पटना : नियोजित शिक्षकों के कई मसलों पर सीएम नीतीश कुमार द्वारा की गई पहल पर टीईटी शिक्षक संघ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. संघ का कहना है कि वार्ता का मुद्दा बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा होना चाहिए. टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर सरकार की ओर से वार्ता की उम्मीद कर रहे थे.
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''सरकार की तरफ से शिक्षकों के साथ वार्ता करने के लिए अबतक कोई पहल नहीं ली गई है. लेकिन आगामी 5 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने के मुद्दे को लेकर राजद, जदयू, कांग्रेस और माले की एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में भी महागठबंधन दलों के कुछ चयनित नेता ही शामिल होने वाले हैं यानी कि कुछ चयनित नेताओं को ही आमंत्रण मिला है. शिक्षकों को इस बैठक से एक उम्मीद है कि शायद इस बैठक के बाद उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा दे दिया जाए.''- अमित विक्रम, प्रदेश अध्यक्ष, टीईटी शिक्षक संघ
'शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिले' : अमित विक्रम ने कहा कि टीईटी शिक्षक संघ लगातार एक ही मांग किया है कि सभी शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलना चाहिए. इसमें किसी भी प्रकार का अनुभव या कार्य अवधि की बाध्यता नहीं लगानी चाहिए, बल्कि सभी नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा मिलना चाहिए, साथ ही साथ हम शिक्षकों को वर्षों से लंबित प्रमोशन और ट्रांसफर की सुविधा का भी लाभ दिया जाना चाहिए.
'किसी भी प्रकार की शर्त मंजूर नहीं' : अमित विक्रम ने कहा कि उनका संघ यह उम्मीद करता है कि मुख्यमंत्री ने जो बैठक आयोजित की है उसमें बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा देने के मुद्दे पर ही वार्ता हो. अगर सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार की शर्त रखी गई तो वह हमें मंजूर नहीं होगी. अगर सभी इस नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज कमी का दर्जा देने पर सरकार राजी नहीं हुई तो संघ इसका विरोध करेगा.