पटना: कोरोना संक्रमण की वजह से राज्य की जनता का हाल बुरा है. संक्रमण के कारण राज्य के हालात बिगड़ते जा रहे हैं. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आज महागठबंधन दल की वर्चुअल बैठक हुई. इस महामारी के दौरान लोगों तक मदद कैसे पहुंचे. सरकार लोगों को कितना मदद पहुंचा रही है. इस पर सभी नेताओं ने मंथन किया.
तेजस्वी यादव नए सिरे से नीतीश कुमार और बिहार सरकार को घेरने की रणनीति तैयार करने में जुटे हैं. बैठक में महागठबंधन के तमाम पार्टियों के बड़े नेता शामिल हुए हैं. इस वर्चुअल मीटिंग में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा, सीपीआई नेता महबूब आलम, माले के प्रदेश सचिव कुणाल, राजद नेता आलोक मेहता, अब्दुल बारी सिद्दीकी, ललित यादव ,सीपीआई के अजय कुमार, अवधेश कुमार, राम रतन सिंह, रामनरेश पांडे के अलावे राजद, कांग्रेस, सीपीआई और सीपीएम के कई बड़े नेताओं ने भाग लिया.
विधायकों और विधान पार्षदों के फंड पर चर्चा
विपक्षी नेताओं की इस अहम बैठक में कोरोना को लेकर सरकार के विफलताओं पर चर्चा हुई. विशेषकर बिहार में कोरोना के हालात पर चर्चा की गई. पार्टी सूत्रों की मानें तो नीतीश सरकार को घेरने की रणनीति तेजस्वी यादव तय कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि विधायकों और विधान पार्षदों के फंड में दिए जा रहे 2-2 करोड़ों रुपए के खर्च को लेकर भी बातचीत चली है.
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बता दें कि पिछले साल भी कोरोना संक्रमण की पहली लहर की स्थिति को देखते हुए बिहार सरकार ने सभी विधायक और विधान पार्षदों के फंड से सरकार ने 50-50 लाख रुपए लिया गया था. तो वहीं, संक्रमण की दूसरी लहर में भी सरकार में सभी विधायक विधान पार्षदों के फंड से कोरोना उन्मूलन कोषांग में दो-दो करोड़ की राशि ली गई है. तेजस्वी यादव ने इन राशियों को लेकर सीएम नीतीश कुमार को पत्र भी लिख चुके हैं. जिसमे उन्होंने बताया है कि पैसा का कैसे बंदरबांट हो रहा है. इस पर भी उन्होंने अपनी आशंका जता चुके हैं. तेजस्वी यादव का आरोप है कि बिहार का स्वास्थ्य विभाग सिर्फ लूट का अड्डा बन कर रह गया है.