय अगर वायरल फ्लू अगर किसी को होता है तो वह इसे हल्के में ना लें और जैसे ही लक्ष्य आने शुरू होते हैं समय रहते जांच करा लें. अगर कोई दो-चार दिन रुक कर जांच कराने का विचार कर रहा है तो यह खतरनाक हो सकता है यदि कोरोना हो तो. उन्होंने कहा कि अभी के समय सामान्य तौर पर वायरल फ्लू अधिक होते हैं. ऐसे में आहार पर ध्यान देने की विशेष आवश्यकता है.

अधीक्षक डॉ मनोज कुमार ने बताया कि बारिश का मौसम है. ऐसे में स्ट्रीट फूड और जंक फूड का सेवन बिल्कुल ना करें और बाहर में अगर हो तो कुछ भी खाने से परहेज करें. खाने पीने में एकदम संतुलित आहार लें और पौष्टिक भोजन का ही सेवन करें. ज्यादा ऑइली और स्पाइसी खाने से बचें.

उन्होंने बताया कि अगर खाना खाते हैं तो अभी के समय में हमेशा गर्म खाना ही खाएं. ठंडा भोजन बिल्कुल ना करें इसके अलावा पीने के लिए गुनगुना पानी पिए और घर में अगर किसी को फ्लू का लक्षण है. तो परिवार के सदस्य फ्रिज का पानी से परहेज करें.

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संक्रामक है इन्फ्लुएंजा: इन्फ्लूएंजा का एक संक्रामक रोग है. जिसकी शुरुआत साधारण फ्लू की भांति ही खांसी, जुकाम और हल्के बुखार के साथ होती है. इन्फ्लुएंजा वायरस हमारे शरीर में नाक, आंख और मुंह से प्रवेश करता है. दरअसल पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स हवा के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचता है. यह ड्रॉपलेट्स यानि छोटी- छोटी बूंदे सांस के साथ शरीर में पहुंच कर संक्रमण पैदा करती हैं. इसके अलावा किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा पूर्व में छूए गए स्थान या सामान को छूने भर से भी यह संक्रमण होने का खतरा रहता है.

गंभीर इन्फ्लुएंजा का स्वास्थ्य पर असर: इन्फ्लुएंजा संक्रमण के गंभीर होने पर मरीज में सबसे ज्यादा निमोनिया होने की आशंका रहती है. इसके अतिरिक्त इस संक्रमण के कारण साइनस और कान का संक्रमण भी हो सकता हैं. स्थिति गंभीर होने पर फेफड़ों में सूजन और पानी भरने जैसी समस्या भी हो सकती है. इस संक्रमण का सबसे अधिक असर 65 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों, स्वास्थ्यकर्मियों, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों तथा क्रोनिक रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों पर पड़ता है.

कैसे करें बचाव: इन्फ्लुएंजा वायरस से बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है साफ-सफाई. इसलिए आस-पास की तो सफाई रखे ही, साथ ही टॉयलेट जाने के बाद तथा खाना खाने से पहले और बाद में साबुन से हाथ जरूर धोएं. हल्का सुपाच्य और पौष्टिक भोजन ग्रहण करें, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो. गरिष्ट, बासी तथा बाजार के खाने से दूर रहें. चूंकि इन्फ्लुएंजा की स्थिति में शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए ज्यादा मात्रा में पानी या नारियल पानी, छाछ, दूध, लस्सी, और जूस का सेवन करें. सांस लेने में तकलीफ हो तो, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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