पटना : बिहार में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय अहम बैठक बुलाई गई है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं. बैठक में कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन और अरुणाचल प्रदेश में पार्टी में हुई विधायकों की टूट पर चर्चा की जाएगी. इस बारे में पार्टी के प्रधान महासचिव पहले ही जानकारी दे चुके हैं.
अरुणाचल प्रदेश में 25 दिसंबर को हुए सियासी उलटफेर की गर्माहट बिहार में तेज हो गई है. विपक्ष अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू विधायकों के बीजेपी में शामिल होने को लेकर हमलावर है और इस बात का दावा कर रहा है कि बिहार में भी ऐसे ही नीतीश कुमार की पार्टी के विधायक बीजेपी तोड़ देगी. वहीं, संसद में जदयू ने संसोधित तीनों किसान बिल का समर्थन तो किया पर सड़क पर उसका स्टैंड क्लियर नहीं है. इसपर पार्टी के नेता भी कुछ भी बयान देने से बच रहे हैं.
लोजपा का व्यवहार भूली नहीं है जेडीयू
दूसरी तरफ बिहार विधानसभा चुनाव में जिस तरह से लोजपा ने जदयू को नुकसान पहुंचाया, उसपर भी मंथन किया जाएगा. गौरतलब हो कि लोजपा ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बात करती रही और उसने उन्हीं सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे, जहां जेडीयू भी चुनावी मैदान में थी. वहीं, बीजेपी ने इस बात का खंडन किया लेकिन पीएम मोदी ने कभी भी लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के खिलाफ बयान नहीं दिया. बहरहाल, जेडीयू की कार्यकारिणी की बैठक में इसपर भी चर्चा होगी.
बंगाल चुनाव को लेकर रणनीति
बंगाल विधानसभा चुनाव सिर पर है. पार्टी ने यहां चुनाव लड़ने की बात कही है. ऐसे में क्या कुछ रणनीति के तहत चुनाव लड़ा जाए इसपर भी चर्चा की जाएगी. कुल मिलाकर कहें तो कई मुद्दों पर मंथन किया जाएगा. लेकिन सवाल उठता है कि मंथन से कुछ हल निकलेगा कि नहीं.