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अयोध्या पर 'सुप्रीम' फैसले का तेजस्वी ने किया स्वागत, कहा- करते हैं सम्मान

SC ने केंद्र से ट्रस्ट की स्थापना में निर्मोही अखाड़े को किसी तरह का प्रतिनिधित्व देने पर विचार करने के लिए कहा है. 2.77 एकड़ विवादित भूमि का कब्ज़ा केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगा.

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Published : Nov 9, 2019, 1:00 PM IST

पटना: राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का तेजस्वी यादव ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि हम सबलोग सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं. तेजस्वी ने कहा कि देश में सभी मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा अपने हैं.

वहीं तंज कसते हुए बिना नाम लिए उन्होंने राजनीतिक दलों को सलाह दी. तेजस्वी ने कहा कि राजनेताओं को खासतौर से अब विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल पर ध्यान देने की जरूरत है. हमने पहले ही कहा था कि हम इस फैसले का स्वागत करेंगे.

तेजस्वी यादव का बयान

यह भी पढ़ें: CM नीतीश ने SC के फैसले का किया स्वागत, कहा- आगे इसपर न हो कोई विवाद

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राममंदिर मामले में फैसला सुना दिया है.

  • SC ने केंद्र से ट्रस्ट की स्थापना में निर्मोही अखाड़े को किसी तरह का प्रतिनिधित्व देने पर विचार करने के लिए कहा.
  • केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकारें अधिकारियों द्वारा भविष्य की कार्रवाई की निगरानी कर सकते हैं.
  • 2.77 एकड़ विवादित भूमि का कब्ज़ा केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगा.
  • निर्मोही अखाड़े की याचिका में पूरे विवादित जमीन पर नियंत्रण देने की मांग. SC ने खारिज की अपील.
  • SC ने केंद्र सरकार से 3 महीने के भीतर योजना बनाने और मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने को कहा.
  • SC ने मुसलमानों को नई मस्जिद बनाने के लिए वैकल्पिक भूमि के आवंटन का निर्देश दिया.
  • बाबरी मस्जिद को नुकसान पहुंचाया जाना कानून का उल्लंघन था.
  • यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड अयोध्या विवाद में अपना मामला स्थापित करने में विफल रहा है. इसके विपरीत, हिंदुओं ने अपना मामला स्थापित किया कि वे बाहरी आंगन (outer courtyard) के कब्जे में थे.
  • विवादित जमीन के बाहरी प्रांगण (outer courtyard) पर मुस्लिम पक्ष का कब्जा नहीं था. मुस्लिम पक्षों ने ऐसा सबूत नहीं दिया है कि विवादित जमीन पर सिर्फ उनका (exclusive) कब्जा था.
  • आस्था (faith), विश्वास (belief) के आधार पर टाइटल तय नहीं किया जा सकता है; वे विवाद सुलझाने के लिए एक तरह के संकेतक हैं.
  • सीता रसोई, राम चबूतरा और भंडार गृह का अस्तित्व, इस जगह के धार्मिक तथ्य की गवाही हैं.
  • हिंदुओं की आस्था है कि विवादित ढांचे के नीचे भगवान राम का जन्म हुआ था, ये निर्विवाद है.
  • विवादित स्थान के संबंध में हिंदुओं का मानना है कि ये भगवान राम की जन्मभूमि है. इस संबंध में मुस्लिम भी ऐसा कहते हैं.
  • ASI की रिपोर्ट से यह स्थापित नहीं हुआ था कि मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को ध्वस्त किया गया था. जमीन के नीचे की संरचना (underlying structure) एक इस्लामी संरचना नहीं थी.
  • ASI ने ये तथ्य साबित किया है कि ध्वस्त किए गए विवादित ढांचे के नीचे एक मंदिर था. बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी.
  • सुनवाई के दौरान पुरातात्विक रिपोर्ट (ASI Report) पर तर्क दिए गए थे. भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) संदेह से परे है और इसके निष्कर्षों की उपेक्षा नहीं की जा सकती.
  • निर्मोही अखाड़ा का दावा केवल प्रबंधन का है. निर्मोही अखाड़ा 'शबैत' नहीं है.
  • सीजेआई गोगोई ने कहा, इस न्यायालय को आस्था और विश्वास (faith and belief) को स्वीकार करना चाहिए. CJI ने कहा कि उपासकों के विश्वास (belief of worshippers) को स्वीकार करना चाहिए. कोर्ट को संतुलन बनाए रखना चाहिए.
  • SC का कहना है कि विवादित जमीन राजस्व रिकॉर्ड में सरकारी जमीन थी.
  • शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज हो गई है. शिया वक्फ बोर्ड का दावा विवादित ढांचे को लेकर था जिसे SC ने खारिज कर दिया है.

पटना: राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का तेजस्वी यादव ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि हम सबलोग सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं. तेजस्वी ने कहा कि देश में सभी मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा अपने हैं.

वहीं तंज कसते हुए बिना नाम लिए उन्होंने राजनीतिक दलों को सलाह दी. तेजस्वी ने कहा कि राजनेताओं को खासतौर से अब विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल पर ध्यान देने की जरूरत है. हमने पहले ही कहा था कि हम इस फैसले का स्वागत करेंगे.

तेजस्वी यादव का बयान

यह भी पढ़ें: CM नीतीश ने SC के फैसले का किया स्वागत, कहा- आगे इसपर न हो कोई विवाद

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राममंदिर मामले में फैसला सुना दिया है.

  • SC ने केंद्र से ट्रस्ट की स्थापना में निर्मोही अखाड़े को किसी तरह का प्रतिनिधित्व देने पर विचार करने के लिए कहा.
  • केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकारें अधिकारियों द्वारा भविष्य की कार्रवाई की निगरानी कर सकते हैं.
  • 2.77 एकड़ विवादित भूमि का कब्ज़ा केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगा.
  • निर्मोही अखाड़े की याचिका में पूरे विवादित जमीन पर नियंत्रण देने की मांग. SC ने खारिज की अपील.
  • SC ने केंद्र सरकार से 3 महीने के भीतर योजना बनाने और मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने को कहा.
  • SC ने मुसलमानों को नई मस्जिद बनाने के लिए वैकल्पिक भूमि के आवंटन का निर्देश दिया.
  • बाबरी मस्जिद को नुकसान पहुंचाया जाना कानून का उल्लंघन था.
  • यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड अयोध्या विवाद में अपना मामला स्थापित करने में विफल रहा है. इसके विपरीत, हिंदुओं ने अपना मामला स्थापित किया कि वे बाहरी आंगन (outer courtyard) के कब्जे में थे.
  • विवादित जमीन के बाहरी प्रांगण (outer courtyard) पर मुस्लिम पक्ष का कब्जा नहीं था. मुस्लिम पक्षों ने ऐसा सबूत नहीं दिया है कि विवादित जमीन पर सिर्फ उनका (exclusive) कब्जा था.
  • आस्था (faith), विश्वास (belief) के आधार पर टाइटल तय नहीं किया जा सकता है; वे विवाद सुलझाने के लिए एक तरह के संकेतक हैं.
  • सीता रसोई, राम चबूतरा और भंडार गृह का अस्तित्व, इस जगह के धार्मिक तथ्य की गवाही हैं.
  • हिंदुओं की आस्था है कि विवादित ढांचे के नीचे भगवान राम का जन्म हुआ था, ये निर्विवाद है.
  • विवादित स्थान के संबंध में हिंदुओं का मानना है कि ये भगवान राम की जन्मभूमि है. इस संबंध में मुस्लिम भी ऐसा कहते हैं.
  • ASI की रिपोर्ट से यह स्थापित नहीं हुआ था कि मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को ध्वस्त किया गया था. जमीन के नीचे की संरचना (underlying structure) एक इस्लामी संरचना नहीं थी.
  • ASI ने ये तथ्य साबित किया है कि ध्वस्त किए गए विवादित ढांचे के नीचे एक मंदिर था. बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी.
  • सुनवाई के दौरान पुरातात्विक रिपोर्ट (ASI Report) पर तर्क दिए गए थे. भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) संदेह से परे है और इसके निष्कर्षों की उपेक्षा नहीं की जा सकती.
  • निर्मोही अखाड़ा का दावा केवल प्रबंधन का है. निर्मोही अखाड़ा 'शबैत' नहीं है.
  • सीजेआई गोगोई ने कहा, इस न्यायालय को आस्था और विश्वास (faith and belief) को स्वीकार करना चाहिए. CJI ने कहा कि उपासकों के विश्वास (belief of worshippers) को स्वीकार करना चाहिए. कोर्ट को संतुलन बनाए रखना चाहिए.
  • SC का कहना है कि विवादित जमीन राजस्व रिकॉर्ड में सरकारी जमीन थी.
  • शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज हो गई है. शिया वक्फ बोर्ड का दावा विवादित ढांचे को लेकर था जिसे SC ने खारिज कर दिया है.
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