पटना: बिहार नमन यात्रा के बाद राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को पटना के बापू सभागार में सम्राट अशोक की जयंती समारोह में शिरकत की. इस मौके पर कार्यक्रम आयोजित कर कुशवाहा ने अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की. इस दौरान बिहार के विभिन्न जिलों से हजारों कार्यकर्ताओं ने पटना के बापू सभागार में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की.
बोले उपेंद्र कुशवाहा- 'अब कहीं नहीं जाऊंगा': इस कार्यक्रम के दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने जमकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक जो भूल हुई उसे माफ करें. अब सम्राट अशोक की कसम खाकर कहता हूं कि मैं कहीं नहीं जाऊंगा. हमने अपनी पार्टी बना ली है. इस पार्टी के भरोसे राजनीति करनी है. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे पार्टी का भी एजेंडा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले और इसको लेकर भी हम लोग काम करेंगे.
सीएम नीतीश पर बरसे कुशवाहा: उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार पर जमकर बरसे और उन्होंने कहा कि हम तो उनके साथ इसीलिए गए थे कि हमें लगा था तो वह बिहार को आगे बढ़ाएंगे, जो उनकी पहली नीति थी. उसी नीति के अनुसार काम करेंगे. लेकिन कुछ दिन के बाद नीतीश कुमार बदल गए और राष्ट्रीय जनता दल का गुणगान करने लगे. उसके बाद हमने निर्णय लिया यह बात ठीक नहीं है. जिन लोगों ने पहले बिहार को बर्बाद किया आज उसी के साथ नीतीश कुमार हो गए हैं और उसी का गुणगान कर रहे हैं. उसको अपना उत्तराधिकारी बनाने को तैयार हैं. यही कारण रहा कि हम अलग हुए.
"अब जनता दल यूनाइटेड नाम की पार्टी बच गई है. उनके पार्टी में कोई लोग नहीं है. हम जब अलग हुए उसके बाद पार्टी कमजोर हो गई थी और हम धन्यवाद देना चाहेंगे भारतीय जनता पार्टी को जिन्होंने सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया. उसके बाद जदयू में जो कुछ भी बचा हुआ है पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. हमें लगता है कि अब जदयू नाम की कोई पार्टी नहीं रहेगी."- उपेंद्र कुशवाहा, आरएलजेडी अध्यक्ष
सम्राट चौधरी को बधाई: उन्होंने सम्राट चौधरी को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनने पर बधाई भी दी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं जो कहते हैं कि सम्राट चौधरी प्रदेश अध्यक्ष भाजपा के बने हैं तो उपेंद्र कुशवाहा और उन में नहीं पटेगी. ऐसी कोई बात नहीं है. अब 20वीं सदी की बात नहीं है. अब 22वीं सदी आ गई है. ऐसा कुछ नहीं होने वाला है. सभी पार्टियां अपने-अपने तरह से राजनीति करती है. जो कुछ हुआ है वह ठीक ही हुआ है.
'जाति जनगणना जरूरी': साथ ही उन्होंने पूरे देश में जाति जनगणना कराने की मांग केंद्र सरकार से की और कहा कि जब तक जाति जनगणना पूरे देश में नहीं होगी तब तक सामाजिक न्याय नहीं हो सकता है. इसीलिए सरकार को चाहिए कि पूरे देश में पता करें कि जो पिछड़ी जातियां पिछड़ी जाति या अनुसूचित अनुसूचित जनजाति हैं, उनकी संख्या कितनी है. उसके आधार पर उन्हें सरकारी योजना का लाभ मिले.