पटना: बिहार प्रदेश जदयू अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोहिया, जेपी, कर्पूरी, अमर शहीद जगदेव बाबू के विरासत को एक नए ऊंचाई पर ले गए हैं, जिसे उनके विरोधी भी स्वीकार करते हैं. इस स्थिति में समाजवादी विचारधारा से हटकर उपेन्द्र कुशवाहा कौन सी और कैसी विरासत की बात कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा अवसरवादी यात्रा (Upendra Kushwaha is on awsarwadi yatra) कर रहे हैं.
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"उपेन्द्र कुशवाहा ने जदयू के लाखों कार्यकर्ताओं को लज्जित और अपमानित कर, साम्प्रदायिक शक्तियों के हाथों की कठपुतली बनने का काम किया. क्या वो इससे गंगा-जमुनी विरासत को बचा पायेंगे"- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू
नीतीश कुमार के साथ विश्वासघातः उमेश कुशवाहा ने कहा कि साम्प्रदायिक ताकतों की गोद में बैठकर उपेन्द्र कुशवाहा ने तो नीतीश कुमार के साथ ही विश्वासघात करने का काम किया है. उन्होंने अपने व्यक्तिगत लाभ तथा सत्ता सुख के लिए बिहार की जनता के साथ छलावा किया है. साथ ही नीतीश कुमार के साथ विश्वासघात कर राजनीतिक अवसरवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है. नीतीश कुमार ने समाजवाद की जिस विरासत को एक नई ऊंचाई देने का काम किया उसे कमजोर कर अपनी महत्वाकांक्षा की पूर्ति एवं राजनैतिक रोटी सेंकने के हास्यास्पद प्रयास के तहत वो विरासत बचाओ यात्रा कर रहे हैं.
साम्प्रदायिक शक्तियों के हाथों की कठपुतलीः प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुशवाहा समाज को लगातार मान- सम्मान देने तथा उन्हें आगे बढ़ाने का कार्य किया. जिसे अच्छी तरह जानने- समझने के बावजूद उपेन्द्र कुशवाहा ने जदयू के लाखों कार्यकर्ताओं को लज्जित और अपमानित कर, साम्प्रदायिक शक्तियों के हाथों की कठपुतली बनने का काम किया. क्या वो इससे गंगा-जमुनी विरासत को बचा पायेंगे? बिहार की जनता 2024 में साम्प्रदायिक ताकतों को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है.