ETV Bharat / state

नगर विकास विभाग के कारण पूरी नहीं हो पाई वेंडिंग जोन योजना, कोर्ट के आदेश के बाद पकड़ी रफ्तार

पटना नगर निगम और नगर विकास विभाग के बीच चल रहे खींचतान की वजह से शहर में नगर निगम के वेंडिंग जोन की योजना अधर में लटकी हुई है. इसको लेकर पटना नगर निगम के सशक्त स्थाई समिति के सदस्य और वार्ड 38 के पार्षद डॉ. आशीष कुमार सिन्हा (Councilor Dr. Ashish Kumar Sinha) ने बताया कि वेंडिंग जोन के निर्माण के लिए साल 2018 में नगर निगम की तरफ से स्वीकृति मिली, टेंडर भी खुल गया और कार्य भी शुरू हुआ. लेकिन इसी बीच नगर विकास विभाग की तरफ से एक पेंच लगा दिया गया. जिस वजह से यह कार्य पूरी तरह ठप पड़ गया. पढ़ें पूरी खबर..

वेंडिंग जोन योजना
वेंडिंग जोन योजना
author img

By

Published : Apr 26, 2022, 6:30 PM IST

पटना: बिहार में भाजपा और जदयू शासित एनडीए की सरकार है और राजधानी पटना की बात करें तो यहां नगर निकाय पर भाजपा का कब्जा है. भाजपा समर्थित उम्मीदवार नगर की मेयर हैं, लेकिन बावजूद इसके पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) और नगर विकास विभाग (Patna Urban Development Department) के बीच खींचतान चल रही है. इससे शहर में नगर निगम के वेंडिंग जोन की योजना (Vending Zone Scheme In Patna) अधर में लटकी हुई है.

यह भी पढ़ें - पटनावासियों को डराने लगा है ड्रैनेज: हर बार नालों की उड़ाही में करोड़ों खर्च..फिर भी नहीं बदले हालात

वेंडिंग जोन का निर्माण कार्य पड़ा ठप: पटना नगर निगम का चुनाव साल 2017 में संपन्न हुआ जिसके बाद प्रमुख सड़कों पर लगने वाले दुकानों को वेंडिंग जोन में शिफ्ट करने का प्लान तैयार किया गया. साल 2018 में पटना नगर निगम ने तीन वेंडिंग जोन कदम कुआं, जेडी वीमेंस कॉलेज के पास शेखपुरा मोड़ पर और बोरिंग रोड में हड़ताली मोड़ से राजापुर के बीच में करोड़ों की लागत से वेंडिंग जोन का निर्माण होना था. लेकिन यह निर्माण कार्य शुरू होते ही ठप पड़ गया और वजह नगर विकास विभाग का लगाया गया पेंच था.

वेंडिंग जोन के निर्माण के लिए तीन जगह चिन्हित: पटना नगर निगम के सशक्त स्थाई समिति के सदस्य और वार्ड 38 के पार्षद डॉ. आशीष कुमार सिन्हा बताते हैं कि शहर के प्रमुख सड़कों पर वेंडर्स के कारण होने वाली जाम की समस्या और वेंडर्स को कार्य के लिए एक प्रतिष्ठित जगह उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नगर निगम ने शहर में तीन जगह चिन्हित किए. कदम कुआं इलाका, शेखपुरा इलाका और बोरिंग रोड का इलाका जहां पर वेंडिंग जोन का निर्माण होना था. कदम कुआं वेंडिंग जोन में 200 दुकान तैयार होने थे बोरिंग रोड के वेंडिंग जोन में हड़ताली मोड़ से राजापुर के बीच लगभग 600 दुकान तैयार होने थे और जेडी विमेंस कॉलेज के पीछे हड़ताली मोड़ के पास वेंडिंग जोन में भी लगभग 200 दुकान तैयार होने थे. इसको लेकर के साल 2018 में नगर निगम की तरफ से स्वीकृति मिली टेंडर भी खुल गया और कार्य भी शुरू हुआ. लेकिन इसी बीच नगर विकास विभाग की तरफ से एक पेंच लगा दिया गया.

नगर विकास विभाग ने किया रद्द: पार्षद डॉ. आशीष कुमार सिन्हा ने बताया कि नगर विकास विभाग ने निगम के टेंडर डिस्पोजल पर आपत्ति की और बताया कि नगर निगम का अधिकार नहीं है कि 2 करोड़ से अधिक की निविदा का निष्पादन करें. उन्होंने बताया कि यह नियम किसी जमाने में तय किया गया था जब महंगाई की स्थिति ऐसी नहीं थी और रुपये का वैल्यू भी अधिक था. मगर अभी तक इस नियम को ढ़ोना बजाय की निगम के दायरे को आगे बढ़ा जाए, यह पटना नगर निगम भी उचित नहीं समझता. नगर विकास विभाग की आपत्ति के बाद तमाम टेंडर को नगर निगम ने निष्पादन के लिए नगर विकास विभाग को भेज दिया, जिसके बाद नगर विकास विभाग ने इसे अनियमितता करार देते हुए रद्द कर दिया. उसके बाद यह कार्य पूरी तरह ठप पड़ गया.

न्यायालय में चली एक साल तक सुनवाई: सशक्त स्थाई समिति के सदस्य वार्ड पार्षद डॉ. आशीष कुमार सिन्हा ने कहा कि इसके बाद उन्हें उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ा और उन्होंने न्यायालय में पीआईएल दायर किया. उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र की जनता के हितों को देखते हुए और सब्जी मंडी में लगाने वाले दुकानदारों के हित को देखते हुए उन्होंने पीआईएल दायर किया था कि सब्जी मंडी के दुकानदारों को वेंडिंग जोन में जगह मिल सके और सड़क पर जाम की स्थिति से लोगों को निजात मिल सके. न्यायालय में इस मामले में काफी सुनवाई हुई और लगभग 1 साल तक चले मामले में न्यायालय द्वारा उनके हक में फैसला आया.

पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद निर्माण कार्य में आई गति: डॉ. आशीष कुमार सिन्हा ने कहा कि पटना हाईकोर्ट के प्रति भी अपना आभार प्रकट करते हैं. आज हाईकोर्ट के आदेश से ही कदम कुआं में एक बार फिर से बिल्डिंग जोन का निर्माण तेज गति से शुरू हो गया है जिसे 9 महीने में पूरा कर लिया जाना है. लेकिन फिर से निर्माण के लिए निविदा होने की वजह से निर्माण की लागत बढ़ गई है और साल 2018 में कदम कुआं वेंडिंग जोन के लिए 3.99 करोड़ से बढ़कर यह 5.88 करोड़ हो गई है.

नगर पालिका के अधिकार सीमित: डॉ. आशीष कुमार सिन्हा ने कहा कि वह समझते हैं कि नगर पालिका के अधिकार को अधिक सीमित नहीं करना चाहिए और नगर पालिका जब एक ऑटोनॉमस बॉडी है तो उसे दो करोड़ और चार करोड़ के बंधन में नहीं बांधना चाहिए. जनता के हित में उचित फैसले लेने का हक होना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक जगह वेंडिंग जोन के निर्माण का कार्य हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुरू करना पड़ा है और हाईकोर्ट में नगर विकास विभाग यह बताने में विफल हो गया कि वेंडिंग जोन के निर्माण के लिए निकाली गई, निविदा अनियमित कैसे हैं और उस में अनियमितता क्या है.

विभाग वेंडिंग जोन बनाने की दे स्वीकृति: पार्षद डॉ. आशीष कुमार सिन्हा ने कहा कि अब नगर विकास विभाग को चाहिए कि उन दोनों जगहों पर जहां वेंडिंग जोन बनना था, बोरिंग रोड का इलाका और जेडी विमेंस कॉलेज के पीछे का इलाका वहां पर वेंडिंग जोन बनाने की स्वीकृति दे. साथ ही इसके लिए निविदा निकालें ताकि स्थानीय वेंडर्स को रोजगार के लिए एक सम्मानजनक जगह मिल सके और लोगों को भी सड़क पर जाम से मुक्ति मिल सके.

यह भी पढ़ें - पटना में मोबाइल पर बात कर रही महिला मैनहोल में गिरी, वीडियो देख सिहर उठेंगे आप

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: बिहार में भाजपा और जदयू शासित एनडीए की सरकार है और राजधानी पटना की बात करें तो यहां नगर निकाय पर भाजपा का कब्जा है. भाजपा समर्थित उम्मीदवार नगर की मेयर हैं, लेकिन बावजूद इसके पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) और नगर विकास विभाग (Patna Urban Development Department) के बीच खींचतान चल रही है. इससे शहर में नगर निगम के वेंडिंग जोन की योजना (Vending Zone Scheme In Patna) अधर में लटकी हुई है.

यह भी पढ़ें - पटनावासियों को डराने लगा है ड्रैनेज: हर बार नालों की उड़ाही में करोड़ों खर्च..फिर भी नहीं बदले हालात

वेंडिंग जोन का निर्माण कार्य पड़ा ठप: पटना नगर निगम का चुनाव साल 2017 में संपन्न हुआ जिसके बाद प्रमुख सड़कों पर लगने वाले दुकानों को वेंडिंग जोन में शिफ्ट करने का प्लान तैयार किया गया. साल 2018 में पटना नगर निगम ने तीन वेंडिंग जोन कदम कुआं, जेडी वीमेंस कॉलेज के पास शेखपुरा मोड़ पर और बोरिंग रोड में हड़ताली मोड़ से राजापुर के बीच में करोड़ों की लागत से वेंडिंग जोन का निर्माण होना था. लेकिन यह निर्माण कार्य शुरू होते ही ठप पड़ गया और वजह नगर विकास विभाग का लगाया गया पेंच था.

वेंडिंग जोन के निर्माण के लिए तीन जगह चिन्हित: पटना नगर निगम के सशक्त स्थाई समिति के सदस्य और वार्ड 38 के पार्षद डॉ. आशीष कुमार सिन्हा बताते हैं कि शहर के प्रमुख सड़कों पर वेंडर्स के कारण होने वाली जाम की समस्या और वेंडर्स को कार्य के लिए एक प्रतिष्ठित जगह उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नगर निगम ने शहर में तीन जगह चिन्हित किए. कदम कुआं इलाका, शेखपुरा इलाका और बोरिंग रोड का इलाका जहां पर वेंडिंग जोन का निर्माण होना था. कदम कुआं वेंडिंग जोन में 200 दुकान तैयार होने थे बोरिंग रोड के वेंडिंग जोन में हड़ताली मोड़ से राजापुर के बीच लगभग 600 दुकान तैयार होने थे और जेडी विमेंस कॉलेज के पीछे हड़ताली मोड़ के पास वेंडिंग जोन में भी लगभग 200 दुकान तैयार होने थे. इसको लेकर के साल 2018 में नगर निगम की तरफ से स्वीकृति मिली टेंडर भी खुल गया और कार्य भी शुरू हुआ. लेकिन इसी बीच नगर विकास विभाग की तरफ से एक पेंच लगा दिया गया.

नगर विकास विभाग ने किया रद्द: पार्षद डॉ. आशीष कुमार सिन्हा ने बताया कि नगर विकास विभाग ने निगम के टेंडर डिस्पोजल पर आपत्ति की और बताया कि नगर निगम का अधिकार नहीं है कि 2 करोड़ से अधिक की निविदा का निष्पादन करें. उन्होंने बताया कि यह नियम किसी जमाने में तय किया गया था जब महंगाई की स्थिति ऐसी नहीं थी और रुपये का वैल्यू भी अधिक था. मगर अभी तक इस नियम को ढ़ोना बजाय की निगम के दायरे को आगे बढ़ा जाए, यह पटना नगर निगम भी उचित नहीं समझता. नगर विकास विभाग की आपत्ति के बाद तमाम टेंडर को नगर निगम ने निष्पादन के लिए नगर विकास विभाग को भेज दिया, जिसके बाद नगर विकास विभाग ने इसे अनियमितता करार देते हुए रद्द कर दिया. उसके बाद यह कार्य पूरी तरह ठप पड़ गया.

न्यायालय में चली एक साल तक सुनवाई: सशक्त स्थाई समिति के सदस्य वार्ड पार्षद डॉ. आशीष कुमार सिन्हा ने कहा कि इसके बाद उन्हें उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ा और उन्होंने न्यायालय में पीआईएल दायर किया. उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र की जनता के हितों को देखते हुए और सब्जी मंडी में लगाने वाले दुकानदारों के हित को देखते हुए उन्होंने पीआईएल दायर किया था कि सब्जी मंडी के दुकानदारों को वेंडिंग जोन में जगह मिल सके और सड़क पर जाम की स्थिति से लोगों को निजात मिल सके. न्यायालय में इस मामले में काफी सुनवाई हुई और लगभग 1 साल तक चले मामले में न्यायालय द्वारा उनके हक में फैसला आया.

पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद निर्माण कार्य में आई गति: डॉ. आशीष कुमार सिन्हा ने कहा कि पटना हाईकोर्ट के प्रति भी अपना आभार प्रकट करते हैं. आज हाईकोर्ट के आदेश से ही कदम कुआं में एक बार फिर से बिल्डिंग जोन का निर्माण तेज गति से शुरू हो गया है जिसे 9 महीने में पूरा कर लिया जाना है. लेकिन फिर से निर्माण के लिए निविदा होने की वजह से निर्माण की लागत बढ़ गई है और साल 2018 में कदम कुआं वेंडिंग जोन के लिए 3.99 करोड़ से बढ़कर यह 5.88 करोड़ हो गई है.

नगर पालिका के अधिकार सीमित: डॉ. आशीष कुमार सिन्हा ने कहा कि वह समझते हैं कि नगर पालिका के अधिकार को अधिक सीमित नहीं करना चाहिए और नगर पालिका जब एक ऑटोनॉमस बॉडी है तो उसे दो करोड़ और चार करोड़ के बंधन में नहीं बांधना चाहिए. जनता के हित में उचित फैसले लेने का हक होना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक जगह वेंडिंग जोन के निर्माण का कार्य हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुरू करना पड़ा है और हाईकोर्ट में नगर विकास विभाग यह बताने में विफल हो गया कि वेंडिंग जोन के निर्माण के लिए निकाली गई, निविदा अनियमित कैसे हैं और उस में अनियमितता क्या है.

विभाग वेंडिंग जोन बनाने की दे स्वीकृति: पार्षद डॉ. आशीष कुमार सिन्हा ने कहा कि अब नगर विकास विभाग को चाहिए कि उन दोनों जगहों पर जहां वेंडिंग जोन बनना था, बोरिंग रोड का इलाका और जेडी विमेंस कॉलेज के पीछे का इलाका वहां पर वेंडिंग जोन बनाने की स्वीकृति दे. साथ ही इसके लिए निविदा निकालें ताकि स्थानीय वेंडर्स को रोजगार के लिए एक सम्मानजनक जगह मिल सके और लोगों को भी सड़क पर जाम से मुक्ति मिल सके.

यह भी पढ़ें - पटना में मोबाइल पर बात कर रही महिला मैनहोल में गिरी, वीडियो देख सिहर उठेंगे आप

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.