पटनाः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव प्रवर्तन निदेशालय (ED) के बुलावे पर पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए. तेजस्वी यादव को शुक्रवार 5 जनवरी को ईडी ने लैंड फॉर जॉब केस में पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया था. मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने सरकारी काम की व्यस्तता का हवाला देते हुए ईडी के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थता जतायी.
दूसरी बार ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए तेजस्वीः लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से तीसरी बार उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बुलाया गया था. इससे पहले तेजस्वी यादव को 22 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से समन भेजा गया था. लेकिन, वह विदेश जाने का हवाला देकर जांच एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए थे. हालांकि तेजस्वी ने अपना विदेश दौरा रद्द कर दिया था. ईडी ने इसके बाद फिर से समन किया. पांच जनवरी को बुलाया था. इससे पहले 11 अप्रैल 2023 को पूछताछ की गई थी. लगभग 8 घंटे तक पूछताछ चली थी.
हेमंत और केजरीवाल नहीं हो रहे उपस्थितः बता दें कि ईडी अभी तक झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को 7 बार समन भेज चुकी है. लेकिन सातों बार हेमंत सोरेन हाजिर नहीं हुए. वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी ईडी ने शराब घोटाले में समन किया है. लेकिन तीन-तीन बार समन भेजे जाने के बाद भी नहीं पहुंचे. वहीं तेजस्वी यादव भी इन्ही तीनों नेताओं की तरह ईडी के समन को नजर अंदाज करते दिख रहे हैं.
क्या है लैंड फॉर जॉब केसः मामला यूपीए-1 सरकार के समय का है. लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 के बीच यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे. इस दौरान रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर बहाली हुई थी. आरोप लगे थे कि नौकरी के बदले कई लोगों ने अपनी जमीन लालू यादव के परिवार के सदस्यों को ट्रांसफर कर दी थी. जिस समय का यह मामला है उस समय तेजस्वी यादव नाबालिग थे.
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