गोपालगंज: संसद भवन (Parliament Of India) का फर्जी एंट्री पास बनाने के मामले में गिरफ्तार बबलू आर्या और महेश कुमार को जेल भेज दिया गया है. ये कार्रवाई सांसद डॉ. आलोक कुमार सुमन की शिकायत पर दिल्ली क्राइम ब्रांच (Delhi Crime Branch) ने की है. इस मामले क्राइम ब्रांच की टीम ने मंत्री जनक राम (Minister Janak Ram) के निजी आप्त सचिव समेत तीन को गिरफ्तार किया था.
यह भी पढ़ें - संसद भवन में फर्जी एंट्री पास का मामला: JDU सांसद ने कहा- मीडिया में गलत बयान दे रहे हैं मंत्री जनक राम
गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, फुलवरिया थाने के रामसन पेनुला गांव के रहने वाले बबलू आर्य और कुचायकोट के दउदा रामपुर गांव के रहने वाले ज्योति भूषण भारती दोनों जनक राम के निजी आप्त सचिव थे. जबकि तीसरा व्यक्ति कैफे संचालक महेश कुमार नगर थाने के नोनिया टोला का रहने वाला है.
आरोप है कि संसद भवन में एंट्री पास के लिए सांसद डॉ. आलोक कुमार सुमन के फर्जी लेटर पैड और मुहर समेत अन्य फर्जी दस्तावेजों को महेश ने ही तैयार किया था. दिल्ली क्राइम ब्रांच ने मंत्री के दोनों निजी सचिवों की गिरफ्तारी दिल्ली से की थी. पूछताछ के बाद मंत्री जनक राम के निजी आप्त सचिव की निशानदेही पर गोपालगंज में साइबर कैफे संचालक महेश कुमार को गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम गिरफ्तार आरोपी को दिल्ली लेकर आई. जहां पुछताछ के बाद बबलू आर्या और महेश कुमार को जेल भेज दिया है.
बात दें कि मंत्री जनक राम भाजपा की टिकट पर चुनाव जीतकर 2014 से 2019 तक गोपालगंज के सांसद रहे. साल 2019 में जेडीयू के कोटे से सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन बने. इसी बीच पूर्व सांसद के निजी सचिव रहे बबलू आर्या ने वर्तमान सांसद का फर्जी लेटर पैड, मुहर और हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर संसद भवन में इंट्री का पास बनवा लिया. जब इस बात की जानकारी वर्तमान सांसद डॉक्टर आलोक कुमार सुमन को लगी तो उन्होंने 3 सितंबर 2021 को स्पीकर, गृह विभाग, पीएमओ और मुख्यमंत्री के पास शिकायत की.
बात दें कि गृह विभाग ने पूरे मामले की जांच करायी है. दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है. नई दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में मामले की प्राथमिकी दर्ज कर मंत्री के दोनों आप्त सचिव और स्कैनिंग कर पास बनानेवाले युवक को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई है. जिसके बाद दो को जेल भेज दिया गया है. साथ ही मामले में आगे की जांच की जा रही है.
दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम अब ये जानने की कोशिश कर रही है कि आरोपियों ने कितने लोगों को ऐसे पास बनाकर दिए हैं. चूंकि ये मामला देश की संसद और उसकी सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. इसलिए दिल्ली पुलिस कोई भी कोताही नहीं बरत रही है. संसद भवन में इंट्री के लिए फर्जी पास बनाने की मंशा क्या थी, इसकी जांच नेशनल सुरक्षा एजेंसी कर रही है.
यह भी पढ़ें - MP के फर्जी लेटर पैड से मंत्री जनक राम के PA ने बनाया था संसद का पास.. ऐसे हुई कार्रवाई