पटना: नौ दिनों तक मां के नौ अलग-अलग रूपों की आराधना के बाद दशमी को पर्व का समापन यानी नवरात्रि का पारण किया जाता है. इस बार नवरात्रि की दशमी की तिथि गुरुवार की रात साढ़े ग्यारह बजे से शुरू हो रही है, जबकि इसकी समाप्ति शुक्रवार यानी 31 मार्च की रात 1 बजकर 58 मिनट पर होगी. नवरात्रि का व्रत खोलने के लिए शुक्रवार का दिन उत्तम रहेगा. सुबह 6 बजकर 33 मिनट के बाद व्रत का पारण किया जा सकता है.
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कैसे करें नवरात्रि का पारण?: नवरात्रि व्रत का पारण चैत्र शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को किया जाता है. इस दिन सबसे पहले मां दुर्गा को गंध, पुष्प, चावल, पंच, मेवा, मिष्ठान, गंगाजल और पांच प्रकार के फल भगवान को अर्पित करना चाहिए. उसके बाद 'रूपं देहि यशो देहि भाग्यं भगवति देहि मे' मंत्र से स्तुति करनी चाहिए.
जवारे विसर्जन की विधि: नवरात्रि में नौ दिनों तक माता के नौ स्वरूपों की पूजा के दौरान जवारे का खास महत्व है. नवरात्रि के पहले दिन जवारे बोए जाते हैं और दशमी तिथि को जवारे का विसर्जन होता है. नवरात्रि समापन के बाद जवारे विसर्जन के लिए दशमी तिथि को मां की पूजा करें. पुष्प, गंध, अक्षत, हल्दी, सुहाग श्रृंगार समेत अन्य चीजें उन्हें समर्पित करें.
गुरुवार को धूमधाम से मनाई गई रामनवमी: 30 मार्च यानी गुरुवार को देशभर में धूमधाम से रामनवमी मनाई गई. राजधानी पटना में विशेष आयोजन किया गया. जहां भव्य शोभायात्रा निकाली गई. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में रामभक्तों ने हिस्सा लिया. शोभायात्रा में छोटे बच्चे राम-सीता, लक्ष्मण, हनुमान और नल-नील बने नजर आए. 'जय श्रीराम' के नारों से माहौल भक्तिमय हो गया.