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दावा: पटना AIIMS ने खोजी कैंसर के इलाज की नई तकनीक, छाती में गरम करके कैंसर की दवा दी गयी

पटना एम्स ने कैंसर के इलाज में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. एम्स के डॉक्टरों ने दावा किया है कि दो कैंसर (Operation In AIIMS Patna) पीड़ित मरीजों के ऑपरेशन में जो तकनीक इस्तेमाल किया गया वो अब तक किसी भी सरकारी अस्पताल में नहीं किया गया है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

पटना एम्स में कैंसर मरीज का सफल ऑपरेशन
पटना एम्स में कैंसर मरीज का सफल ऑपरेशन
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Published : Mar 22, 2022, 10:32 AM IST

Updated : Mar 22, 2022, 11:26 AM IST

पटना: राजधानी पटना के एम्स में फेफड़े के कैंसर से पीड़ित दो मरीजों का नए तकनीक से सफल ऑपरेशन कर एम्स ने इतिहास बनाया है. कैंसर पीड़ित दो लोगों के सफल ऑपरेशन के बाद एम्स के डॉक्टरों ने दावा किया कि ऑपरेशन में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया. जो अब तक देश में किसी भी सरकारी अस्पताल में नहीं किया गया है. एम्स प्रबंधन की ओर से बताया गया कि कैंसर (Treatment Of Cancer Patients In Patna AIIMS ) पीड़ित एक 60 साल की महिला और 25 साल के युवक की नए तरीके से सर्जरी कर कैंसर ठीक की गई.

ये भी पढ़ें- पटना AIIMS का रिसर्चः नींद कम आने से बीमार हो रहे बच्चे, मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा प्रभाव

पटना एम्स में नए तकनीक से कैंसर का इलाज: बता दें कि पटना एम्स के डॉक्टरों ने दावा किया कि संस्थान में फेफड़े के कैंसर के दो मरीजों का ऑपरेशन किया गया है. डॉक्टरों का बताया कि कैंसर का जिस नई विधि से इलाज किया गया है, उससे बिहार में एक नई क्रांति आई है. डॉक्टरों ने बताया कि फेफड़े का कैंसर अक्सर बहुत देरी से पता चल पाता है ऐसे में जब तक पता चलता है तब तक उम्मीद खत्म हो जाती है. अभी तक कैंसर का इलाज ऑपरेशन से संभव नहीं था. ऐसे मरीजों में कैंसर पूरी छाती में फैल जाती थी और उन्हें बचाना मुश्किल हो जाता था. लेकिन नई तकनीक से ऐसे मरीजों का ऑपरेशन कर उनकी जान को बचाना आसान हो गया है.

पटना एम्स में कैंसर पीड़ित दो मरीजों का सफल ऑपरेशन: बता दें कि फेफड़े के कैंसर से पीड़ित सारण की 60 वर्षीय महिला और मोकामा के 25 वर्षीय युवक का नए तकनीक से पटना एम्स में डॉक्टरों ने सफल ऑपरेशन किया है. दोनों के पूरे छाती में कैंसर फैल गया था. जिन्हें बचाना बहुत मुश्किल था और साधारण तरीके से ऑपरेशन संभव नहीं था. पहली बार देश में नए तकनीक का प्रयोग करते हुए पटना एम्स के डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया. इन दोनों मरीजों का ऑपरेशन का अधिकांश खर्च मुख्यमंत्री चिकित्सा अनुदान से हुआ है और इस पूरे ऑपरेशन में ₹300000 खर्च हुआ. ऑपरेशन के बाद दोनों मरीज अब स्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है. पटना एम्स की इस सफलता पर एम्स के निदेशक डॉ सौरभ वार्ष्णेय ने सर्जरी करने वाली पूरी टीम को बधाई दी.

ये भी पढ़ें- दूर होगा गंजापन! सस्ता और टिकाऊ तरीका ढूंढ रहा पटना AIIMS

हिटहोक विधि से फेफड़े के कैंसर का इलाज: वहीं, पटना एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ सीएम सिंह ने बताया कि कैंसर सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ जगजीत कुमार पांडे के नेतृत्व में पूरी सर्जरी की गई. इस सर्जरी के बाद मरीज की छाती को गर्म करके कैंसर की दवा दी गई जिससे कि कैंसर के ना दिखने वाले पार्ट को भी पूरी तरह से नष्ट किया जा सके. उन्होंने बताया कि इस विधि को HITHOC सर्जरी कहते हैं. इस विधि से फेफड़े के कैंसर का इलाज देश में पहली बार हुआ है. इस ऑपरेशन करने वाले टीम में डॉक्टर दीपेंद्र राय, डॉक्टर प्रितांजली सिंह, डॉक्टर सौरभ करमाकर, डॉ. कुणाल सिंह, डॉ. सत्यनारायण, डॉ. राहुल और डॉ. सतीश शामिल थे. टीम में शामिल चिकित्सकों को इस बात का गर्व है कि उन्होंने इस सफल सर्जरी में हिस्सा लिया है और कैंसर के इलाज में एक कीर्तिमान स्थापित किया.


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पटना: राजधानी पटना के एम्स में फेफड़े के कैंसर से पीड़ित दो मरीजों का नए तकनीक से सफल ऑपरेशन कर एम्स ने इतिहास बनाया है. कैंसर पीड़ित दो लोगों के सफल ऑपरेशन के बाद एम्स के डॉक्टरों ने दावा किया कि ऑपरेशन में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया. जो अब तक देश में किसी भी सरकारी अस्पताल में नहीं किया गया है. एम्स प्रबंधन की ओर से बताया गया कि कैंसर (Treatment Of Cancer Patients In Patna AIIMS ) पीड़ित एक 60 साल की महिला और 25 साल के युवक की नए तरीके से सर्जरी कर कैंसर ठीक की गई.

ये भी पढ़ें- पटना AIIMS का रिसर्चः नींद कम आने से बीमार हो रहे बच्चे, मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा प्रभाव

पटना एम्स में नए तकनीक से कैंसर का इलाज: बता दें कि पटना एम्स के डॉक्टरों ने दावा किया कि संस्थान में फेफड़े के कैंसर के दो मरीजों का ऑपरेशन किया गया है. डॉक्टरों का बताया कि कैंसर का जिस नई विधि से इलाज किया गया है, उससे बिहार में एक नई क्रांति आई है. डॉक्टरों ने बताया कि फेफड़े का कैंसर अक्सर बहुत देरी से पता चल पाता है ऐसे में जब तक पता चलता है तब तक उम्मीद खत्म हो जाती है. अभी तक कैंसर का इलाज ऑपरेशन से संभव नहीं था. ऐसे मरीजों में कैंसर पूरी छाती में फैल जाती थी और उन्हें बचाना मुश्किल हो जाता था. लेकिन नई तकनीक से ऐसे मरीजों का ऑपरेशन कर उनकी जान को बचाना आसान हो गया है.

पटना एम्स में कैंसर पीड़ित दो मरीजों का सफल ऑपरेशन: बता दें कि फेफड़े के कैंसर से पीड़ित सारण की 60 वर्षीय महिला और मोकामा के 25 वर्षीय युवक का नए तकनीक से पटना एम्स में डॉक्टरों ने सफल ऑपरेशन किया है. दोनों के पूरे छाती में कैंसर फैल गया था. जिन्हें बचाना बहुत मुश्किल था और साधारण तरीके से ऑपरेशन संभव नहीं था. पहली बार देश में नए तकनीक का प्रयोग करते हुए पटना एम्स के डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया. इन दोनों मरीजों का ऑपरेशन का अधिकांश खर्च मुख्यमंत्री चिकित्सा अनुदान से हुआ है और इस पूरे ऑपरेशन में ₹300000 खर्च हुआ. ऑपरेशन के बाद दोनों मरीज अब स्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है. पटना एम्स की इस सफलता पर एम्स के निदेशक डॉ सौरभ वार्ष्णेय ने सर्जरी करने वाली पूरी टीम को बधाई दी.

ये भी पढ़ें- दूर होगा गंजापन! सस्ता और टिकाऊ तरीका ढूंढ रहा पटना AIIMS

हिटहोक विधि से फेफड़े के कैंसर का इलाज: वहीं, पटना एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ सीएम सिंह ने बताया कि कैंसर सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ जगजीत कुमार पांडे के नेतृत्व में पूरी सर्जरी की गई. इस सर्जरी के बाद मरीज की छाती को गर्म करके कैंसर की दवा दी गई जिससे कि कैंसर के ना दिखने वाले पार्ट को भी पूरी तरह से नष्ट किया जा सके. उन्होंने बताया कि इस विधि को HITHOC सर्जरी कहते हैं. इस विधि से फेफड़े के कैंसर का इलाज देश में पहली बार हुआ है. इस ऑपरेशन करने वाले टीम में डॉक्टर दीपेंद्र राय, डॉक्टर प्रितांजली सिंह, डॉक्टर सौरभ करमाकर, डॉ. कुणाल सिंह, डॉ. सत्यनारायण, डॉ. राहुल और डॉ. सतीश शामिल थे. टीम में शामिल चिकित्सकों को इस बात का गर्व है कि उन्होंने इस सफल सर्जरी में हिस्सा लिया है और कैंसर के इलाज में एक कीर्तिमान स्थापित किया.


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Last Updated : Mar 22, 2022, 11:26 AM IST
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