पटना: बिहार की दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव (By-Election) में सियासी घमासान जारी है. नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के गोली मरवाने वाले बयान पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जनवरी से लेकर सितंबर तक 500 व्यवसायियों की हत्या हुई है. इस दौरान सीएम पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा उपचुनाव के खत्म होने के बाद हम लोग रोजगार जैसे तमाम मुद्दों के लेकर गांधी मैदान में रैली निकालेंगे.
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नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर पलटवार करते दिखे. तेजस्वी ने कहा कि उनके चुनावी रैली में युवकों ने रोजगार मांगा तो उन्होंने गिरफ्तार करवा दिया. यह अच्छी बात नहीं है. उन युवकों की गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए. इस दौरान तेजस्वी ने उन्हें छोड़ देने की मांग की. साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव के समय लोगों को भावना में लाने के लिए इस तरह का बयान बाजी करते हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा कि, "जनवरी या फरवरी में राष्ट्रीय जनता दल पटना के गांधी मैदान में एक बेरोजगार रैला का आयोजन करेगा. जहां वर्तमान सरकार से युवाओं के लिए रोजगार की मांग की जाएगी. वहीं, नीतीश कुमार के गोली मरवाने वाले बयान तेजस्वी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिसका जैसा दृष्टि होता है वह उसी तरह का बयान देता है. बिहार में कितनी हत्याएं हो रही है वह उन्हें भी पता है और हमें भी पता है."
तेजस्वी यादव ने कहा कि, "जनवरी से लेकर सितंबर तक 500 से ज्यादा व्यापारियों की हत्या हुई है और एक-एक व्यापारी का नाम और पता भी हमारे पास है. अगर वह मांगेगे तो हम दे देंगे. तो बिहार में क्या हो रहा है वह भी देख रहे हैं. लेकिन जानबूझकर इस तरह का बयान देकर जनता को वह भ्रम में डालना चाहते हैं. जनता इस बार उनके बातों में नहीं आने वाले हैं."
बता दें कि मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिना आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद का नाम लिए जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को काम करने का मौका मिला, 15 साल काम करने का मौका मिला, लेकिन क्या किया.
''मुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि हमारे ऊपर नहीं बोलेंगे तो पब्लिसिटी कैसे मिलेगी. इनलोगों के समय तो बिहार में कुछ था नहीं. इनलोगों को कुछ करना नहीं है. केवल घर में बैठकर बात करना है. सबलोग सब जानते हैं.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लालू प्रसाद के 'पटना आये ही हैं, नीतीश जी का विसर्जन करने' के बयान के संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि "तो वे गोली ही मरवा दें. सबसे अच्छा यही होगा. बाकी कुछ तो वे नहीं कर सकते हैं. पर, अगर चाहें तो गोली मरवा सकते हैं."
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद को 15 सालों का मौका मिला तो क्या किया? कितने लोगों को रोजगार दिया? कितनी सड़कें बनवाईं? बिजली के लिये क्या किया? स्कूल में कितनों को पढ़वाया? पहले क्या स्थिति थी बिहार की. अनुसूचित जाति, अतिपिछड़ी जाति, अल्पसंख्यक और महिलाओं की. हमलोगों को काम करने का मौका मिला तो ज्यादा रोजगार के लिए काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग एक-एक चीज पर काम करते हैं. स्कूलों का निर्माण हुआ है. पंचायत तक इंटर तक पढ़ाई का काम हो रहा है.
नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोगों का काम जनता की सेवा करना है, वही करेंगे. जनता मालिक है. उन्होंने कहा कि हमलोगों के लिए तो पूरा बिहार ही परिवार है, कुछ लोगों के लिए अपने परिवार को बढ़ाना है, इसलिए बोलने से कुछ नहीं होने वाला है, जिसको जो बोलना है, बोलता रहे.
बता दें कि इससे पहले, लालू प्रसाद यादव ने अपने छोटे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Prasad Yadav) द्वारा बिहार उप-चुनाव में प्रचार अभियान की तारीफ की और जेडीयू नेता नीतीश कुमार का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधते हुए कहा था कि, ''वैसे तो तेजस्वी यादव सभी जगह घूम ही रहे हैं. उखाड़ के वे ही फेंक चुके हैं, उनको. बाकी जो बचा है उसका हम विसर्जन कर देंगे. हमारी पार्टी भारी मतों से जीतेगी.''
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