पटना: नीतीश कैबिनेट में दागी नेताओं को जगह दिए जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है. उन्होंने सीएम नीतीश के बयान, जिसमें उन्होंने ''कैबिनेट मंत्रियों के आपराधिक छवि के होने की बात पर अनभिज्ञता जाहिर की थी'' पर ट्वीट कर तंज कसा है.
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तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा- ''बिहार के महान कुर्सीवादी मुख्यमंत्री को पता ही नहीं है कि उनके मंत्रिमंडल में शामिल 18 मंत्रियों के खिलाफ हत्या, लूट, भ्रष्टाचार, यौन शोषण, आर्म्स एक्ट, चोरी, जालसाजी, धोखाधड़ी जैसे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं? क्या इतने भोले-भाले मुख्यमंत्री को कुर्सी पर बने रहने का नैतिक अधिकार है?''
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बिहार के महान कुर्सीवादी मुख्यमंत्री को पता ही नहीं है कि उनके मंत्रिमंडल में शामिल 18 मंत्रियों के खिलाफ हत्या,लूट,भ्रष्टाचार, यौन शोषण,आर्म्स एक्ट,चोरी,जालसाजी,धोखाधड़ी जैसे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है? क्या इतने भोले-भाले मुख्यमंत्री को कुर्सी पर बने रहने का नैतिक अधिकार है? pic.twitter.com/AraPkRtBR0
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दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को दिल्ली के दो दिवसीय दौरे के बाद पटना लौटे. इस दौरान पत्रकारों ने उनसे मंत्रिमंडल में दागी नेताओं को शामिल करने के संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा- "ये हमको नहीं पता, ये आपलोग का काम है देखना किस पर क्या मामला है. लेकिन हमने नहीं देखा है और अगर ऐसी बात होगी तो हमें भी जानकारी दीजियेगा."
नीतीश कैबिनेट में शामिल हुए दागी मंत्री
बता दें कि बिहार में दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार के बाद 31 मंत्रियों में से 28 के पास औसतन संपत्ति 4.46 करोड़ रुपये है. इनमें से 18 ने घोषित किया है कि इनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने यह जानकारी दी. एडीआर ने नीतीश कुमार सरकार में शामिल 28 मंत्रियों की संपत्ति का विश्लेषण किया. विश्लेषण चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामों के आधार पर किया गया.
सबसे अमीर मंत्री...संजय कुमार झा
जल संसाधन विकास मंत्री संजय कुमार झा 22.37 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति के साथ सबसे अमीर मंत्री हैं. बसपा के पूर्व विधायक और अब अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री जमां खान, जो जनता दल-युनाइटेड में शामिल हो गए थे, वह 30.04 लाख रुपये की संपत्ति के साथ सबसे निचले पायदान पर हैं. कुल 20 मंत्रियों ने देनदारियों की घोषणा की है, जिसमें विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी भी शामिल हैं, जिन्होंने घोषणा की है कि वह 1.54 करोड़ रुपये के कर्ज में हैं.
18 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले
एडीआर ने दावा किया कि 18 मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें 14 गंभीर आपराधिक आरोपों के साथ शामिल हैं - भाजपा के 57 प्रतिशत मंत्री, जेडी-यू के 27 प्रतिशत मंत्री और वीआईपी, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा और निर्दलीय मंत्री भी इसमें शामिल हैं. बिहार मंत्रिपरिषद में अब मुख्यमंत्री सहित 31 सदस्य हैं. इनमें जनता दल-युनाइटेड के मुख्यमंत्री सहित 12 सदस्य हैं. भाजपा के 16, और विकासशील इंसान पार्टी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और निर्दलीय से एक-एक.