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कोरोना ने छीना आश्रितों और बुजुर्गों का सहारा, लेकिन सरकार के पास नहीं इनके लिए कोई बड़ी योजना

कोरोना काल में कई परिवारों के कमाने वाले लोगों की मौत हो जाने से आश्रित बच्चों और बुजुर्गों को खासी परेशानी हो रही है. कई राज्यों ने इनके आंसू पोंछने के लिए बड़ी योजनाओं का पैकेज बनाया है, लेकिन बिहार इस मामले में अभी काफी पीछे है. पढ़िए ये रिपोर्ट...

scheme for senior citizens and dependents in bihar
scheme for senior citizens and dependents in bihar
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Published : May 21, 2021, 7:45 PM IST

Updated : May 21, 2021, 8:11 PM IST

पटना: बिहार में इस साल कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रहा है. ऐसे तो लॉकडाउन के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या घटी है लेकिन बड़ी संख्या में लोगों की मौत अभी भी हो रही है. कई परिवार में कमाने वाले लोगों की मौत भी कोरोना से हुई है. ऐसे में आश्रितों और बुजुर्गों को सरकारी मदद का इंतजार है.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- सावधान: हवा में 10 मीटर आगे तक फैल सकता है कोरोना वायरस, एक्सपर्ट से जानिए कैसे बचें

कब शुरू होगी योजना?
आश्रितों और बुजुर्गों की मदद के लिए बिहार सरकार ने फिलहाल कोई योजना शुरू नहीं की है, लेकिन मुख्यमंत्री के स्तर पर इस पर चर्चा जरूर हुई है. बिहार में पहले से कुछ योजनाएं जरूर चल रही है लेकिन उससे बहुत राहत मिलना संभव नहीं है. विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि दिल्ली, आंध्र प्रदेश और अन्य राज्य सरकारों की तरह बिहार सरकार को जल्द से जल्द सर्वे कराकर आश्रितों और बुजुर्गों के लिए कार्यक्रम शुरू करना चाहिए.

scheme for senior citizens and dependents in bihar
ईटीवी भारत GFX

'60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को सरकार 400 रुपये हर महीने पेंशन दे रही है और 18 वर्ष तक के अनाथ बच्चों को परवरिश कार्यक्रम के तहत 1000 की राशि सरकार हर महीने दे रही है. इसके अलावा 6 जिलों पटना, पूर्णिया, भागलपुर, रोहतास, पूर्वी चंपारण और गया में ओल्ड एज होम भी है. जहां 60 वर्ष से अधिक उम्र के गरीब बुजुर्गों को रखने की व्यवस्था है. ऐसे तो सभी जिलों में ओल्ड एज होम बनाना है लेकिन फिलहाल 6 जिलों में ही ओल्ड एज होम है.'- शंभू रजक,असिस्टेंट डायरेक्टर, समाज कल्याण विभाग

scheme for senior citizens and dependents in bihar
शंभू रजक,असिस्टेंट डायरेक्टर, समाज कल्याण विभाग

इंतजार की घड़ियां हो रही लंबी
कोरोना काल में कई परिवार के कमाने वाले गुजर गए हैं. अब सबसे बड़ी समस्या छोटे बच्चों की पढ़ाई से लेकर उनके जीवन बसर की है. साथ ही बुजुर्गों की भी मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. दिल्ली और आंध्र प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. आश्रितों के लिए पैकेज की घोषणा की है. बिहार में भी इस पर चर्चा हो रही है. मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर बैठक में इस पर चर्चा की थी. मुख्यमंत्री ने कहा भी है कि आश्रितों का ख्याल सरकार रखेगी. लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक कोई बड़ी पहल या घोषणा नहीं हुई है. ऐसे में आश्रितों और बुजुर्गों का इंतजार लंबा होता जा रहा है.

'दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देश पर जो फैसला लिया है वह सही फैसला है और बिहार सरकार को भी अभी से ही सर्वे कराकर आश्रित बच्चों और बुजुर्गों को जल्द से जल्द राहत मिले इस पर काम करना चाहिए. पहले की तरह उनकी शिक्षा जारी रहे इस पर पहल करने की जरूरत है.'- विद्यार्थी विकास, प्रोफेसर, सामाजिक शोध संस्थान ए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट

scheme for senior citizens and dependents in bihar
विद्यार्थी विकास, प्रोफेसर, सामाजिक शोध संस्थान ए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट

यह भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 1999 सेनारी नरसंहार के सभी 13 दोषी बरी

सर्वे का निर्देश
समाज कल्याण विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर शम्भू रजक के अनुसार कोरोना काल में बिहार सरकार की जो स्कीम है, उसे आश्रितों और बुजुर्गों तक जल्द से जल्द पहुंचाने की कोशिश विभाग कर रहा है. विभाग की तरफ से ऐसे लोगों के सर्वे का भी निर्देश दिया गया है.

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ईटीवी भारत GFX

राजनीतिक बयानबाजी जारी
नीतीश कुमार सामाजिक आंदोलन से निकले हुए नेता हैं. पार्टी नेताओं का भी कहना है कि मुख्यमंत्री हमेशा गरीबों और जरूरतमंदों के लिए स्कीम बनाते रहते हैं. ऐसे में नई परिस्थिति में भी मुख्यमंत्री जरुरत के अनुसार योजना पर फैसला लेंगे. वहीं विपक्ष की तरफ से लगातार आरोप लगाया जा रहा है कि कोरोना के कारण जिनकी मौत हुई है उनके परिवारों को सरकार ने 4 लाख देने की घोषणा की थी. लेकिन वह भी सरकार नहीं दे पा रही है. ऐसे में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब देखना है कि बिहार में आश्रितों और बुजुर्गों के लिए सरकार क्या और कब तक कदम उठाती है.

ये भी पढ़ें: कोरोना की दूसरी लहर में ही 'हांफ' रहा बिहार, तीसरी के लिए सरकार कितनी तैयार? बच्चे भी होंगे प्रभावित

पटना: बिहार में इस साल कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रहा है. ऐसे तो लॉकडाउन के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या घटी है लेकिन बड़ी संख्या में लोगों की मौत अभी भी हो रही है. कई परिवार में कमाने वाले लोगों की मौत भी कोरोना से हुई है. ऐसे में आश्रितों और बुजुर्गों को सरकारी मदद का इंतजार है.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- सावधान: हवा में 10 मीटर आगे तक फैल सकता है कोरोना वायरस, एक्सपर्ट से जानिए कैसे बचें

कब शुरू होगी योजना?
आश्रितों और बुजुर्गों की मदद के लिए बिहार सरकार ने फिलहाल कोई योजना शुरू नहीं की है, लेकिन मुख्यमंत्री के स्तर पर इस पर चर्चा जरूर हुई है. बिहार में पहले से कुछ योजनाएं जरूर चल रही है लेकिन उससे बहुत राहत मिलना संभव नहीं है. विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि दिल्ली, आंध्र प्रदेश और अन्य राज्य सरकारों की तरह बिहार सरकार को जल्द से जल्द सर्वे कराकर आश्रितों और बुजुर्गों के लिए कार्यक्रम शुरू करना चाहिए.

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'60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को सरकार 400 रुपये हर महीने पेंशन दे रही है और 18 वर्ष तक के अनाथ बच्चों को परवरिश कार्यक्रम के तहत 1000 की राशि सरकार हर महीने दे रही है. इसके अलावा 6 जिलों पटना, पूर्णिया, भागलपुर, रोहतास, पूर्वी चंपारण और गया में ओल्ड एज होम भी है. जहां 60 वर्ष से अधिक उम्र के गरीब बुजुर्गों को रखने की व्यवस्था है. ऐसे तो सभी जिलों में ओल्ड एज होम बनाना है लेकिन फिलहाल 6 जिलों में ही ओल्ड एज होम है.'- शंभू रजक,असिस्टेंट डायरेक्टर, समाज कल्याण विभाग

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शंभू रजक,असिस्टेंट डायरेक्टर, समाज कल्याण विभाग

इंतजार की घड़ियां हो रही लंबी
कोरोना काल में कई परिवार के कमाने वाले गुजर गए हैं. अब सबसे बड़ी समस्या छोटे बच्चों की पढ़ाई से लेकर उनके जीवन बसर की है. साथ ही बुजुर्गों की भी मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. दिल्ली और आंध्र प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. आश्रितों के लिए पैकेज की घोषणा की है. बिहार में भी इस पर चर्चा हो रही है. मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर बैठक में इस पर चर्चा की थी. मुख्यमंत्री ने कहा भी है कि आश्रितों का ख्याल सरकार रखेगी. लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक कोई बड़ी पहल या घोषणा नहीं हुई है. ऐसे में आश्रितों और बुजुर्गों का इंतजार लंबा होता जा रहा है.

'दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देश पर जो फैसला लिया है वह सही फैसला है और बिहार सरकार को भी अभी से ही सर्वे कराकर आश्रित बच्चों और बुजुर्गों को जल्द से जल्द राहत मिले इस पर काम करना चाहिए. पहले की तरह उनकी शिक्षा जारी रहे इस पर पहल करने की जरूरत है.'- विद्यार्थी विकास, प्रोफेसर, सामाजिक शोध संस्थान ए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट

scheme for senior citizens and dependents in bihar
विद्यार्थी विकास, प्रोफेसर, सामाजिक शोध संस्थान ए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट

यह भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 1999 सेनारी नरसंहार के सभी 13 दोषी बरी

सर्वे का निर्देश
समाज कल्याण विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर शम्भू रजक के अनुसार कोरोना काल में बिहार सरकार की जो स्कीम है, उसे आश्रितों और बुजुर्गों तक जल्द से जल्द पहुंचाने की कोशिश विभाग कर रहा है. विभाग की तरफ से ऐसे लोगों के सर्वे का भी निर्देश दिया गया है.

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ईटीवी भारत GFX

राजनीतिक बयानबाजी जारी
नीतीश कुमार सामाजिक आंदोलन से निकले हुए नेता हैं. पार्टी नेताओं का भी कहना है कि मुख्यमंत्री हमेशा गरीबों और जरूरतमंदों के लिए स्कीम बनाते रहते हैं. ऐसे में नई परिस्थिति में भी मुख्यमंत्री जरुरत के अनुसार योजना पर फैसला लेंगे. वहीं विपक्ष की तरफ से लगातार आरोप लगाया जा रहा है कि कोरोना के कारण जिनकी मौत हुई है उनके परिवारों को सरकार ने 4 लाख देने की घोषणा की थी. लेकिन वह भी सरकार नहीं दे पा रही है. ऐसे में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब देखना है कि बिहार में आश्रितों और बुजुर्गों के लिए सरकार क्या और कब तक कदम उठाती है.

ये भी पढ़ें: कोरोना की दूसरी लहर में ही 'हांफ' रहा बिहार, तीसरी के लिए सरकार कितनी तैयार? बच्चे भी होंगे प्रभावित

Last Updated : May 21, 2021, 8:11 PM IST
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