पटना: जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने फिर से कहा है कि हमने सुझाव दिया है कि मुख्यमंत्री कार्यकर्ताओं से अकेले में मुलाकात करें. जिससे उन्हें सही जानकारी प्राप्त हो सके. उनके साथ कोई नेता रहता है तो कार्यकर्ता अपनी बात सही ढंग से नहीं कर पाता है और मुख्यमंत्री को सही जानकारी नहीं मिल पाती है. इसी दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान पर भी पलटवार (Upendra Kushwaha reply on Giriraj Singh statement) करते हुए कहा कि अगर वोटिंग राइट वापस लेने का अधिकार है तो ले लें.
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गिरिराज सिंह के बयान पर उपेंद्र कुशवाहा का पलटवार: जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कोरोना के बाद मुख्यमंत्री ने मिलने जुलने का कार्यक्रम भी शुरू किया था और उसे और तेज करने की जरूरत है. मैंने सुझाव दिया है तो मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है. वहीं गिरिराज सिंह के पापुलेशन कंट्रोल को लेकर दिए बयान और वोटिंग राइट्स लेने की बात पर उपेंद्र कुशवाहा भड़क गए. उन्होंने कहा कि यदि उनको अधिकार है वोटिंग राइट लेने का तो ले लें.
"वोटिंग राइट बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने दिया है. हमारा संविधान ने दिया है. मेरी पार्टी तो अब है नहीं, जब थी तो एलायंस की बात करते थे. अब तो जदयू है. यदि जदयू कोई फैसला लेता है तो वह अलग बात है, लेकिन जहां तक मेरी बात है. इस जन्म में उपेंद्र कुशवाहा मौत स्वीकार कर सकता है लेकिन भारतीय जनता पार्टी का कभी सदस्य नहीं बन सकता है."- उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू संसदीय बोर्ड
क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने दिल्ली में कहा था कि देश में जनसंख्या नियंत्रण विधेयक को लागू करने की आवश्यकता है, क्योंकि हमारे पास सीमित संसाधन है .भारत में एक मिनट में 30 बच्चे पैदा हो रहे हैं. सभी के लिए संसाधन मुहैया कराना मुश्किल हो जाएगा. एसे में यह विधेयक अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है. उन्होंने कहा कि अगर देश के अंदर जनसंख्या नियंत्रित कानून नहीं बना तो देश में न सामाजिक समरसता और एकता बचेगी... न विकास हो पाएगा. 1978 के पहले चीन की GDP भारत की GDP से कम थी, लेकिन आज चीन हमसे ज्यादा समृद्ध है क्योंकि 1979 में चीन 'वन चाइल्ड पॉलिसी' लाया. उन्होंने कहा कि चीन में प्रति मिनट दस बच्चे पैदा होते हैं और भारत में प्रति मिनट तीस बच्चे पैदा होते हैं. हम चीन का कैसे मुकाबला करेंगे?