पटनाः बिहार में आज कोरोना जांच का काम और साथ ही स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह से प्रभावित होने की आशंका है. इसकी वजह यह है कि प्रदेश के 27,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मी आज होम आइसोलेशन पर चले गए हैं. होम आइसोलेशन पर जाने वाले संविदा स्वास्थ्य कर्मियों में फार्मासिस्ट, ANM, लैब टेक्नीशियन, डाटा एंट्री ऑपरेटर आदि शामिल हैं. इस बारे में बिहार राज्य संविदा स्वास्थ्य कर्मी संघ के सचिव ललन कुमार ने जानकारी दी है.
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क्यों आइसोलेशन में गए संविदा स्वास्थ्य कर्मी?
जानकारी देते हुए सचिव ललन कुमार ने बताया कि अपनी मांगों के समर्थन में कई बार पत्र दिए जाने के बावजूद बिहार सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में प्रदेश के सभी स्वास्थ्य कर्मी बुधवार से होम आइसोलेशन पर जा रहे हैं. संघ द्वारा लिए गए इस निर्णय की कॉपी सभी जिलो के सिविल सर्जन, सदस्य सचिव, जिला स्वास्थ समिति को भेज दी गई है. इसको लेकर पुलिस मुख्यालय ने पत्र जारी किया है.
बता दें कि संविदा स्वास्थ्य कर्मी संघ ने मांग की थी कि उन्हें भी प्रदेश के परमानेंट स्वास्थ्य कर्मी की तरह ही स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा जैसी योजनाओं का लाभ दिया जाए. संविदा स्वास्थ्य कर्मी भी प्रदेश में आठ से 10 वर्षों से काम कर रहे हैं और आपदा की इस घड़ी में जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं. ऐसे में अगर उन्हें कुछ हो जाता है तो उनके परिवार के भविष्य का क्या होगा.
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काली पट्टी लगाकर काम कर रहे थें संविदा स्वास्थ्य कर्मी
बताते चलें कि बीते दिनों कैमूर में कार्यरत एक संविदा स्वास्थ्य कर्मी की कोरोना से मौत हो गई थी. मौत से पूर्व इलाज के लिए परिजनों ने और स्वास्थ्य कर्मी संघ ने चंदा इकट्ठा करके उनका इलाज कराया था. तभी राज्य स्वास्थ्य कर्मी संघ ने सरकार को चेतावनी दी थी कि उन्हें भी स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा जैसी योजनाओं का लाभ मिले.
इसके लिए 6 अप्रैल से 10 अप्रैल तक संविदा स्वास्थ्य कर्मी संघ के आह्वान पर प्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने काली पट्टी लगाकर काम किया. लेकिन अब उन्होंने कठोर रुख अख्तियार करते हुए होम आइसोलेशन पर जाने का निर्णय लिया है.