पटनाः हाईकोर्ट के आदेश पर मानवाधिकार आयोग की टीम पटना सिटी के अगमकुआं स्थित NMCH (नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल) का निरीक्षण करने पहुंची. इस दौरान पटना AIIMS के निदेशक भी मौजूद थे. NMCH के अधीक्षक कार्यालय में बैठक चल रही थी, जिसमें अस्पताल की वर्तमान स्थिति पर चर्चा हो रही थी. इस बीच, एक गंभीर हालत में अस्पताल परिसर में कोरोना मरीज बेड के लिए चार घंटे से जमीन पर तड़प रहा था.
यह भी पढ़ें- Bihar Corona Update: बिहार में 24 घंटे में मिले 10,455 संक्रमित, 3577 ने दी कोरोना को मात
हकीकत से कराया रू-ब-रू
चार घंटे तक मरीज का बेटा डॉक्टरों से अस्पताल में भर्ती करने के लिए गुहार लगाता रहा, लेकिन सिर्फ एक ही जवाब मिला कि अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं है. लेकिन अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान आनन-फानन में अस्पताल के स्ट्रेचर ब्वॉय ने पीड़ित मरीज को जमीन से उठाकर वार्ड में भर्ती किया. दूसरी तरफ, जब मानवाधिकार आयोग व डॉक्टरों की टीम जब अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची. उस दौरान एक अन्य मृत मरीज के परिजनों ने टीम को अस्पताल की लापरवाही से अवगत कराया.
''दानापुर हॉस्पिटल से रेफर किया गया था. कोई डॉ. सतीश चंद्रा हैं. उन्हें अटेंड करना था. लेकिन काफी देर से उन्हें ढूंढ रहा हूं. वे मिले नहीं. अस्पताल की खराब व्यवस्था के कारण मेरे मरीज की मृत्यु हो गई. मैं अस्पताल के खिलाफ और डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर करूंगा.'' -विक्रम सिंह, मृत मरीज के परिजन
मरीजों का नहीं हो पा रहा इलाज
बता दें कि एनएमसीएच मेंं 500 बेड बढ़ाए गए हैं. उसके बावजूद अस्पताल के गेट पर बेड फुल होने का पर्चा चस्पा दिया गया है. वहीं अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ भी घोर लापरवाही बरती जा रही है. भर्ती मरीज के परिजनों ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी है. उसके बावजूद कोई डॉक्टर व नर्स मरीजों को देखने तक नहीं जा रहे हैं.
यह भी पढ़ें- रिश्तों पर कोरोना का खौफ भारी, अनजान फरिश्ते बने 'अंतिम यात्रा' के साथी