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तेजस्वी बोले- बिना वारंट गिरफ्तारी का अधिकार पहले से, किसे बेवकूफ बना रहे CM नीतीश

बिहार विधानसभा में विपक्षी दल के सदस्यों ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक के विरोध में जमकर हंगामा किया. विधानसभा में मंगलवार को वो हुआ जो पहले कभी नहीं हुआ. नीतीश सरकार के बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक के विरोध में विधानसभा के बाहर से लेकर अंदर तक जो कुछ हुआ उसने लोकतंत्र को तार-तार कर दिया.

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Published : Mar 23, 2021, 10:56 PM IST

Updated : Mar 23, 2021, 11:35 PM IST

पटना: बिहार में आज उस समय राजनीतिक गहमागहमी तेज हो गई, जब विधानसभा में विधायकों के साथ हाथापाई के आरोप लगाए गए. विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी आरजेडी के विधायकों को बिहार पुलिस ने सदन के अंदर पीटा. वहीं, नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हम बोलना चाहते थे, लेकिन हमें कुचल दिया गया.

पढ़ें: लग रहा है विपक्ष का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है: JDU प्रदेश अध्यक्ष

तेजस्वी ने कहा कि, ''ये कार्रवाई CM द्वारा की गई. नीतीश कुमार समाजवादी के नाम पर कलंक है. जो क़ानून अंग्रेजों ने लागू किया था, वहीं क़ानून आज नीतीश कुमार ने लागू किया है. यह क्या क़ानून है? पुलिस के पास बिना वारंट के गिरफ़्तार करने का अधिकार पहले से है. मुख्यमंत्री किसे बेवकूफ बना रहे है?.''

तेजस्वी यादव ने कहा कि इस कानून का मतलब बिना वारंट के किसी भी शख्स के लिए दबिश देना और केवल शक के बिना पर किसी को भी गिरफ्तार कर लेना है. अगर ऐसा है तो भी अदालत और न्यायधीशों की क्या जरूरत है. आपको बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा जब सदन की कार्यवाही स्थगित कर अपने कक्ष में बैठे थे, तभी विपक्षी दल के सदस्य उनके कक्ष के सामने धरने पर बैठ गए. साढ़े चार बजे जब वे कार्यवाही प्रारंभ करने के लिए जाने की कोशिश की तो उन्हें जाने नहीं दिया गया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इतना ही नहीं, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एक वीडियो जारी कर पटना के DM पर विधायक के साथ धक्कामुक्की करने के आरोप लगाए हैं.

पढ़ें: RJD का विधानसभा घेरावः कार्यकर्ताओं के साथ तेजस्वी और तेजप्रताप ने दी गिरफ्तारी

बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, 'बिल को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है. बीएमपी का नाम बदलकर बिहार सशस्त्र पुलिस कर दिया गया है. अपराध को नियंत्रित करने के लिए पुलिस कार्रवाई करेगी. हम चाहते थे कि सदन में बहस करें, मगर अफवाह फैलाई जा रही है. विपक्ष बहस करता तो सरकार जवाब देती. विपक्ष को चर्चा में भाग लेना चाहिए. सदन में जो हुआ है वो आज से पहले नहीं हुआ. विधानसभा में पता होना चाहिए कि क्या व्यवहार करना चाहिए. विपक्ष को चर्चा में एक-एक बात बताते कि क्या सच है.'

पटना: बिहार में आज उस समय राजनीतिक गहमागहमी तेज हो गई, जब विधानसभा में विधायकों के साथ हाथापाई के आरोप लगाए गए. विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी आरजेडी के विधायकों को बिहार पुलिस ने सदन के अंदर पीटा. वहीं, नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हम बोलना चाहते थे, लेकिन हमें कुचल दिया गया.

पढ़ें: लग रहा है विपक्ष का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है: JDU प्रदेश अध्यक्ष

तेजस्वी ने कहा कि, ''ये कार्रवाई CM द्वारा की गई. नीतीश कुमार समाजवादी के नाम पर कलंक है. जो क़ानून अंग्रेजों ने लागू किया था, वहीं क़ानून आज नीतीश कुमार ने लागू किया है. यह क्या क़ानून है? पुलिस के पास बिना वारंट के गिरफ़्तार करने का अधिकार पहले से है. मुख्यमंत्री किसे बेवकूफ बना रहे है?.''

तेजस्वी यादव ने कहा कि इस कानून का मतलब बिना वारंट के किसी भी शख्स के लिए दबिश देना और केवल शक के बिना पर किसी को भी गिरफ्तार कर लेना है. अगर ऐसा है तो भी अदालत और न्यायधीशों की क्या जरूरत है. आपको बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा जब सदन की कार्यवाही स्थगित कर अपने कक्ष में बैठे थे, तभी विपक्षी दल के सदस्य उनके कक्ष के सामने धरने पर बैठ गए. साढ़े चार बजे जब वे कार्यवाही प्रारंभ करने के लिए जाने की कोशिश की तो उन्हें जाने नहीं दिया गया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इतना ही नहीं, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एक वीडियो जारी कर पटना के DM पर विधायक के साथ धक्कामुक्की करने के आरोप लगाए हैं.

पढ़ें: RJD का विधानसभा घेरावः कार्यकर्ताओं के साथ तेजस्वी और तेजप्रताप ने दी गिरफ्तारी

बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, 'बिल को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है. बीएमपी का नाम बदलकर बिहार सशस्त्र पुलिस कर दिया गया है. अपराध को नियंत्रित करने के लिए पुलिस कार्रवाई करेगी. हम चाहते थे कि सदन में बहस करें, मगर अफवाह फैलाई जा रही है. विपक्ष बहस करता तो सरकार जवाब देती. विपक्ष को चर्चा में भाग लेना चाहिए. सदन में जो हुआ है वो आज से पहले नहीं हुआ. विधानसभा में पता होना चाहिए कि क्या व्यवहार करना चाहिए. विपक्ष को चर्चा में एक-एक बात बताते कि क्या सच है.'

Last Updated : Mar 23, 2021, 11:35 PM IST
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