पटना: जींद में 25 सितंबर को पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की जयंती (Chaudhary Devi Lal Birth Anniversary) में शामिल होने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के इंकार के बाद आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को न्यौता मिला है. जिसके बाद एक बार फिर से तीसरे मोर्चे (Third Front) की मुहिम शुरू हो गई है. इस सम्मान समारोह में गैर बीजेपी गैर कांग्रेसी नेताओं का जमावड़ा लगने वाला है.
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सीएम नीतीश कुमार ने सम्मेलन में जाने से तो मना कर दिया, लेकिन उसके आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की सक्रियता सम्मेलन को लेकर बढ़ गई है. तेजस्वी गैर बीजेपी गैर कांग्रेस के बजाय गैर बीजेपी सियासत को धार देना चाहते हैं. वे झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से मुलाकात भी कर चुके हैं.
चौधरी देवी लाल के बेटे और हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) जहां गैर बीजेपी गैर कांग्रेस की सियासत को धार देना चाहते हैं, वहीं तेजस्वी यादव बीजेपी के खिलाफ मजबूत गठबंधन तैयार करना चाहते हैं. तेजस्वी कांग्रेस को भी गठबंधन में शामिल करने पर जोर दे रहे हैं.
नीतीश कुमार को भी जींद सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए न्योता मिला था, लेकिन अलग-अलग कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने सम्मेलन में हिस्सा लेने से मना कर दिया था. हालांकि उनकी जगह जेडीयू महासचिव केसी त्यागी (KC Tyagi) उस कार्यक्रम में शरीक होंगे. उधर, नीतीश के ना कहने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की सक्रियता बढ़ गई है. तेजस्वी बीजेपी विरोधी नेताओं से मिलकर सबको एक फोरम पर लाने की कोशिश में जुटे हैं. लालू प्रसाद यादव बुधवार को वर्चुअल माध्यम से नेताओं से जुड़ेंगे और अपना रुख भी स्पष्ट करेंगे.
आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बीजेपी के खिलाफ मजबूत गठबंधन बनाना चाहते हैं. गठबंधन में कांग्रेस समेत तमाम बीजेपी विरोधी दलों को शामिल करना चाहते हैं.
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वहीं, जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) पहले ही सम्मेलन को लेकर रुख स्पष्ट कर चुके हैं. तेजस्वी को पहले तो हेमंत सोरेन का विरोध करना चाहिए, क्योंकि उन्होंने भोजपुरी और मगही भाषा को लेकर बिहार को अपमानित करने का काम किया.
उधर, बीजेपी प्रवक्ता डॉ. रामसागर सिंह ने कहा कि जींद सम्मेलन नेताओं का फ्लॉप शो है. सम्मेलन में वही लोग जा रहे हैं, जिनकी जमीन खिसक चुकी है. सम्मेलन में शामिल होने वालों में ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो या तो जेल में है या फिर बेल पर हैं.
तीसरे मोर्चे की कवायद पर वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि सम्मेलन मैं गैर बीजेपी और गैर कांग्रेसी नेताओं को आमंत्रित किया गया है लेकिन सवाल यह उठता है कि जिन नेताओं को सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है, उनका राज्यों में गठबंधन कांग्रेस के साथ है. अंतर्द्वंद को देखते हुए मजबूत गठबंधन बनना फिलहाल संभव दिखाई नहीं देता है.