पटना: भाजपा और जदयू (Dispute In BJP JDU) एक-दूसरे को लगातार झटका देने में लगे हुए हैं. अब जदयू को फिर से झटका लगा है, जब भाजपा की वरिष्ठ नेता डॉ उषा विद्यार्थी ने लोजपा का साथ छोड़कर घर वापसी कर ली है. भाजपा ने पहले तो राजेंद्र सिंह (bjp leader rajendra singh) को पार्टी में शामिल कराया और अब उषा के आने से जदयू भाजपा के बीच की दूरियां बढ़ती नजर आ सकती है.
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लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवारों की वजह से जदयू की कई सीटों पर हार हुई थी. लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले नेताओं की भाजपा में एंट्री शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी ने पहले तो पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह को हराने वाले नेता राजेंद्र सिंह को पार्टी में शामिल कराया और फिर अब पालीगंज से लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली उषा विद्यार्थी को भाजपा में शामिल कराया गया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal On Usha Vidyarthi) ने उषा विद्यार्थी को पार्टी की सदस्यता दिलाई.
आपको बता दें कि, भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान बगावत के चलते कई नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया था और अब उन्हें पार्टी में शामिल कराया जाने लगा है. उषा विद्यार्थी ने पार्टी ज्वाइन करने के बाद कहा कि, 'मैंने कभी भी खुद को भाजपा से अलग नहीं समझा. लोजपा में भी थी तो, नरेंद्र मोदी के हाथ को मजबूत कर रही थी. मुझे गलती का एहसास हुआ और मैं फिर पार्टी में शामिल हो रही हूं. मैं पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करूंगी.'
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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि, 'कई लोग पार्टी लाइन के खिलाफ विधानसभा चुनाव के दौरान चले गए थे. लेकिन अब उन्हें एहसास हुआ है और उन्होंने पार्टी से अनुरोध किया था कि, वह पार्टी में शामिल होना चाहते हैं. हमने वैसे नेताओं के अनुरोध को स्वीकार किया है. अब तमाम ऐसे नेताओं को पार्टी में शामिल कराया जा रहा है जिन्हें, पार्टी की नीतियों में भरोसा है.'
बता दें कि, BJP की वरिष्ठ नेता डॉ उषा विद्यार्थी LJP में शामिल हो गई थी. तब LJP अध्यक्ष चिराग पासवान ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी. यह BJP के लिए किसी झटके से कम नहीं था. इसके पहले पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने भी लोजपा का हाथ थामा था. अब दोनों की घर वापसी हो गई है. उषा विद्यार्थी पटना के पालीगंज विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं.
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