पटना: बिहार पुलिस में ट्रांसजेंडर का बहाली का रास्ता साफ हो गया है. गृह विभाग के आरक्षी शाखा द्वारा पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया कि अन्य सरकारी सेवाओं के समान बिहार पुलिस में भी ट्रांसजेंडर व्यक्ति को सेवा में नियुक्त के लिए नीतिगत निर्णय लेने का मामला राज्य सरकार के समक्ष विचाराधीन था. बिहार पुलिस की विशिष्ट आवश्यकताओं और कर्तव्य के मद्देनजर इसमें ट्रांसजेंडर व्यक्ति को नियुक्त करने के संबंध में नीतिगत निर्णय लिया जाना है. ट्रांसजेंडर द्वारा पटना हाई कोर्ट में आवेदन दिया गया था कि बिहार पुलिस बहाली में ट्रांसजेंडर कॉलम को खत्म कर दिया गया है. जिसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद राज्य सरकार को निर्देश दिया था.
बिहार में 0.039 फीसदी हैं ट्रांसजेंडर
गृह विभाग के आरक्षी शाखा द्वारा पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है कि समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सरकारी सेवाओं में होना चाहिए और पुलिस में इसकी आवश्यकता सर्वाधिक है. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल जनसंख्या 10.41 करोड़ थी. जिसमें ट्रांसजेंडर वर्ग की जनसंख्या 40,827 थी. इस प्रकार राज्य की जनसंख्या में इस वर्ग का प्रतिनिधित्व 0.039 फीसदी अर्थात प्रत्येक एक लाख पर 39 ट्रांसजेंडर हैं. समानता आरक्षण की व्यवस्था जनसंख्या प्रतिनिधित्व के समरूप रहती है. बिहार पुलिस में वर्तमान स्वीकृत बल एक लाख 30 हजार 243 के अनुसार जनसंख्या प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए बिहार पुलिस के वर्तमान बल में कम से कम 51 पद पर ट्रांसजेंडर वर्ग का प्रतिनिधित्व होना चाहिए. अर्थात करीब 2,550 पुलिस पदाधिकारी-कर्मी पर एक ट्रांसजेंडर वर्ग से होना चाहिए.
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पुलिस में होगी ट्रांसजेंडरों की बहाली
इनमें सिपाही एवं अवर निरीक्षक जिनमें सीधी नियुक्ति होती है. वैसे पदों की संख्या क्रमश 41 से 10 हो सकती है. गृह विभाग का मानना है कि आंकड़ों से स्पष्ट है कि इस समुदाय का जनसांख्यिकी प्रतिनिधित्व अत्यंत अल्प है. बिहार पुलिस संगठन में सिपाही एवं पुलिस अवर निरीक्षक के पदों पर किन्नर, कोथी, हिजरा और ट्रांसजेंडर किसी की भी नियुक्ति की जा सकेगी. सिपाही स्वर्ग के लिए नियुक्त प्राधिकार पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अवर निरीक्षक के लिए नियुक्त प्राधिकार पुलिस उपमहानिरीक्षक स्तर के पदाधिकारी होंगे.