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बिहार में खुलेगा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, सभी मेडिकल कॉलेज होंगे अधीन

बिहार में मेडिकल यूनिवर्सिटी खुलेगा. राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, पैरामेडिकल संस्थान, आयुर्वेदिक कॉलेज और यूनानी संस्थान इसकेअधीन संचालित होंगे.

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Published : Jul 10, 2019, 5:22 PM IST

पटना: बिहार में स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय खुलने जा रहा है. राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, पैरामेडिकल संस्थान, आयुर्वेदिक कॉलेज और यूनानी संस्थान इसके अधीन होंगे. विश्वविद्यालय के स्वरूप के लिए राज्य सरकार ने 4 सदस्यीय कमेटी बनाई है.

AKU करता है संचालन
राज्य में अभी मेडिकल कॉलेजों का संचालन आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय करता है. स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विभाग के संयुक्त सचिव कौशल किशोर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है.

2020 तक होगी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना
इसमें सदस्य के तौर पर एनएमसीएच के प्राचार्य प्रोफेसर विजय कुमार गुप्ता, पीएमसीएच के अधीक्षक प्रोफेसर राजीव रंजन प्रसाद और केयर संस्था के एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया है. कमेटी को 3 महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपनी है. इधर एमसीआई ने बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य डॉ विनोद कुमार पाल की ओर से जारी पत्र में कहा है कि बिहार में दिसंबर 2020 तक स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना कर लेनी है.

बिहार में खुलेगा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय

मेडिकल यूनिवर्सिटी की जरूरत
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय मेडिकल के अलावा तकनीकी शिक्षण संस्थानों को भी संचालित करता है. पिछले कई वर्षों से मेडिकल शिक्षा पिछड़ रही थी और विश्वविद्यालय पर अधिक बोझ होने के कारण न तो समय से एमबीबीएस की परीक्षा हो पा रही थी और न ही शैक्षणिक कैलेंडर के अन्य कार्य. इसलिए एमसीआई द्वारा 4 अप्रैल 2019 को जारी पत्र के आलोक में स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय शुरू करने का निर्णय लिया गया था.

राज्य में 12 सरकारी, 5 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज
फिलहाल राज्य में 12 सरकारी और पांच प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं. हर साल एमबीबीएस में 1180 सीटों पर दाखिला होता है. राज्य में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या अब अगले 5 वर्षों में 25 हो जाएगी, जिससे मेडिकल के छात्रों को राहत मिलेगी और सही समय पर शैक्षणिक कैलेंडर नियमित हो सकेगा.

पटना: बिहार में स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय खुलने जा रहा है. राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, पैरामेडिकल संस्थान, आयुर्वेदिक कॉलेज और यूनानी संस्थान इसके अधीन होंगे. विश्वविद्यालय के स्वरूप के लिए राज्य सरकार ने 4 सदस्यीय कमेटी बनाई है.

AKU करता है संचालन
राज्य में अभी मेडिकल कॉलेजों का संचालन आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय करता है. स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विभाग के संयुक्त सचिव कौशल किशोर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है.

2020 तक होगी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना
इसमें सदस्य के तौर पर एनएमसीएच के प्राचार्य प्रोफेसर विजय कुमार गुप्ता, पीएमसीएच के अधीक्षक प्रोफेसर राजीव रंजन प्रसाद और केयर संस्था के एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया है. कमेटी को 3 महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपनी है. इधर एमसीआई ने बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य डॉ विनोद कुमार पाल की ओर से जारी पत्र में कहा है कि बिहार में दिसंबर 2020 तक स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना कर लेनी है.

बिहार में खुलेगा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय

मेडिकल यूनिवर्सिटी की जरूरत
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय मेडिकल के अलावा तकनीकी शिक्षण संस्थानों को भी संचालित करता है. पिछले कई वर्षों से मेडिकल शिक्षा पिछड़ रही थी और विश्वविद्यालय पर अधिक बोझ होने के कारण न तो समय से एमबीबीएस की परीक्षा हो पा रही थी और न ही शैक्षणिक कैलेंडर के अन्य कार्य. इसलिए एमसीआई द्वारा 4 अप्रैल 2019 को जारी पत्र के आलोक में स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय शुरू करने का निर्णय लिया गया था.

राज्य में 12 सरकारी, 5 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज
फिलहाल राज्य में 12 सरकारी और पांच प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं. हर साल एमबीबीएस में 1180 सीटों पर दाखिला होता है. राज्य में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या अब अगले 5 वर्षों में 25 हो जाएगी, जिससे मेडिकल के छात्रों को राहत मिलेगी और सही समय पर शैक्षणिक कैलेंडर नियमित हो सकेगा.

Intro:बिहार में खुलेगा मेडिकल यूनिवर्सिटी राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, पैरामेडिकल संस्थान, आयुर्वेदिक कॉलेज और यूनानी संस्थान इसके अधीन होंगे संचालित


Body:बिहार में स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय खुलने जा रहा है, राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, पैरामेडिकल संस्थान, आयुर्वेदिक कॉलेज और यूनानी संस्थान इसके अधीन होंगे, विश्वविद्यालय का क्या स्वरूप हो इसके लिए राज्य सरकार ने 4 सदस्य कमेटी बनाई है, राज्य में अभी मेडिकल कॉलेजों का संचालन आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय करता है, स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है ,कि स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विभाग के संयुक्त सचिव कौशल किशोर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है, इसमें सदस्य के तौर पर एनएमसीएच के प्राचार्य प्रोफेसर विजय कुमार गुप्ता, पीएमसीएच के अधीक्षक प्रोफेसर राजीव रंजन प्रसाद और केयर संस्था के एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया है कमेटी को 3 महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपी है
इधर एमसीआई ने बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य डॉ विनोद कुमार पाल की ओर से जारी पत्र में कहा है कि बिहार में दिसंबर 2020 तक स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना कर लेनी है।


Conclusion: मेडिकल यूनिवर्सिटी कि जरूरत क्यो....:---

आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय मेडिकल के अलावा तकनीकी शिक्षण संस्थानों को भी संचालित करता है, पिछले कई वर्षों से मेडिकल शिक्षा पिछड़ रही थी और विश्वविद्यालय पर अधिक बोझ होने के कारण न तो समय से एमबीबीएस की परीक्षा हो पा रही थी और नहीं शैक्षणिक कैलेंडर के अन्य कार्य, इसलिए एमसीआई द्वारा 4 अप्रैल 2019 को जारी पत्र के आलोक में स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय शुरू करने का निर्णय लिया गया था।
फिलहाल राज्य में 12 सरकारी एवं पांच प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं, हर साल एमबीबीएस में 1180 सीटों पर दाखिला होता है राज्य में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या अब अगले 5 वर्षों में 25 हो जाएगी जिससे मेडिकल के छात्रों को राहत मिलेगी एवं सही समय पर शैक्षणिक कैलेंडर नियमित हो सकेगा



बाईट-प्रोफेसर राजीव रंजन प्रसाद
अधीक्षक,पीएमसीएच
सह
सदस्य, मेडिकल यूनिवर्सिटी कमिटी
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