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छुट्टी रद्द किए जाने पर शिक्षक संघ ने उठाई समंजन की मांग, बोले- हड़ताल के दिनों से भरपाई करे सरकार

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Published : May 28, 2020, 11:31 PM IST

कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकारी शिक्षकों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. क्वॉरेंटाइन सेंटरों में उनकी ड्यूटी लगाई गई है. इसके एवज् में शिक्षक संघ ने समंजन की मांग की है.

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पटना: कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सरकारी स्कूलों में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, जिनमें शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. शिक्षा विभाग ने सरकारी टीचरों की गर्मी की छुट्टी कैंसिल कर दी है. इस पर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अभिषेक कुमार ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि शिक्षकों के हड़ताल अवधि में कार्य दिवसों की क्षति पूर्ति का समंजन उनकी ओर से गर्मी की छुट्टियों में किए जा रहे कार्य से पूरा किया जाए.

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा है कि राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के शिक्षक 17 फरवरी और माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक 25 फरवरी से अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे. लेकिन, लिखित आश्वासन पर 4 मई को शिक्षकों ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से शिक्षक संघों को दिए गए पत्र में कहा गया है कि हड़ताल अवधि में शिक्षकों पर सरकार की गई सभी दंडात्मक कार्रवाई को वापस लिया जाएगा.

स्थिति सामान्य होने पर किया जाएगा विचार
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से मिले पत्र में ये भी कहा गया कि हड़ताल अवधि में सरकार के नो वर्क-नो पे के सिद्धांत अक्षुण्ण रखते हुए हड़ताल अवधि को छुट्टियों में समांजित किया जाएगा. साथ ही सामंजन के बाद इस अवधि का भुगतान किया जाएगा. वहीं, सामान्य स्थिति होने पर शिक्षकों की मांगों पर संघ के प्रतिनिधियों से वार्ता की जाएगी.

अभी तक जारी नहीं हुआ आदेश
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि भारत सरकार और राज्य सरकार के निर्णयानुसार लॉकडाउन अवधि और फरवरी महीने में कार्यरत अवधि का वेतन भुगतान करने सहित शिक्षा विभाग ने हड़ताल अवधि में शिक्षकों पर किए गए अनुशासनिक कार्रवाई के तहत निलंबन वापसी का आदेश तो जारी कर दिया है. लेकिन, एफआईआर वापस लेने सहित हड़ताल अवधि के कार्य दिवसों के समंजन और इस अवधि के वेतन भुगतान का आदेश अभी तक जारी नहीं किया है.

शिक्षक दे रहे हैं लगातार सेवा
शिक्षा विभाग की ओर से जारी माध्यमिक विद्यालयों के शैक्षणिक कैलेंडर 2020-2021 के अनुसार 18 मई से 10 जून तक कुल 23 दिनों के लिए गर्मियों की छुट्टियां घोषित हैं. वहीं, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से बीते 18 मई को जारी आदेश के बाद राज्य के सभी प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के शिक्षक (महिला व विकलांग शिक्षक सहित) अपने विद्यालय और अन्य विद्यालयों में योग्यता और विशेषज्ञता के अनुसार लगातार अपनी सेवा दे रहे हैं. इसके अलावा हड़ताल समाप्ति के दूसरे दिन से ही अधिकांश शिक्षकों की सेवा क्वॉरेंटाइन सेंटरों, रेलवे स्टेशनों, कोविड-19 के वाहन कोषांगो और राशन वितरण कार्य आदि में लिया जा रहा है.

22 दिनों के काम का करना है समंजन
25 फरवरी से 24 मार्च तक यदि कुल कार्य दिवसों की गणना की जाए तो 22 दिनों की क्षतिपूर्ति का समंजन शिक्षकों को करना है. ऐसे में ग्रीष्मावकाश में कुल 23 दिनों की छुट्टी पहले से शिक्षा विभाग ने तय की है. कोरोना वैश्विक महामारी (कोविड-19) में बिना किसी संसाधन के शिक्षक कार्य कर रहे हैं ऐसे में इस अवधि को कार्यदिवस मानते हुए हड़ताल के दिनों की भरपाई की जाए. साथ ही हड़ताल अवधि के वेतन भुगतान सहित दर्ज एफआईआर वापसी का निर्देश जारी किए जाए.

4 मई को शिक्षकों ने खत्म की हड़ताल
बता दें कि बीते 25 मार्च से केंद्र सरकार ने पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन घोषित किया था. वहीं, शिक्षकों ने 4 मई को हड़ताल समाप्ति की. उसके बाद लगभग सभी शिक्षक शिक्षा विभाग के निर्देश पर अपने संबंधित जिला के डीपीओ और बीईओ कार्यालय में 5 मई से योगदान देने लग गए. जबकि राज्य सरकार ने 13 मार्च से ही कोरोना वैश्विक महामारी को देखते हुए राज्य में कई प्रतिबंध लगाए थे. जिसके तहत शिक्षा विभाग ने भी 13 मार्च से सभी स्कूलों को बंद कर दिया था. लेकिन, शिक्षकों को विद्यालय आने का निर्देश दिया गया था.

पटना: कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सरकारी स्कूलों में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, जिनमें शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. शिक्षा विभाग ने सरकारी टीचरों की गर्मी की छुट्टी कैंसिल कर दी है. इस पर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अभिषेक कुमार ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि शिक्षकों के हड़ताल अवधि में कार्य दिवसों की क्षति पूर्ति का समंजन उनकी ओर से गर्मी की छुट्टियों में किए जा रहे कार्य से पूरा किया जाए.

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा है कि राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के शिक्षक 17 फरवरी और माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक 25 फरवरी से अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे. लेकिन, लिखित आश्वासन पर 4 मई को शिक्षकों ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से शिक्षक संघों को दिए गए पत्र में कहा गया है कि हड़ताल अवधि में शिक्षकों पर सरकार की गई सभी दंडात्मक कार्रवाई को वापस लिया जाएगा.

स्थिति सामान्य होने पर किया जाएगा विचार
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से मिले पत्र में ये भी कहा गया कि हड़ताल अवधि में सरकार के नो वर्क-नो पे के सिद्धांत अक्षुण्ण रखते हुए हड़ताल अवधि को छुट्टियों में समांजित किया जाएगा. साथ ही सामंजन के बाद इस अवधि का भुगतान किया जाएगा. वहीं, सामान्य स्थिति होने पर शिक्षकों की मांगों पर संघ के प्रतिनिधियों से वार्ता की जाएगी.

अभी तक जारी नहीं हुआ आदेश
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि भारत सरकार और राज्य सरकार के निर्णयानुसार लॉकडाउन अवधि और फरवरी महीने में कार्यरत अवधि का वेतन भुगतान करने सहित शिक्षा विभाग ने हड़ताल अवधि में शिक्षकों पर किए गए अनुशासनिक कार्रवाई के तहत निलंबन वापसी का आदेश तो जारी कर दिया है. लेकिन, एफआईआर वापस लेने सहित हड़ताल अवधि के कार्य दिवसों के समंजन और इस अवधि के वेतन भुगतान का आदेश अभी तक जारी नहीं किया है.

शिक्षक दे रहे हैं लगातार सेवा
शिक्षा विभाग की ओर से जारी माध्यमिक विद्यालयों के शैक्षणिक कैलेंडर 2020-2021 के अनुसार 18 मई से 10 जून तक कुल 23 दिनों के लिए गर्मियों की छुट्टियां घोषित हैं. वहीं, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से बीते 18 मई को जारी आदेश के बाद राज्य के सभी प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के शिक्षक (महिला व विकलांग शिक्षक सहित) अपने विद्यालय और अन्य विद्यालयों में योग्यता और विशेषज्ञता के अनुसार लगातार अपनी सेवा दे रहे हैं. इसके अलावा हड़ताल समाप्ति के दूसरे दिन से ही अधिकांश शिक्षकों की सेवा क्वॉरेंटाइन सेंटरों, रेलवे स्टेशनों, कोविड-19 के वाहन कोषांगो और राशन वितरण कार्य आदि में लिया जा रहा है.

22 दिनों के काम का करना है समंजन
25 फरवरी से 24 मार्च तक यदि कुल कार्य दिवसों की गणना की जाए तो 22 दिनों की क्षतिपूर्ति का समंजन शिक्षकों को करना है. ऐसे में ग्रीष्मावकाश में कुल 23 दिनों की छुट्टी पहले से शिक्षा विभाग ने तय की है. कोरोना वैश्विक महामारी (कोविड-19) में बिना किसी संसाधन के शिक्षक कार्य कर रहे हैं ऐसे में इस अवधि को कार्यदिवस मानते हुए हड़ताल के दिनों की भरपाई की जाए. साथ ही हड़ताल अवधि के वेतन भुगतान सहित दर्ज एफआईआर वापसी का निर्देश जारी किए जाए.

4 मई को शिक्षकों ने खत्म की हड़ताल
बता दें कि बीते 25 मार्च से केंद्र सरकार ने पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन घोषित किया था. वहीं, शिक्षकों ने 4 मई को हड़ताल समाप्ति की. उसके बाद लगभग सभी शिक्षक शिक्षा विभाग के निर्देश पर अपने संबंधित जिला के डीपीओ और बीईओ कार्यालय में 5 मई से योगदान देने लग गए. जबकि राज्य सरकार ने 13 मार्च से ही कोरोना वैश्विक महामारी को देखते हुए राज्य में कई प्रतिबंध लगाए थे. जिसके तहत शिक्षा विभाग ने भी 13 मार्च से सभी स्कूलों को बंद कर दिया था. लेकिन, शिक्षकों को विद्यालय आने का निर्देश दिया गया था.

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