पटनाः आज का दौर डिजिटल युग है. इंटरनेट ने लोगों की ज़िंदगी को आसान बनाया है. फिर चाहे सब्जी खरीदनी हो या फिर कार, सबकुछ बस एक क्लिक की दूरी पर है. सहूलियत देने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चूक की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए. ऐसा होने पर लोगों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.
ऑनलाइन खरीददारी करने पर पेमेंट के वक्त अक्सर पिन (Personal Identification Number) और ओटीपी (One Time Password) की डिमांड उपभोक्ता से की जाती है. उपभोक्ता के संबंध में ये जानकारी बेहद ही निजी हैं. इसीलिए बैंक और दूसरी वित्तीय संस्थाएं पिन और ओटीपी के विषय पर उपभोक्ताओं को जागरूक करते रहते हैं. ये ऐसी जानकारी है जिसके लीक होने पर आपका सिस्टम हैक हो सकता है, और अकाउंट भी साफ हो सकता है.
लालच में न फंसें
साइबर लुटेरे अक्सर तरह-तरह की स्कीम का लालच दिखाकर वो आपसे आपकी पर्सनल जानकारी या पिन तक पहुंचना चाहते हैं. अगर आपने उन्हें ये पिन मुहैया करा दिया तो आपका अकाउंट साफ भी हो सकता है. आए दिन ऐसे कई मामले सामने आते हैं. लोग अपनी ज़रा सी गलतियों का खामियाजा लाखों रुपए चुकाकर उठाते हैं.
ऐसे साइबर ठगों से बचा जा सकता है. जरूरी है कि आप अपनी ओर से सावधानी बरतें. आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि नए साल के अवसर पर लोगों को काफी सचेत रहने की जरूरत है. साइबर फ्रॉड नए साल में लोगों को तरह-तरह के प्रलोभन देकर ठगी कर सकते हैं.
हमेशा स्ट्रॉन्ग पासवर्ड बनाएं
आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि लोग जब नए साल में बाहर जाए तब भूल कर भी वाईफाई का प्रयोग न करें. साथ ही घर के वाईफाई के डिफॉल्टर पासवर्ड को भी बदलते रहना चाहिए. एडीजी ने कहा कि अपने मोबाइल, डेस्कटॉप या अकाउंट का हमेशा स्ट्रांग पासवर्ड रखना चाहिए. इससे साइबर फ्रॉड को अकॉउंट हैक करने में परेशानी आएगी.
"लोग आज पेंमेंट के लिए डिजिटल माध्यम का प्रयोज कर रहे हैं. हमने लोगों को साइबर ठगी से बचने के लिए कई जरूरी टिप्स दिए हैं. इससे बचने के लिए लोग अपने फोन या अकाउंट का पासवर्ड जूते के मोजे की तरह बदले. साथ ही किसी तरह के लिंक पर बिना सोचे समझे क्लिक न करें."- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, आर्थिक अपराध इकाई
साइबर अपराधियों के शिकार हो रहे लोग
कोरोना काल के दौरान वर्क फ्रॉम होम का प्रचलन बढ़ गया है. स्टूडेंट्स घर से पढ़ाई कर रहे हैं. परीक्षा के लिए फॉर्म फिल अप आदि पेंमेंट भी डिजिटल तरीके से की जा रही है. साथ ही इन दिनों ज्यादातर लोग घर बैठे ही ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं. इस वजह से लोग साइबर अपराधियों के शिकार हो रहे हैं. इसे देखते हुए आर्थिक अपराध इकाई विभिन्न माध्यमों से लोगों को सचेत कर रहा है.
वर्क फ्रॉम होम करने वाले लोगों को आर्थिक अपराध इकाई की तरफ से दिए गए कुछ टिप्स
- रिमोट एक्सेस- जब तक आवश्यकता न हो रिमोट एक्सेस एक्सेस को निष्क्रिय रखें
- पासवर्ड- सभी डिफॉल्ट पासवर्ड बदलें और सभी उपकरणों और ऑनलाइन खातों के लिए मजबूत पासवर्ड रखें
- लिंक- सार्वजनिक रूप से या सोशल मीडिया प्लेटपॉर्म के माध्यम से मीटिंग लिंक साझा न करें
- एक्टीविटिज- सभी ओएस, एंटीवायरस, एप्लिकेशन अपडेट रखें
- ई-मेल्स- फिशिंग इमेल की देखभाल करें जो आपके बेहतर मेल आईडी के समान ही डिसग्विस हो सकता है. लिंक खोलने से पहले ठीक से देख लें.
- ऐप्स/ ओएस- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या सहयोगी कार्य के लिए अपने इंप्लायर के विश्वसनीय ऐप या ओएस का प्रयोग करें
- नेटवर्क- कार्य प्रणाली तक पहुंचने के लिए सुरक्षित नेटवर्क का प्रयोग करें
- डिवाइस- कार्यालय के काम और सामान्य काम के लिए एक ही डिवाइस का उपयोग न करें
- वाईफाई- खुले या निशुल्क वाई फाई नेटवर्क से बचें, अअपने घर के वाई फाई और एडमिन का डिफॉल्ट पासवर्ड बदलें
एक्टिव मोड में साइबर ठग
डिजिटल युग के दौर में ऑनलाइन क्राइम तेजी के साथ बढ़ा है. विश्वभर में जैसे ही कोरोना वायरस ने एंट्री ली, वैसे ही डिजिटल क्रांति पर चार चांद लग गए. व्यवसाय और पैसों का लेन देन सबकुछ डिजिटल नेटवर्क पर आधारित हो गया. ऐसे में साइबर ठग एक्टिव मोड में आ गए. लिहाजा इसके लिए सावधानी बरतने की जरूरत है.
सावधानी है जरूरी
- फेसबुक को माध्यम से यदि कोई रुपयों की डिमांड करता है, तो पहले उसे फोन कॉल कर लें.
- ऑनलाइन खरीददारी करने से पहले साइट्स की पुष्टि कर लें कि कहीं वो फेक तो नहीं. इसके लिए आप ऑनलाइन मार्केटिंग वाली वेबसाइट्स के ऐप को सावधानी के साथ डाउनलोड करें.
- सार्वजनिक जगह पर फोन चार्ज ना करें.
- सार्वजनिक जगह पर इंटरनेट के माध्यम से लेनदेन करते समय वाईफाई का इस्तेमाल भूल कर भी नहीं करना चाहिए.
- बैंक कभी किसी को कॉल नहीं करता. भूलकर भी ऐसी फेक कॉल जिसमें पिन संबंधित जानकारी मांगी जाए, उन्हें कोई भी जानकारी ना दें.
- अपने फोन पर अनवांटेड ऐप ना रखें.
- लैपटॉप या डेस्कटॉप पर अपनी ईमेल आईडी, सोशल मीडिया अकाउंट को लॉग आउट जरूर करें.
एंटीवायरस एप्लीकेशन को रखें अपडेट
जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि जब तक आवश्यकता न हो तब तक रिमोट एक्सेस ऑन नही रखें. इसके अलावा सभी डिफॉल्टर पासवर्ड बदलें और ऑनलाइन खाते के लिए मजबूत पासवर्ड रखें. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया पर मीटिंग के लिंक को भूलकर भी साझा न करें. साथ ही सभी ऑपरेटिंग सिस्टम में एंटीवायरस एप्लीकेशन को अपडेट रखना चाहिए. लोग थोड़ी सावधानी बरतकर साइबर ठगी की चपेट में आने से बच सकते हैं.
साइबर ठगी से कैसे बचें
किसी के साथ भी निजी जानकारी शेयर न करें. इसके साथ ही किसी भी लिंक को बिना जाने क्लिक न करें. साइबर ठगी होने पर इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दे या साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर - 155260 पर संपर्क करें.
आपको उक्त बातों का ख्याल रखना जरूरी है. सुझाए गए तरीकों को अपनाने वाला कभी भी साइबर ठगी का शिकार नहीं हो सकता. ऑनलाइन सहूलियत पाने के लिए जरूरी है कि आप भी सतर्क और सावधान रहें.