पटनाः चुनावी सभाओं का दौर शुरू हो चुका है. प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के नेता लगातार चुनावी सभाएं कर रहे हैं. वहीं तेजस्वी यादव लगातार दूसरी बार अपनी सभा और रैलियां रद्द कर दी हैं.
एक और जहां भाजपा - कांग्रेस- जदयू - लोजपा जैसी पुरानी और बड़ी पार्टियों में कई चेहरे चुनाव मैदान में प्रचार में जुटे हैं. वहीं दूसरी ओर आरजेडी में एकमात्र चेहरा तेजस्वी यादव का चुनाव प्रचार नहीं हो रहा है. जानकारों की माने तो राजद का अपने सहयोगी दलों के साथ बहुत अच्छे रिश्ते नहीं है. जिसके कई उदाहरण भी है.
राहुल गांधी की सभा से क्यों थे नदारद
राजद नेता तेजस्वी यादव एक ओर जहां कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहते हैं कि गठबंधन धर्म निभाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी उनकी है. तो दूसरी ओर तेजस्वी यादव राहुल गांधी की सभा से खुद को किनारा करते दिखते हैं. पिछले दिनों राहुल गांधी की गया की सभा में तेजस्वी नदारद रहे.
क्यों रद्द की रैलियां
बड़ा सवाल ये है कि चुनावी समर में एक ओर जहां एनडीए एकजुट दिख रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर सभा में नीतीश कुमार और रामविलास पासवान की उपस्थिति उनकी मजबूती का प्रमाण दे रही है. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा से राजद के सबसे बड़े चेहरे का दूर होना सवालों के घेरे में है.
हम के साथ चुनावी सभाओं में नहीं हुए शामिल
बरहाल आज भी तेजस्वी यादव को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ कई चुनावी सभाओं में जाना था. लेकिन आज भी तेजस्वी यादव तबीयत का हवाला देते हुए मांझी के उड़न खटोले से दूर रहे.