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RCP सिंह पर उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान, बोले- कार्यकाल पूरा करने से पहले देना चाहिए मंत्रिमंडल से इस्तीफा

जदयू की तरफ से लगातार आरसीपी सिंह पर गाज गिर रही है. राज्यसभा सीट से वंचित करने के बाद बंगले से बेदखल किया गया. अब उनके करीबियों को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है. वहीं जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा यहां तक कह दिया है कि सिंह को कार्यकाल पूरा करने से पहले ही मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए.

union minister rcp singh
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Published : Jun 14, 2022, 3:45 PM IST

Updated : Jun 14, 2022, 6:54 PM IST

पटना: जेडीयू नेता व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (Union Minister RCP Singh) अपने कार्यकाल का 1 साल भी पूरा कर सकेंगे या नहीं कल तक इस सवाल का जवाब देने से जनता दल यूनाइटेड के सभी नेता कतराते थे लेकिन अब जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा बयान (Upendra Kushwaha statement on RCP) देते हुए कहा है कि आरसीपी सिंह को कार्यकाल पूरा करने से पहले ही मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए (RCP Singh Resignation Issue) . उपेंद्र कुशवाहा के बयान से साफ हो गया है कि शायद आरसीपी सिंह अपने कार्यकाल का 1 साल भी पूरा नहीं कर सकेंगे.

पढ़ें- RCP सिंह के बंगला खाली कराने पर बोले अशोक चौधरी- 'राजनीतिक या व्यक्तिगत कारणों से नहीं लिया गया फैसला'

आरसीपी सिंह का कार्यकाल हो रहा खत्म: हालांकि राज्यसभा का उम्मीदवारी से आरसीपी का पत्ता साफ होने के बाद उन्होंने अपने कार्यकाल को पीएम नरेंद्र मोदी की स्वेच्छा पर छोड़ दिया था. साथ ही ये भी कहने से नहीं चूके कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहें तो वो इस्तीफा दे देंगे. बता दें कि आरसीपी सिंह का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है. वो कब तक मंत्री रह सकते हैं इसका फैसला लेना पीएम का काम है. प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार (Prime Minister Privilege) है कि 6 महीने तक उन्हें मंत्री की कुर्सी पर बैठाए रख सकते हैं. इसका इशारा खुद आरसीपी सिंह ने भी कर दिया था.

"मंत्रिमंडल का मामला है तो उनका कार्यकाल जब समाप्त होगा तो उससे पहले उनको खुद ही सोचना चाहिए. हम क्या मांग करेंगे? हम क्या सुझाव दे उनको खुद विचार करने की जरूरत है."- उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू संसदीय बोर्ड

इस वजह से नीतीश हैं नाराज : नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद कहा था कि हमने सहमति नहीं दी थी. आरसीपी सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और मंत्रिमंडल में शामिल होने का फैसला उनका है. हालांकि आरसीपी सिंह ने कहा कि मंत्रिमंडल में शामिल नीतीश कुमार और ललन सिंह की सहमति से हुआ था. इसी बीच आरसीपी सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मुझे किस बात की सजा मिली है, यह मुझे पता नहीं है. नीतीश कुमार ही बता सकते हैं. जहां तक मंत्रिमंडल में शामिल होने की बात है तो मैं मुख्यमंत्री की सहमति से मंत्रिमंडल में शामिल हुआ था.

हालांकि राज्यसभा उम्मीदवारों की जीत के बाद जब नीतीश से पत्रकारों ने पूछा था तो उन्होंने कहा था कि उन्हें रिजाइन देने की कोई जरूरत नहीं है. वो अपना कार्यकाल पूरा करेंगे. लेकिन जिस तरीके से पार्टी के अन्य सदस्य और पार्टी का एक्शन आरसीपी और उनके करीबियों पर चल रहा है वो कुछ और ही इशारा कर रहा है.

''जब तक उनका टेन्योर है तब तक आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्री बने रहेंगे. उसके बाद भी पूरा समय मिलता है. आरसीपी को तुरंत इस्तीफा देने की क्या जरूरत है. वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे. इसमें दिक्कत क्या है.'- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार.

बंगला से बेदखल: इन सबके बीच बिहार सरकार ने एक और बड़ा झटका आरसीपी सिंह को दिया था. पटना में जिस आलीशान बंगले में आरसीपी सिंह रहते थे उसे वापस ले लिया गया. यानी अब वे पटना के बंगले से बेदखल कर दिए गए. वह बंगला बिहार के मुख्य सचिव को अलॉट कर दिया गया है. भवन निर्माण विभाग ने बंगला अलॉट करने का आदेश जारी कर दिया. वहीं जेडीयू एमएलसी को अब दूसरा बंगला दिया गया है. लंबे समय से आरसीपी सिंह इस बंगले में रह रहे थे लेकिन जैसे ही गुटबाजी शुरू हुई आरसीपी सिंह को बंगले से बेदखल कर दिया गया.

करीबियों पर भी गिरी गाज: जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने आरसीपी सिंह समर्थकों (Supporters of RCP Singh expelled from JDU ) पर बड़ी कार्रवाई की है. जदयू प्रवक्ता अजय आलोक (JDU spokesperson Ajay Alok), जदयू महासचिव अनिल कुमार (JDU General Secretary Anil Kumar), जदयू महासचिव विपिन कुमार यादव (JDU General Secretary Vipin Kumar Yadav) और समाज सुधार सेनानी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जितेंद्र नीरज (Social Reform Fighter Cell President Jitendra Neeraj) को पद से मुक्त करते हुए प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित (JDU expelled many leaders) कर दिया गया है. माना जा रहा है कि आरसीपी सिंह के केंद्र सरकार से नजदीकियों से सीएम नीतीश (CM Nitish Kumar) नाराज हैं और यह फैसला उसी का प्रतिफल है.

मजबूती से नहीं रख सके पार्टी का एजेंडा: जदयू नेता आरसीपी सिंह मोदी कैबिनेट में इस्पात मंत्री हैं. जुलाई 2021 को आरसीपी सिंह मोदी कैबिनेट में शामिल हुए थे. तब वे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और सर्वसम्मति से कैबिनेट का हिस्सा बने थे. आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री बने और ललन सिंह को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया. केंद्र में मंत्री बने 11 महीने भी नहीं बीते थे कि नीतीश कुमार का आरसीपी सिंह से मोहभंग होना शुरू हो गया. राज्यसभा में आरसीपी सिंह का कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है. अब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से ही आरसीपी सिंह को उम्मीदें हैं.

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पटना: जेडीयू नेता व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (Union Minister RCP Singh) अपने कार्यकाल का 1 साल भी पूरा कर सकेंगे या नहीं कल तक इस सवाल का जवाब देने से जनता दल यूनाइटेड के सभी नेता कतराते थे लेकिन अब जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा बयान (Upendra Kushwaha statement on RCP) देते हुए कहा है कि आरसीपी सिंह को कार्यकाल पूरा करने से पहले ही मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए (RCP Singh Resignation Issue) . उपेंद्र कुशवाहा के बयान से साफ हो गया है कि शायद आरसीपी सिंह अपने कार्यकाल का 1 साल भी पूरा नहीं कर सकेंगे.

पढ़ें- RCP सिंह के बंगला खाली कराने पर बोले अशोक चौधरी- 'राजनीतिक या व्यक्तिगत कारणों से नहीं लिया गया फैसला'

आरसीपी सिंह का कार्यकाल हो रहा खत्म: हालांकि राज्यसभा का उम्मीदवारी से आरसीपी का पत्ता साफ होने के बाद उन्होंने अपने कार्यकाल को पीएम नरेंद्र मोदी की स्वेच्छा पर छोड़ दिया था. साथ ही ये भी कहने से नहीं चूके कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहें तो वो इस्तीफा दे देंगे. बता दें कि आरसीपी सिंह का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है. वो कब तक मंत्री रह सकते हैं इसका फैसला लेना पीएम का काम है. प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार (Prime Minister Privilege) है कि 6 महीने तक उन्हें मंत्री की कुर्सी पर बैठाए रख सकते हैं. इसका इशारा खुद आरसीपी सिंह ने भी कर दिया था.

"मंत्रिमंडल का मामला है तो उनका कार्यकाल जब समाप्त होगा तो उससे पहले उनको खुद ही सोचना चाहिए. हम क्या मांग करेंगे? हम क्या सुझाव दे उनको खुद विचार करने की जरूरत है."- उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू संसदीय बोर्ड

इस वजह से नीतीश हैं नाराज : नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद कहा था कि हमने सहमति नहीं दी थी. आरसीपी सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और मंत्रिमंडल में शामिल होने का फैसला उनका है. हालांकि आरसीपी सिंह ने कहा कि मंत्रिमंडल में शामिल नीतीश कुमार और ललन सिंह की सहमति से हुआ था. इसी बीच आरसीपी सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मुझे किस बात की सजा मिली है, यह मुझे पता नहीं है. नीतीश कुमार ही बता सकते हैं. जहां तक मंत्रिमंडल में शामिल होने की बात है तो मैं मुख्यमंत्री की सहमति से मंत्रिमंडल में शामिल हुआ था.

हालांकि राज्यसभा उम्मीदवारों की जीत के बाद जब नीतीश से पत्रकारों ने पूछा था तो उन्होंने कहा था कि उन्हें रिजाइन देने की कोई जरूरत नहीं है. वो अपना कार्यकाल पूरा करेंगे. लेकिन जिस तरीके से पार्टी के अन्य सदस्य और पार्टी का एक्शन आरसीपी और उनके करीबियों पर चल रहा है वो कुछ और ही इशारा कर रहा है.

''जब तक उनका टेन्योर है तब तक आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्री बने रहेंगे. उसके बाद भी पूरा समय मिलता है. आरसीपी को तुरंत इस्तीफा देने की क्या जरूरत है. वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे. इसमें दिक्कत क्या है.'- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार.

बंगला से बेदखल: इन सबके बीच बिहार सरकार ने एक और बड़ा झटका आरसीपी सिंह को दिया था. पटना में जिस आलीशान बंगले में आरसीपी सिंह रहते थे उसे वापस ले लिया गया. यानी अब वे पटना के बंगले से बेदखल कर दिए गए. वह बंगला बिहार के मुख्य सचिव को अलॉट कर दिया गया है. भवन निर्माण विभाग ने बंगला अलॉट करने का आदेश जारी कर दिया. वहीं जेडीयू एमएलसी को अब दूसरा बंगला दिया गया है. लंबे समय से आरसीपी सिंह इस बंगले में रह रहे थे लेकिन जैसे ही गुटबाजी शुरू हुई आरसीपी सिंह को बंगले से बेदखल कर दिया गया.

करीबियों पर भी गिरी गाज: जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने आरसीपी सिंह समर्थकों (Supporters of RCP Singh expelled from JDU ) पर बड़ी कार्रवाई की है. जदयू प्रवक्ता अजय आलोक (JDU spokesperson Ajay Alok), जदयू महासचिव अनिल कुमार (JDU General Secretary Anil Kumar), जदयू महासचिव विपिन कुमार यादव (JDU General Secretary Vipin Kumar Yadav) और समाज सुधार सेनानी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जितेंद्र नीरज (Social Reform Fighter Cell President Jitendra Neeraj) को पद से मुक्त करते हुए प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित (JDU expelled many leaders) कर दिया गया है. माना जा रहा है कि आरसीपी सिंह के केंद्र सरकार से नजदीकियों से सीएम नीतीश (CM Nitish Kumar) नाराज हैं और यह फैसला उसी का प्रतिफल है.

मजबूती से नहीं रख सके पार्टी का एजेंडा: जदयू नेता आरसीपी सिंह मोदी कैबिनेट में इस्पात मंत्री हैं. जुलाई 2021 को आरसीपी सिंह मोदी कैबिनेट में शामिल हुए थे. तब वे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और सर्वसम्मति से कैबिनेट का हिस्सा बने थे. आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री बने और ललन सिंह को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया. केंद्र में मंत्री बने 11 महीने भी नहीं बीते थे कि नीतीश कुमार का आरसीपी सिंह से मोहभंग होना शुरू हो गया. राज्यसभा में आरसीपी सिंह का कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है. अब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से ही आरसीपी सिंह को उम्मीदें हैं.

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Last Updated : Jun 14, 2022, 6:54 PM IST
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