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पटना: पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बन रहा अस्‍थाई अस्‍पताल, हाईटेक सुविधाओं से है लैस

प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर स्मृति सिंह ने बताया कि यहां वैसे कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया जाएगा जो मॉडरेट होंगे, जिनको ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी. उनका पूरा इलाज यहां पर बेहतर तरीके से होगा.

पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स
पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स
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Published : May 31, 2020, 10:48 PM IST

पटना: कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम और इलाज के लिए बिहार सरकार हर संभव कदम उठा रही है. इसी क्रम में राजधानी पटना के कंकड़बाग स्थित पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 100 बेड का अस्‍थाई अस्‍पताल बनाया जा रहा है. बता दें कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए बिहार सरकार ने कला संस्कृति एवं युवा विभाग को निर्देश दिया था. जिसके बाद विभाग ने सशर्त अपनी अनुमति दे दी थी.

'10 दिनों में बनकर तैयार हो जाएगा अस्पताल'
इस अस्‍थाई अस्‍पताल का निर्माण कार्य विदाउट बॉर्डर संस्था करा रही है. ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर स्मृति सिंह ने बताया कि निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहा है. लगभग 10 से 12 दिन में अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा. बता दें कि यहां पर एक साथ 100 मरीजों का इलाज एक साथ किया जा सकेगा.

अस्पताल के जरूरत के सामान
अस्पताल के जरूरत के सामान

'लगाए जा रहे हाइटेक मशीनें'
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर स्मृति सिंह ने बताया कि यहां वैसे कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया जाएगा जो मॉडरेट होंगे, जिनको ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी. उनका पूरा इलाज यहां पर बेहतर तरीके से होगा. उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने हमें इंडोर स्टेडियम सौंप दिया है. जिसमें हम अपनी तरफ से सारा निर्माण कार्य करा रहे हैं. यहां पर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को हर सुविधा मिलेगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'मशीन से धुलेंगे मरीजों को कपड़े और बिस्तर'
स्मृति सिंह ने बताया कि यहां यहां वैसे कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया जाएगा जो मॉडरेट होंगे. मॉडरेट मरीजों को ऑक्सीजन की बेहद आवश्यकता होती है. ऑक्सीजन की कमी नहीं हो इसके लिए ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर सेटअप किया जा रहा है. इस मशीन से 24 घंटे ऑक्सीजन जनरेट होगा. मरीज को ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी. ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मशीन के कारण बार-बार ऑक्सीजन सिलेंडर चेंज करने की जरूरत भी नहीं होगी. यहां पर कई हाईटेक मशीन भी लगाए जा रहे हैं. इन मशीनों के माध्यम से ही मरीजों के कपड़े और बिस्तर की घुलाई की जाएगी.

180 कर्मी रहेगें कार्यरत
बता दें कि इस असथाई अस्पताल का निर्माण विदाउट बॉर्डर्स संस्था की ओर से की जा रही है. यहां 180 कर्मी कार्य करेंगें. अब तक इस अस्पताल के निर्माण में लगभग 10 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो चुकें हैं. निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.

संस्था के सदस्य
संस्था के सदस्य

गौरतलब है कि पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स प्रदेश का एकमात्र आधुनिक खेल अवसंरचना है. यहां पर सामान्य दिनों में अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तर के खेल प्रतियोगिता प्रतियोगिताओं का आयोजन और खेल प्रशिक्षण शिविर संचालित किया जाता है.स्टेडियम का उपयोग गैर खेल गतिविधियों के लिए नहीं किए जाने के संबंध में पहले से ही विभागीय निर्देश दिए गए हैं. लेकिन वैश्विक महामारी की वजह से कला, संस्‍कृति एवं युवा विभाग ने अस्पताल में अस्थाई अस्पताल के निर्माण की मंजूरी दी थी. इस मामले में जिला प्रशासन की जिम्मेवारी भी सुनिश्चित की गई है. जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि जैसे ही स्थिति सामान्य हो जाती है, वैसे ही स्पोर्ट्स कंपलेक्स को विभाग को वापस सौंपा जाएगा.

पटना: कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम और इलाज के लिए बिहार सरकार हर संभव कदम उठा रही है. इसी क्रम में राजधानी पटना के कंकड़बाग स्थित पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 100 बेड का अस्‍थाई अस्‍पताल बनाया जा रहा है. बता दें कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए बिहार सरकार ने कला संस्कृति एवं युवा विभाग को निर्देश दिया था. जिसके बाद विभाग ने सशर्त अपनी अनुमति दे दी थी.

'10 दिनों में बनकर तैयार हो जाएगा अस्पताल'
इस अस्‍थाई अस्‍पताल का निर्माण कार्य विदाउट बॉर्डर संस्था करा रही है. ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर स्मृति सिंह ने बताया कि निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहा है. लगभग 10 से 12 दिन में अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा. बता दें कि यहां पर एक साथ 100 मरीजों का इलाज एक साथ किया जा सकेगा.

अस्पताल के जरूरत के सामान
अस्पताल के जरूरत के सामान

'लगाए जा रहे हाइटेक मशीनें'
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर स्मृति सिंह ने बताया कि यहां वैसे कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया जाएगा जो मॉडरेट होंगे, जिनको ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी. उनका पूरा इलाज यहां पर बेहतर तरीके से होगा. उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने हमें इंडोर स्टेडियम सौंप दिया है. जिसमें हम अपनी तरफ से सारा निर्माण कार्य करा रहे हैं. यहां पर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को हर सुविधा मिलेगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'मशीन से धुलेंगे मरीजों को कपड़े और बिस्तर'
स्मृति सिंह ने बताया कि यहां यहां वैसे कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया जाएगा जो मॉडरेट होंगे. मॉडरेट मरीजों को ऑक्सीजन की बेहद आवश्यकता होती है. ऑक्सीजन की कमी नहीं हो इसके लिए ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर सेटअप किया जा रहा है. इस मशीन से 24 घंटे ऑक्सीजन जनरेट होगा. मरीज को ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी. ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मशीन के कारण बार-बार ऑक्सीजन सिलेंडर चेंज करने की जरूरत भी नहीं होगी. यहां पर कई हाईटेक मशीन भी लगाए जा रहे हैं. इन मशीनों के माध्यम से ही मरीजों के कपड़े और बिस्तर की घुलाई की जाएगी.

180 कर्मी रहेगें कार्यरत
बता दें कि इस असथाई अस्पताल का निर्माण विदाउट बॉर्डर्स संस्था की ओर से की जा रही है. यहां 180 कर्मी कार्य करेंगें. अब तक इस अस्पताल के निर्माण में लगभग 10 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो चुकें हैं. निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.

संस्था के सदस्य
संस्था के सदस्य

गौरतलब है कि पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स प्रदेश का एकमात्र आधुनिक खेल अवसंरचना है. यहां पर सामान्य दिनों में अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तर के खेल प्रतियोगिता प्रतियोगिताओं का आयोजन और खेल प्रशिक्षण शिविर संचालित किया जाता है.स्टेडियम का उपयोग गैर खेल गतिविधियों के लिए नहीं किए जाने के संबंध में पहले से ही विभागीय निर्देश दिए गए हैं. लेकिन वैश्विक महामारी की वजह से कला, संस्‍कृति एवं युवा विभाग ने अस्पताल में अस्थाई अस्पताल के निर्माण की मंजूरी दी थी. इस मामले में जिला प्रशासन की जिम्मेवारी भी सुनिश्चित की गई है. जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि जैसे ही स्थिति सामान्य हो जाती है, वैसे ही स्पोर्ट्स कंपलेक्स को विभाग को वापस सौंपा जाएगा.

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