पटना: दानापुर 1971 में भारत -पाक युद्ध में मिली जीत की 50वीं वर्षगांठ के अवसर में निकाली भारतीय सेना की स्वर्णिम विजय मशाल सोमवार को बिहार रेजिमेंट पहुंची. दानापुर पहुंचते ही जुलूस शक्ल में इसे बिहार रेजिमेंट सेंटर ले जाया गया. जुलूस के दौरान जगह-जगह पर नगरवासियों ने विजय ज्योति मशाल का स्वागत किया. इस दौरान भारत माता के जयकारे लगे.
दानापुर कैंट पहुंची विजय मशाल
सोमवार को स्वर्णिम विजय मशाल दानापुर पहुंची. मशाल के पहुंचने पर जगह-जगह पर लोगों ने मशाल पर पुष्पवर्षा की. मशाल के रेजिमेंट पहुंचने पर सेना के बैंड ने देश भक्ति धुन के साथ और सैनिकों ने पुष्पवर्षा कर स्वर्णिम मशाल का भव्य स्वागत किया गया. झारखंड और बिहार के सब एरिया मुख्यालय के मेजर जनरल राजपाल पुनियां (वाईएसएम) ने वीर स्मृति शहीद स्मारक पर स्वर्णिम मशाल को सलामी देकर वीर शहीदों को नमन किया.
पीएम मोदी द्वारा निकाली गयी थी मशाल
पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली से चार दिशाओं के लिए निकाली गयी स्वर्णिम मशाल फैजाबाद और बनारस होते हुए सोमवार को बिहार रेजिमेंट सेंटर पहुंची. नायक सूबेदार दिलीप सिंह बनारस से स्वर्णिम मशाल लेकर सेना की खुली जीप से रेजिमेंट के पीटी ग्राउंड गेट पहुंचे. वहीं, मशाल की आगवानी कर अर्जुन पुरस्कार विजेता सह पद्यश्री मेजर इग्नेश तिर्की टीम आगे-आगे दौड़ते हुए शामिल हुए.
राजपाल पुनिया को सौंपी गयी मशाल
सेना के बैंड के राष्ट्रीय धुन के साथ सड़क किनारे दोनों किनारे कतारबद्ध सैनिकों ने मशाल पर पुष्प अर्पित कर वीर जवानों को याद कर नमन किया. वहीं, नायक सूबेदार दिलीप सिंह ने स्वर्णिम मशाल को सब एरिया के डिप्टी जीओसी ब्रिगेडियर आरके शर्मा (एससी व एसएम) को पूरे सम्मान के साथ सौंप दिया. वहां से ब्रिगेडियर शर्मा ने मशाल को सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल राजपाल पुनिया को सौपा. उन्होंने शहीद स्मारक पर मशाल को रखकर सलामी दी. रेजिमेंट के सैनिकों ने मशाल को गार्ड ऑनर की सलामी दी. वहीं, इस मौके पर रेजिमेंट के बैंड ने राष्ट्रीय धुन बजाया.
कल रांची के लिए रवाना होगी मशाल
इस मौके पर मेजर जनरल पुनियां ने कहा कि 1971 भारत-पाक युद्ध भारतीय सैनिकों ने मिशाल कायम किया था. भारतीय सैनिकों ने करीब एक लाख पाक सैनिकों को आत्मसर्मपण कराया था. उन्होंने कहा कि आज सेना आंतकवादियों से लड़ रही है. वैसा युद्ध कभी नहीं हुआ है. भारतीय सेना के लिए यह गौरवमय पल है. उन्होंने कहा कि मंगलवार को सुबह में स्वर्णिम मशाल झारखंड के रांची के लिए रवाना होगी. उसके बाद कोलकाता जाएगी.