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Bihar News: बिहार की ट्रांसजेंडर मोनिका दास को चुनाव आयोग ने बनाया स्टेट आईकॉन, जानें उपलब्धि

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Published : Apr 18, 2023, 10:53 PM IST

बिहार की ट्रांसजेंडर मोनिका दास को एक और उपलब्धि हासिल हो गई है. उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया में सक्रिय योगदान के लिए स्टेट आईकॉन बनाया गया है. मोनिका दास देश की पहली ट्रांसजेंडर हैं जिनके नाम देश की पहली ट्रांसजेंडर राष्ट्रीयकृत बैंक में कर्मचारी के रूप में काम करने का गौरव प्राप्त है. पढ़ें पूरी खबर-

मोनिका दास ट्रांसजेंडर
मोनिका दास ट्रांसजेंडर

पटना: निर्वाचन प्रक्रिया में ट्रांसजेंडर समुदाय की सक्रिय सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिए बिहार की ट्रांसजेंडर मोनिका दास को स्टेट आईकॉन बनाया गया है. मोनिका दास ट्रांसजेंडर समुदाय से आती हैं और वर्तमान में पटना के कंकड़बाग के केनरा बैंक की ब्रांच में अधिकारी हैं. बता दें कि मोनिका दास पहले ही बिहार के चुनाव में पीठासीन अधिकारी के रूप में योगदान करने वाली पहली ट्रांसजेंडर का रिकॉर्ड बना चुकी हैं. उनका ये योगदान देशभर में पहला है.

ये भी पढ़ें- Tej Pratap Yadav Threat: मंत्री तेजप्रताप यादव के बाइक शोरूम में तोड़फोड़ के बाद दी गई फोन पर धमकी

कौन हैं मोनिका दास? : मोनिका दास ट्रांसजेंडर हैं और पटना लॉ कॉलेज से ग्रेजुएट हैं. उन्होंने अपना स्कूली शिक्षा नवोदय विद्यालय से किया है. मोनिका के पिता सेल्स टैक्स में अफसर थे जबकि उनकी मां अनीता भारत दूरसंचार निगम की रिटायर्ड कर्मचारी रही हैं. मोनिका दास को देश की पहली ट्रांसजेंडर महिला हैं जो एक राष्ट्रीय बैंक में अफसर के तौर पर काम कर रही हैं. 2015 में मोनिका दास ने केनरा बैंक को ज्वाइन किया था. पहले भी मोनिका दास (35 साल) बिहार विधानसभा के चुनाव में पहली ट्रांसजेंडर पीठासीन अधिकारी के रूप में बूथ को संभाल चुकी हैं.

मोनिका दास बनी स्टेट आईकॉन: मोनिका ट्रांसजेंडर हैं इसकी जानकारी तब लगी जब वो तीन साल की थीं. थोड़ी बड़ी होने पर उनके बातचीत का तरीका और रहन सहन की वजह से कोई भी उनसे दोस्ती नहीं करता था. इतना सब होते हुए भी मोनिका कभी नेगेटिव नहीं हुईं. उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी. बैंक में सलेक्शन होने के बाद उन्हें पीठासीन अधिकारी बनने का भी मिल चुका है. मोनिका जैसे बहुत से लोग दूसरे क्या कहेंगे सोचकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेते हैं. लेकिन उन्होंने अपनी जिंदगी का एक लक्ष्य निर्धारित किया और उसे मुकाम तक पहुंचाया.

पटना: निर्वाचन प्रक्रिया में ट्रांसजेंडर समुदाय की सक्रिय सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिए बिहार की ट्रांसजेंडर मोनिका दास को स्टेट आईकॉन बनाया गया है. मोनिका दास ट्रांसजेंडर समुदाय से आती हैं और वर्तमान में पटना के कंकड़बाग के केनरा बैंक की ब्रांच में अधिकारी हैं. बता दें कि मोनिका दास पहले ही बिहार के चुनाव में पीठासीन अधिकारी के रूप में योगदान करने वाली पहली ट्रांसजेंडर का रिकॉर्ड बना चुकी हैं. उनका ये योगदान देशभर में पहला है.

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कौन हैं मोनिका दास? : मोनिका दास ट्रांसजेंडर हैं और पटना लॉ कॉलेज से ग्रेजुएट हैं. उन्होंने अपना स्कूली शिक्षा नवोदय विद्यालय से किया है. मोनिका के पिता सेल्स टैक्स में अफसर थे जबकि उनकी मां अनीता भारत दूरसंचार निगम की रिटायर्ड कर्मचारी रही हैं. मोनिका दास को देश की पहली ट्रांसजेंडर महिला हैं जो एक राष्ट्रीय बैंक में अफसर के तौर पर काम कर रही हैं. 2015 में मोनिका दास ने केनरा बैंक को ज्वाइन किया था. पहले भी मोनिका दास (35 साल) बिहार विधानसभा के चुनाव में पहली ट्रांसजेंडर पीठासीन अधिकारी के रूप में बूथ को संभाल चुकी हैं.

मोनिका दास बनी स्टेट आईकॉन: मोनिका ट्रांसजेंडर हैं इसकी जानकारी तब लगी जब वो तीन साल की थीं. थोड़ी बड़ी होने पर उनके बातचीत का तरीका और रहन सहन की वजह से कोई भी उनसे दोस्ती नहीं करता था. इतना सब होते हुए भी मोनिका कभी नेगेटिव नहीं हुईं. उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी. बैंक में सलेक्शन होने के बाद उन्हें पीठासीन अधिकारी बनने का भी मिल चुका है. मोनिका जैसे बहुत से लोग दूसरे क्या कहेंगे सोचकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेते हैं. लेकिन उन्होंने अपनी जिंदगी का एक लक्ष्य निर्धारित किया और उसे मुकाम तक पहुंचाया.

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