पटना: राज्यभर में आपसी भाईचारा और प्रेम सौहार्द के साथ होली पर्व मनाया जा रहा है. वहीं, जिले के मसौढ़ी प्रखंड स्थित तारेगना डीह गांव में होलिका दहन होने के बाद उसकी सुबह राख और मिट्टी से होली खेलने की परंपरा है. इसलिए यहां पर सुबह से ही बच्चे और होली खेलने वाले लोग मिट्टी से होली खेलने में लगे हुए हैं.
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बताया जा रहा है कि मिट्टी से होली खेलने के लिए एक गढ्ढे में पानी भरकर मिट्टी और राख से घोल बनाते हैं और एक दूसरे को लगाते हैं. इसके पीछ कई तरह की मन्यताएं है. कहा जाता है कि मिट्टी शुद्ध होती है. गांवों में वर्षों से चली आ रही यह परंपरा धिरे-धिरे विलुप्त हो रही है. अब कहीं-कहीं ही लोग इस परंपरा को निभा रहे हैं.
रंगों की होली
ग्रामीणों ने बताया कि सुबह के समय में लोग मिट्टी से होली खेलते हैं. फिर दोपहर में रंगों की होली और शाम में अबीर की होली खेलते हैं.