पटना: पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है, इसपर बिहार विधानसभा नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आनंद मोहन के साथ उन्होंने अन्याय किया है. अब उन्हें जेल से बाहर निकालने के लिए कानून में संशोधन किया गया है. ऐसा करके सीएम नीतीश को लगता है कि सुधार कर रहे हैं लेकिन उनको माफी मांगना चाहिए. आखिर इतने दिनों तक आनंद मोहन जेल में बंद कैसे रहे, मुख्यमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए. यह पश्चाताप पहले क्यों नहीं किया गया.
आनंद मोहन की रिहाई पर विजय सिन्हा का सीएम पर हमला: विजय सिन्हा ने कहा कि यह सरकार किसी भी हद तक जा सकती है. दहशतगर्द अतीक अहमद को "अतीक जी" कहकर बुला सकती है और शहीदों का दर्जा दे सकती है. इनकी गिरावट और घबराहट सत्ता जाने की बेचैनी कई रूप में प्रकट हो रही है. आनंद मोहन को लंबे समय तक जेल में बंद रखा गया. पहले उन्हें क्यों नहीं छोड़ा गया. सीएम नीतीश वोट की राजनीति कर रहे हैं. समाज के अंदर वातावरण को नकारात्मक भाव में लाकर तुष्टिकरण की राजनीति से लाभ नहीं होने वाला है.
"जिनकी मानसिकता में नकारात्मकता का भाव है वही महापुरुषों को जाति में बांधते हैं. महापुरुषों की कोई जाति,धर्म और क्षेत्र नहीं है. बीजेपी जाति के भाव को नहीं बल्कि महापुरुषों के कर्म को मन में रखकर चलती है."- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
यूट्यूबर मनीष कश्यप मामले पर बीजेपी की राय: वहीं अतीक अहमद के समर्थन में हुई नारेबाजी को लेकर विजय सिन्हा ने कहा कि आतंकवादी, उग्रवादी ,अपराधी शहीद नहीं हो सकता, जो समाज और राष्ट्र के लिए अपना जीवन न्योछावर करता है वही शहीद हो सकता है. ऐसे लोगों के पक्ष में जिनकी मानसिकता है निश्चित तौर पर ना उस पर समाज गौरवान्वित हो सकता है ना राष्ट्र. सत्ता में बैठे लोगों को अगर थोड़ी सी भी शर्म बची है तो एक्शन होना चाहिए. कोई व्यक्ति (मनीष कश्यप) गलत वीडियो चलाता है तो उसको आप किस हद तक कार्रवाई करवाते हैं और कोई अपने ही धरती पर बैठकर हमारे बलिदानी शहीदों का अपमान करें और आप उस पर गर्व महसूस करते हैं तो धिक्कार है.
दानवीर भामाशाह जयंती समारोह: विजय सिन्हा ने दानवीर भामाशाह जयंती समारोह से निकलने के बाद ये बातें कहीं. विजय सिन्हा ने बयान देते हुए कहा हमारे राष्ट्र के गौरव गाथा को लिखने में जिनका भी योगदान रहा है भारतीय जनता पार्टी 21वीं सदी के राष्ट्र निर्माण में उन तमाम महापुरुषों को श्रद्धा सुमन ही नहीं अर्पित करती है बल्कि उनसे प्रेरणा लेकर समाज को जोड़ने का काम भी करती है. छोटे हृदय से बड़ी गाथा नहीं लिखी जा सकती है.
कभी भी रिहा हो सकते हैं आनंद मोहन: बता दें कि पैरोल पर जेल से बाहर रहने वाले पूर्व सांसद आनंद मोहन अब किसी भी समय रिहा हो सकते हैं. उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है. इसके लिए जेल मैनुअल में बदलाव भी किया गया है. बाहुबली आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. हालांकि इस मामले में पहले उन्हें फांसी की सजा मिली थी लेकिन बाद में उसे आजीवन कारावास में बदल दिया गया. आनंद मोहन की रिहाई को लेकर माना जा रहा है कि सीएम नीतीश का फोकस राजपूत वोट पर है. पिछले दिनों राजपूत सम्मेलन भी किया गया जहां आनंद मोहन की रिहाई की मांग को लेकर नारेबाजी हुई थी. तब सीएम नीतीश ने कहा था कि हम उनको निकालने में तो लगे ही हैं, बहुत जल्द वो आपके साथ होंगे.