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लोकतंत्र के मंदिर में ही जब विधायकों को पीटा जाएगा, तो बताइये क्या रह जाएगा: तेजस्वी यादव - beating of mlas in the assembly

बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष के विधायक काला मास्क लगाकर कार्यवाही में शामिल हुए. संकेत साफ है कि सत्र काफी हंगामेदार रहेगा. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिन पहले कहा था कि बिहार में कानून का राज नहीं, पुलिस का राज है. वहीं हाईकोर्ट ने तो यहां तक कह दिया कि बिहार में माइंडलेस गवर्मेंट है.

Bihar Monsoon Session
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Published : Jul 26, 2021, 3:58 PM IST

पटना: राजद नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने आज एक बार फिर से विधायकों के साथ हुई मारपीट का मुद्दा उठाया. इस दौरान मानसून सत्र (Bihar Monsoon Session 2021) के पहले दिन विपक्ष ने हंगामेदार सत्र के संकेत दिए हैं. विपक्ष के विधायकों ने काला मास्क लगाकर सदन की कार्यवाही (Bihar Legislative Assembly) में हिस्सा लिया. तेजस्वी यादव ने विपक्ष को सम्मान देने की वकालत की.

यह भी पढ़ें- मॉनसून सत्र: विधानसभा और विधान परिषद की कार्यवाही स्थगित

तेजस्वी यादव ने कहा '23 मार्च का काला दिन था, जिसका हम लोग विरोध कर रहे हैं. हम लोग काला मास्क लगाकर विरोध जता रहे हैं. हम जनता से जुड़े मुद्दे उठाते रहे हैं और आगे भी उठाते रहेंगे. लोकतंत्र के मंदिर में विधायकों को पुलिस द्वारा पिटवाया गया जो गलत था. विधायकों का मान-सम्मान नहीं रहेगा, विधायकों को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाएगा तो लोकतंत्र का क्या मतलब रह जाएगा.'

तेजस्वी का सरकार पर हमला

'हम सरकार की नीतियों का विरोध करते रहेंगे. पिछले सत्र के दौरान जिस तरीके से पुलिसिया तांडव हुआ उसकी में भर्त्सना करता हूं. दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई सिर्फ दो आरक्षी के खिलाफ कार्रवाई कर आईवॉश किया गया. लोकतंत्र में विपक्ष की अहमियत होती है हमने सरकार को दो प्रस्ताव दिए हैं हमें उम्मीद है कि विधानसभा के अध्यक्ष हमारे प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे.'- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

तेजस्वी यादव ने सरकार पर एक बार से हमला करते हुए कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिन पहले कहा था कि बिहार में कानून का राज नहीं, पुलिस का राज है. हाईकोर्ट ने तो कहा कि बिहार में माइंडलेस गवेर्मेंट है. नेता विरोधी दल के नाते हम चाहते थे कि प्रस्ताव रखते उस पर चर्चा होती मगर वो नहीं हुआ. विपक्ष की अहम भूमिका होती है. विधानसभा अध्यक्ष से हमने दो प्रस्ताव पर बोलने की अनुमति की मांग की है उन्होंने मौखिक रूप से कहा कि मौका दिया जाएगा. नेता प्रतिपक्ष को अपनी बात रखने के लिए मांग रखनी पड़ रही है.'

पिछले विधानसभा सत्र के दौरान अभूतपूर्व हंगामा हुआ था. ऐतिहासिक हंगामे के बाद बिहार विधानसभा परिसर और सदन के अंदर पुलिस को दाखिल कराया गया था. विधायकों के साथ मारपीट की घटना भी हुई थी. घटना को लेकर राजद और विपक्षी विधायकों का गुस्सा आज भी बरकरार है. तमाम विधायकों ने काला मास्क पहनकर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया.

बता दें बिहार विधानसभा में 23 मार्च को उस समय अभूतपूर्व हंगामे की स्थिति बन गयी थी जब विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को आसन पर पहुंचने से रोकने का प्रयास करने वाले विपक्षी सदस्यों को सदन से मार्शलों की मदद से बाहर निकालने के लिए पुलिस को विधानसभा के भीतर बुलाया गया था. बिहार विधानसभा में मार्च माह में विपक्षी विधायकों ने हंगामा किया था, बाद में सदन के अंदर पहली बार, पुलिस ने घुसकर विधायकों को घसीटते हुए विधानसभा से बाहर निकाला था.राष्ट्रीय जनता दल ने पहले ही विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि 23 मार्च की घटना के मद्देनजर विपक्षी दलों के विधायक सदन में प्रवेश करने से डर रहे हैं.

गौरतलब है कि छोटे से सत्र में 4 दिन ही प्रश्नों का उत्तर सदन में होगा. ऐसे में विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है. सत्ता पक्ष भी विपक्ष को जवाब देने के लिए तैयार है. मानसून सत्र को लेकर सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं. आज सत्र के पहले दिन शोक प्रस्ताव पढ़ने के बाद मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए दोनों सदनों को स्थगित कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें- CM नीतीश की अध्यक्षता में NDA विधायक दल की बैठक, मानसून सत्र को लेकर बनी रणनीति

पटना: राजद नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने आज एक बार फिर से विधायकों के साथ हुई मारपीट का मुद्दा उठाया. इस दौरान मानसून सत्र (Bihar Monsoon Session 2021) के पहले दिन विपक्ष ने हंगामेदार सत्र के संकेत दिए हैं. विपक्ष के विधायकों ने काला मास्क लगाकर सदन की कार्यवाही (Bihar Legislative Assembly) में हिस्सा लिया. तेजस्वी यादव ने विपक्ष को सम्मान देने की वकालत की.

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तेजस्वी यादव ने कहा '23 मार्च का काला दिन था, जिसका हम लोग विरोध कर रहे हैं. हम लोग काला मास्क लगाकर विरोध जता रहे हैं. हम जनता से जुड़े मुद्दे उठाते रहे हैं और आगे भी उठाते रहेंगे. लोकतंत्र के मंदिर में विधायकों को पुलिस द्वारा पिटवाया गया जो गलत था. विधायकों का मान-सम्मान नहीं रहेगा, विधायकों को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाएगा तो लोकतंत्र का क्या मतलब रह जाएगा.'

तेजस्वी का सरकार पर हमला

'हम सरकार की नीतियों का विरोध करते रहेंगे. पिछले सत्र के दौरान जिस तरीके से पुलिसिया तांडव हुआ उसकी में भर्त्सना करता हूं. दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई सिर्फ दो आरक्षी के खिलाफ कार्रवाई कर आईवॉश किया गया. लोकतंत्र में विपक्ष की अहमियत होती है हमने सरकार को दो प्रस्ताव दिए हैं हमें उम्मीद है कि विधानसभा के अध्यक्ष हमारे प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे.'- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

तेजस्वी यादव ने सरकार पर एक बार से हमला करते हुए कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिन पहले कहा था कि बिहार में कानून का राज नहीं, पुलिस का राज है. हाईकोर्ट ने तो कहा कि बिहार में माइंडलेस गवेर्मेंट है. नेता विरोधी दल के नाते हम चाहते थे कि प्रस्ताव रखते उस पर चर्चा होती मगर वो नहीं हुआ. विपक्ष की अहम भूमिका होती है. विधानसभा अध्यक्ष से हमने दो प्रस्ताव पर बोलने की अनुमति की मांग की है उन्होंने मौखिक रूप से कहा कि मौका दिया जाएगा. नेता प्रतिपक्ष को अपनी बात रखने के लिए मांग रखनी पड़ रही है.'

पिछले विधानसभा सत्र के दौरान अभूतपूर्व हंगामा हुआ था. ऐतिहासिक हंगामे के बाद बिहार विधानसभा परिसर और सदन के अंदर पुलिस को दाखिल कराया गया था. विधायकों के साथ मारपीट की घटना भी हुई थी. घटना को लेकर राजद और विपक्षी विधायकों का गुस्सा आज भी बरकरार है. तमाम विधायकों ने काला मास्क पहनकर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया.

बता दें बिहार विधानसभा में 23 मार्च को उस समय अभूतपूर्व हंगामे की स्थिति बन गयी थी जब विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को आसन पर पहुंचने से रोकने का प्रयास करने वाले विपक्षी सदस्यों को सदन से मार्शलों की मदद से बाहर निकालने के लिए पुलिस को विधानसभा के भीतर बुलाया गया था. बिहार विधानसभा में मार्च माह में विपक्षी विधायकों ने हंगामा किया था, बाद में सदन के अंदर पहली बार, पुलिस ने घुसकर विधायकों को घसीटते हुए विधानसभा से बाहर निकाला था.राष्ट्रीय जनता दल ने पहले ही विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि 23 मार्च की घटना के मद्देनजर विपक्षी दलों के विधायक सदन में प्रवेश करने से डर रहे हैं.

गौरतलब है कि छोटे से सत्र में 4 दिन ही प्रश्नों का उत्तर सदन में होगा. ऐसे में विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है. सत्ता पक्ष भी विपक्ष को जवाब देने के लिए तैयार है. मानसून सत्र को लेकर सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं. आज सत्र के पहले दिन शोक प्रस्ताव पढ़ने के बाद मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए दोनों सदनों को स्थगित कर दिया गया है.

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