पटना: राफेल मुद्दे पर विपक्ष हमलावर है. अब राजद विधायक और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने केन्द्र सरकार पर हमला बोला है. ट्विटर के माध्यम से तेज प्रताप ने मोदी सरकार पर हमला बोला.
तेज प्रताप यादव ने लिखा, 'वाह मोदीजी वाह! जब चोरी पकड़े जाने का डर लगे पूरे दस्तावेज ही चोरी करवा दिए, पहले राफेल में चोरी अब दस्तावेज की चोरी. अब तो पूरे देश मे शोर है, चौकीदार ही चोर है.'
'राफेल विमान सौदे से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी किये गये'
दरअसल, सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि राफेल विमान सौदे से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी किये गये हैं और याचिकाकर्ता इन दस्तावेजों के आधार पर विमानों की खरीद के खिलाफ याचिकायें रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार चाहते हैं.
राफेल सौदे के कुछ दस्तावेज चोरी हो गए : केंद्र सरकार
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) March 6, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
वाह मोदीजी वाह! जब चोरी पकड़े जाने का डर लगे पूरे दस्तावेज ही चोरी करवा दिए। पहले राफेल में चोरी अब दस्तावेज की चोरी। अब तो पूरे देश मे शोर है, चौकीदार ही चोर है।#RafaleDeal pic.twitter.com/qGARSPATEQ
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— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) March 6, 2019
वाह मोदीजी वाह! जब चोरी पकड़े जाने का डर लगे पूरे दस्तावेज ही चोरी करवा दिए। पहले राफेल में चोरी अब दस्तावेज की चोरी। अब तो पूरे देश मे शोर है, चौकीदार ही चोर है।#RafaleDeal pic.twitter.com/qGARSPATEQराफेल सौदे के कुछ दस्तावेज चोरी हो गए : केंद्र सरकार
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) March 6, 2019
वाह मोदीजी वाह! जब चोरी पकड़े जाने का डर लगे पूरे दस्तावेज ही चोरी करवा दिए। पहले राफेल में चोरी अब दस्तावेज की चोरी। अब तो पूरे देश मे शोर है, चौकीदार ही चोर है।#RafaleDeal pic.twitter.com/qGARSPATEQ
क्या कहाअटॉर्नी जनरल ने
कोर्ट में सरकार ने कहा कि इस मामले में जांच की जा रही है. यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है, लिहाजा संवेदनशीलता से ही मामले को डील किया जा सकता है. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि रक्षा मंत्रालय से महत्वपूर्ण दस्तावेज गुम हो गए हैं. उन्होंने कहा कि जिन दस्तावेजों की चोरी हुई है, उस पर निर्भर नहीं किया जा सकता है.
मुख्य न्यायाधीश की बेच में हो रही सुनवाई
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने अपने दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के लिये पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण की याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की.