ETV Bharat / state

पटना: सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने किया प्रदर्शन - ट्रेड यूनियनों ने किया प्रदर्शन

पटना में किसानों मजदूरों की समस्याओं वह देश में सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण के खिलाफ श्रमिक संगठनों ने प्रदर्शन किया. श्रमिकों ने स्टेशन गोलंबर के पास केंद्रीय श्रमिक संगठन के देशव्यापी अह्वाहन के बाद सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

Trade unions protest against privatization
ट्रेड यूनियनों ने किया प्रदर्शन
author img

By

Published : Aug 9, 2020, 7:20 PM IST

पटना: किसानों की समस्याओं और देश के सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण के खिलाफ अखिल भारतीय दो दिवसीय विरोध दिवस मना रहा है. केंद्रीय श्रमिक संगठन ने पटना स्टेशन गोलंबर पर राज्य और केंद्र सरकार को कॉरपोरेट की सरकार बताते हुए जमकर सरकार विरोधी नारेबाजी की. इंटक अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को जनता की फ़िक्र नहीं है, केवल कॉरपोरेट घराने के हीत से मतलब है. कोरोना महामारी में लॉकडाउन के कारण लाखों लोग बेरोजगार हो गए है. जानता भूखमरी की स्थिति में है. जहां सरकार एक तरफ रोजगार देने में असफल हो रही है, दूसरी तरफ देश के कई बड़े और मुनाफे वाले क्षेत्रों का निजीकरण कर रही है.

निजीकरण से बाढ़ रहा बेरोजगारी
देश के सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण से गरीब लोगों, मजदूरों और किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. इसके खिलाफ सभी श्रमिक संगठनों ने एक साथ अपनी आवाज को बुलंद किया है और यह फैसला किया है कि अब सरकार के अंधे कानून का हम विरोध करेंगे. जिसकी शुरुआत आज अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर शुरू की गई है. अगर सरकार अभी नहीं मानती है तो हम अपनी ताकत को दिखाएंगे और केंद्र सरकार और बिहार सरकार को उखाड़ फेंकने का कार्य करेंगे.

पूरा मामला
सरकारी संपति को पुंजीपतियों के हाथों बेचे जाने के खिलाफ अखिल भारतीय दो दिवसीय विरोध दिवस मनाया जा रहा है. इसके तहत बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ शाखा नवादा संवद्ध ऐक्टू के बैनर तले सरकार विरोधी नारे ल गाए गए. कर्मचारियों ने भारत बचाओ, संविधान बचाओ और मजदूर बचाओ रोजगार बचाओ के नारे लगाए. कर्मियों की मांग है कि सभी सफाई कर्मियों को हर महीने की 5 तारीख को वेतन की गारंटी दें और कोविड-19 के समय काम कर रहे मजदूरो को वेतन के समतुल्ल वेतन दिया जाए. साथ ही सुरक्षा किट और 50 लाख रुपये बीमा देने की मांग की गई.

पटना: किसानों की समस्याओं और देश के सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण के खिलाफ अखिल भारतीय दो दिवसीय विरोध दिवस मना रहा है. केंद्रीय श्रमिक संगठन ने पटना स्टेशन गोलंबर पर राज्य और केंद्र सरकार को कॉरपोरेट की सरकार बताते हुए जमकर सरकार विरोधी नारेबाजी की. इंटक अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को जनता की फ़िक्र नहीं है, केवल कॉरपोरेट घराने के हीत से मतलब है. कोरोना महामारी में लॉकडाउन के कारण लाखों लोग बेरोजगार हो गए है. जानता भूखमरी की स्थिति में है. जहां सरकार एक तरफ रोजगार देने में असफल हो रही है, दूसरी तरफ देश के कई बड़े और मुनाफे वाले क्षेत्रों का निजीकरण कर रही है.

निजीकरण से बाढ़ रहा बेरोजगारी
देश के सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण से गरीब लोगों, मजदूरों और किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. इसके खिलाफ सभी श्रमिक संगठनों ने एक साथ अपनी आवाज को बुलंद किया है और यह फैसला किया है कि अब सरकार के अंधे कानून का हम विरोध करेंगे. जिसकी शुरुआत आज अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर शुरू की गई है. अगर सरकार अभी नहीं मानती है तो हम अपनी ताकत को दिखाएंगे और केंद्र सरकार और बिहार सरकार को उखाड़ फेंकने का कार्य करेंगे.

पूरा मामला
सरकारी संपति को पुंजीपतियों के हाथों बेचे जाने के खिलाफ अखिल भारतीय दो दिवसीय विरोध दिवस मनाया जा रहा है. इसके तहत बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ शाखा नवादा संवद्ध ऐक्टू के बैनर तले सरकार विरोधी नारे ल गाए गए. कर्मचारियों ने भारत बचाओ, संविधान बचाओ और मजदूर बचाओ रोजगार बचाओ के नारे लगाए. कर्मियों की मांग है कि सभी सफाई कर्मियों को हर महीने की 5 तारीख को वेतन की गारंटी दें और कोविड-19 के समय काम कर रहे मजदूरो को वेतन के समतुल्ल वेतन दिया जाए. साथ ही सुरक्षा किट और 50 लाख रुपये बीमा देने की मांग की गई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.