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TET शिक्षकों का एक दिवसीय धरना, सरकार पर लगाया सौतेला व्यवहार का आरोप - etv bihar news

राजधानी के गर्दनीबाग में टीईटी शिक्षकों ने एक दिवसीय धरना (TET Teachers Protest in Patna) दिया. धरने में बड़ी संख्या में शिक्षकों और राज्य स्तरीय कर्मियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान टीईटी शिक्षकों ने सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया और उनकी मांग नहीं माने जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

TET Teachers Strike in Gardanibagh Patna
TET शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही सरकार
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Published : Apr 13, 2022, 6:05 PM IST

पटना: राजधानी पटना के गर्दनीबाग में विभिन्न मांगों के लेकर बुधवार को टीईटी शिक्षक अस्मिता बचाओ आंदोलन-2022 (TET Teacher Asmita Bachao Andolan-2022) के नाम से एक दिवसीय धरना दिया गया. इस धरने में प्रदेश के कोने-कोने से आये शिक्षकों ने हिस्सा लिया. धरना दे रहे शिक्षकों ने कहा कि बिहार सरकार सूबे के करीब पौने दो लाख टीईटी शिक्षकों को उनके अधिकारों से वंचित कर रही (Government is Depriving TET Teachers of Their Rights) है. इसके साथ ही टीईटी शिक्षकों को प्रधान शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक बनाने के मामले में सरकार भेदभाव कर रही है. इस दौरान उन्होंने मांग नहीं माने जाने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी. इस धरने को बिहार राज्य कर्मचारी महासंघ ने भी समर्थन दिया.

ये भी पढ़ें- TET और STET पास अभ्यर्थी कर रहे हैं मांग, सातवें चरण में बहाली जल्द शुरू करे सरकार

टीईटी शिक्षक मौलिक अधिकारों के खिलाफ: टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि शिक्षक पात्नता परीक्षा पास करके बहाल हुए टीईटी शिक्षकों को प्रधान शिक्षक बहाली-2022 में प्रशिक्षण की तिथि से 8 वर्ष के अनुभव की बाध्यता लगाकर बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया गया. जबकि अन्य राज्यों में 2-3 साल के अनुभव की बाध्यता है. इसके साथ ही अनुभव की गणना नियुक्ति की तिथि से न करके प्रशिक्षण की तिथि से किया जा रहा है. वह उनके मौलिक अधिकारों के खिलाफ है.

8 साल अनुभव की बाध्यता को शिथिल करे सरकार: अमित विक्रम ने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार बीपीएससी द्वारा निकाली गई प्रधान शिक्षक बहाली-2022 में 8 साल अनुभव की बाध्यता को शिथिल करे. जिससे पास बेसिक ग्रेड के टीईटी शिक्षकों को भी इस परीक्षा में बैठने का मौका मिले. स्नातक ग्रेड के टीईटी शिक्षकों को नियोजन नियमावली-2020 के कंडिका 5 के खंड तीन के प्रावधानों के अनुसार प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नित, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एसएलपी 20/2019 में दिये गये सुझाव के पैराग्राफ़-78 को लागू करते हुए टीईटी शिक्षकों को सहायक अध्यापक के पद पर संविलियन कर राज्यकर्मी का दर्जा देने जैसी मांग शामिल है.

उग्र आंदोलन करने की चेतावनी: समन्वय समिति की मीडिया प्रभारी नेहा सिंह ने कहा कि इस धरने से सरकार के खिलाफ आंदोलन की नींव रखी गई है. अगर सरकार जल्द ही प्रधान शिक्षक की बहाली में अनुभव की बाध्यता नहीं समाप्त करती और स्नातक ग्रेड के शिक्षकों को मध्य विद्यालयों के प्रधानाध्यापक के पद पर प्रमोशन नहीं देती तो यह आंदोलन उग्र रूप धारण करेगा.

ये भी पढ़ें- सातवें चरण के शिक्षक नियोजन की काउंसिलिंग के लिए आंदोलन तेज, CTET छात्रों ने दी आत्मदाह की चेतावनी

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पटना: राजधानी पटना के गर्दनीबाग में विभिन्न मांगों के लेकर बुधवार को टीईटी शिक्षक अस्मिता बचाओ आंदोलन-2022 (TET Teacher Asmita Bachao Andolan-2022) के नाम से एक दिवसीय धरना दिया गया. इस धरने में प्रदेश के कोने-कोने से आये शिक्षकों ने हिस्सा लिया. धरना दे रहे शिक्षकों ने कहा कि बिहार सरकार सूबे के करीब पौने दो लाख टीईटी शिक्षकों को उनके अधिकारों से वंचित कर रही (Government is Depriving TET Teachers of Their Rights) है. इसके साथ ही टीईटी शिक्षकों को प्रधान शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक बनाने के मामले में सरकार भेदभाव कर रही है. इस दौरान उन्होंने मांग नहीं माने जाने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी. इस धरने को बिहार राज्य कर्मचारी महासंघ ने भी समर्थन दिया.

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टीईटी शिक्षक मौलिक अधिकारों के खिलाफ: टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि शिक्षक पात्नता परीक्षा पास करके बहाल हुए टीईटी शिक्षकों को प्रधान शिक्षक बहाली-2022 में प्रशिक्षण की तिथि से 8 वर्ष के अनुभव की बाध्यता लगाकर बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया गया. जबकि अन्य राज्यों में 2-3 साल के अनुभव की बाध्यता है. इसके साथ ही अनुभव की गणना नियुक्ति की तिथि से न करके प्रशिक्षण की तिथि से किया जा रहा है. वह उनके मौलिक अधिकारों के खिलाफ है.

8 साल अनुभव की बाध्यता को शिथिल करे सरकार: अमित विक्रम ने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार बीपीएससी द्वारा निकाली गई प्रधान शिक्षक बहाली-2022 में 8 साल अनुभव की बाध्यता को शिथिल करे. जिससे पास बेसिक ग्रेड के टीईटी शिक्षकों को भी इस परीक्षा में बैठने का मौका मिले. स्नातक ग्रेड के टीईटी शिक्षकों को नियोजन नियमावली-2020 के कंडिका 5 के खंड तीन के प्रावधानों के अनुसार प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नित, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एसएलपी 20/2019 में दिये गये सुझाव के पैराग्राफ़-78 को लागू करते हुए टीईटी शिक्षकों को सहायक अध्यापक के पद पर संविलियन कर राज्यकर्मी का दर्जा देने जैसी मांग शामिल है.

उग्र आंदोलन करने की चेतावनी: समन्वय समिति की मीडिया प्रभारी नेहा सिंह ने कहा कि इस धरने से सरकार के खिलाफ आंदोलन की नींव रखी गई है. अगर सरकार जल्द ही प्रधान शिक्षक की बहाली में अनुभव की बाध्यता नहीं समाप्त करती और स्नातक ग्रेड के शिक्षकों को मध्य विद्यालयों के प्रधानाध्यापक के पद पर प्रमोशन नहीं देती तो यह आंदोलन उग्र रूप धारण करेगा.

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