पटना: बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच लगातार नोकझोंक (Uproar in Bihar Legislative Assembly) हो रही है. सत्ता पक्ष और विपक्ष कई मुद्दों पर आमने सामने है. बजट सत्र के दौरान आरोप-प्रत्यारोप से सदन की कार्रवाई भी बाधित हो रही है. कई बार विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है. भाजपा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सदस्यों के बीच जमकर कहासुनी हुई थी. दोनों ओर से अमर्यादित टिप्पणी भी की गई थी. अब विधानसभा अध्यक्ष ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है.
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सदन के संरक्षक हैंः विधानसभा अध्यक्ष ने कुछ विधायकों के खिलाफ कार्रवाई का मन बनाया है. इसके संकेत भी मिल रहे हैं. भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष के इस कदम का कड़ा प्रतिवाद किया है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इस पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को पद की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए. वे अब राजद के विधायक नहीं है, वह सदन के संरक्षक हैं.
तमिलनाडु हिंसा पर सरकार चुपः विजय सिन्हा ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष पार्टी लाइन पर काम कर रहे हैं. वो एक अध्यक्ष के रूप में काम नहीं कर रहे हैं, एक पार्टी का एजेंडा स्थापित कर रहे हैं. विजय सिन्हा ने कहा कि सरकार तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ हो रहे अपमान, उसकी पिटाई और हत्या से जुड़े प्रश्न पर गंभीरता नहीं दिखा पा रही है. इसी पर सवाल पूछा जा रहा तो कार्रवाई की बात कही जा रही है.
"वो एक अध्यक्ष के रूप में काम नहीं कर रहे हैं, एक पार्टी का एजेंडा स्थापित कर रहे हैं. सरकार से जब तमिलनाडु में हिंसा से संबंधित सवाल पूछ रहे थे तो वो अध्यक्ष के कर्तव्य का पालन नहीं कर रहे थे. हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं, जो भी कार्रवाई करनी है कर लें"- विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष