पटना: बिहार में शिक्षक बहाली को लेकर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों पर लगातार कार्रवाई हो रही है. टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम सहित संघ के आठ जिलाध्यक्ष व दर्जनों पदाधिकारियों को शिक्षा विभाग के द्वारा निलंबन की अनुशंसा कर दी गई है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम का कहना है कि यह व्यवहार सरकार के तानाशाही को दर्शाता है.
'शिक्षकों पर हो रही कार्रवाई गैर कानूनी': अमित विक्रम ने कहा कि जब शिक्षकों ने किसी भी सेवा संहिता का उल्लंघन नहीं किया तो किस आधार पर उन्हें और बाकी शिक्षकों को बिना स्पष्टीकरण निलंबित किया जा रहा है. सरकार एक तरफ शिक्षकों से वार्ता करने का आश्वासन दे रही है तो दूसरी तरफ विभाग के पदाधिकारी असंवैधानिक ढंग से और गैर कानूनी तरीके से बिना स्पष्टीकरण मांगे शिक्षकों को निलंबित कर रहे हैं.
'प्रदर्शन करना मौलिक अधिकारी': अमित विक्रम ने कहा कि बीते दिनों शिक्षकों ने जो शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया था, वह उनका मौलिक अधिकार है. फिर भी प्रदर्शन वाले दिन जगह-जगह शिक्षकों की गाड़ियों को जबरन रोका गया था. कई गाड़ियों को जब्त कर लिया गया था. अब इस तरह गैर कानूनी ढंग से शिक्षकों को निलंबित किया जा रहा है.
'शिक्षकों की लड़ाई जारी रहेगी': सरकार शिक्षकों से डरी हुई है और इसीलिए विभिन्न पदाधिकारियों से हम शिक्षकों को निलंबित करवा रही है. सरकार चाहे हमारा वेतन बंद करवा दे या चाहे हमें जेल में ही क्यों ना डाल दे पर हम शिक्षकों के हक की लड़ाई बंद नहीं होगी. यह असंवैधानिक तरीके से कार्रवाई की जा रही है. इसका जवाब सरकार को कोर्ट में देना होगा.
"शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है, वह हिटलर शाही है, वे इस तरह से प्रधानमंत्री बनने का सफर तय कर लेंगे तो यह उनकी सबसे बड़ी भूल है. हम शिक्षकों की संख्या चार लाख है, लगभग दो लाख शिक्षक अभ्यर्थी हैं. छह लाख शिक्षक परिवारों की ताकत लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जरूर दिखेगा. गैर कानूनी तरीके से कार्रवाई बंद नहीं हुई और शिक्षकों की बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा नहीं मिला तो चुनाव बहुत ही कठिन होगा." -अमित विक्रम, प्रदेश अध्यक्ष, टीईटी शिक्षक संघ