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पटना : नियमितीकरण की मांग को लेकर समावेशी शिक्षक संघ का धरना - teachers union strike

पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर समावेशी शिक्षक संघ (Bihar Teachers Union) ने धरना दिया. हजारों की संख्या में विभिन्न जिलों से आए समावेशी शिक्षक पटना पहुंचे. संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को स्थाई नौकरी देने की मांग शिक्षक संघ ने की है. पढ़ें पूरी खबर...

समावेशी शिक्षक संघ का धरना
समावेशी शिक्षक संघ का धरना
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Published : Oct 19, 2022, 8:34 PM IST

पटना: पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर समावेशी शिक्षक संघ (Teachers Protest In Patna) ने धरना दिया। संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को स्थाई नौकरी देने की मांग शिक्षक संघ ने की है. समावेशी शिक्षक संघ के सचिव नरेंद्र कुमार का साफ-साफ कहना है कि हम लोग दिव्यांग बच्चों को सभी प्रखंडों में रहकर लगातार पर आ रहे हैं. अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं. बावजूद इसके अभी तक हम लोगों को स्थाई नहीं किया गया है और मानदेय के रूप में मात्र 14700 रुपए दिया जाता है जो बिहार सरकार के एक चपरासी के वेतन से भी कम है. हम लोगों की सेवा को स्थाई किया जाए साथ ही जिस पे स्केल को बढ़ाया जाए.

यह भी पढे़ं : मसौढ़ी: 28 जुलाई से शिक्षकों का अनिश्चितकालीन हड़ताल, 6 सूत्री समेत बकाया वेतनमान की है मांग

सरकार हमारी मांगों नहीं मान रही है : आरा से आए हुए शिक्षक आरएस चतुर्वेदी का कहना है कि हम एमएड हैं. बिहार शिक्षा परियोजना (Bihar Education Project) के तहत हम समावेशी शिक्षक हैं. लगातार दिव्यांग छात्रों को प्रखंड में पढ़ाई करवा रहे हैं. हम लोग अपना काम कर रहे हैं बावजूद कई सालों से सरकार हमारी मांगों नहीं मान रही है. सुप्रीम कोर्ट का जो गाइडलाइन है उसके अनुसार सरकार को काम करना चाहिए दिव्यांग बच्चों के पढ़ाई की व्यवस्था को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसके तहत हम लोग समावेशी शिक्षक हैं और प्राथमिकता के आधार पर स्थाई कर उन्हें नियमित किया जाना है.

मांग को लेकर संघ राज्यपाल से मुलाकात : सरकार जब तक हम लोगों को स्थाई नौकरी नहीं देती है तब तक हम लोगों का पूरे बिहार में इसी तरह प्रदर्शन जारी रहेगा. आरएस चतुर्वेदी ने बताया कि अगर सरकार स्थाई नहीं करेगी तो निश्चित तौर पर राज्यपाल से भी हम मुलाकात करेंगे. उसके बाद नहीं माना गया तो हम लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जाने का काम करेंगे. अगर जरूरत पड़ी तोआत्मदाह करेंगे.

"पूरे बिहार में जो समावेशी शिक्षक है.उनकी डिग्री बीएड एमएड से भी ज्यादा है. बावजूद सरकार हम लोगों की नौकरी को स्थाई नहीं कर रही है. यही कारण है कि आज हम लोग गर्दनीबाग धरनास्थल पर आकर बिहार शिक्षा परियोजना के मनमानी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं." - नरेंद्र सिंह, सचिव, समावेशी शिक्षक संघ

"बिहार में सभी प्रखंडों में दिव्यांग और असमर्थ जो बच्चे हैं उसकी पढ़ाई की व्यवस्था यहीं समावेशी शिक्षक करते हैं. इनकी नियुक्ति बिहार शिक्षा परियोजना ने किया है. इनकी नियुक्ति संविदा पर है. ऐसे शिक्षक सभी प्रखंडों में काम कर रहे हैं." - आरएस द्विवेदी, समावेशी शिक्षक बिहार

यह भी पढे़ं : टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने किया प्रदर्शन, सरकार से सभी को समान मौके की मांग

पटना: पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर समावेशी शिक्षक संघ (Teachers Protest In Patna) ने धरना दिया। संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को स्थाई नौकरी देने की मांग शिक्षक संघ ने की है. समावेशी शिक्षक संघ के सचिव नरेंद्र कुमार का साफ-साफ कहना है कि हम लोग दिव्यांग बच्चों को सभी प्रखंडों में रहकर लगातार पर आ रहे हैं. अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं. बावजूद इसके अभी तक हम लोगों को स्थाई नहीं किया गया है और मानदेय के रूप में मात्र 14700 रुपए दिया जाता है जो बिहार सरकार के एक चपरासी के वेतन से भी कम है. हम लोगों की सेवा को स्थाई किया जाए साथ ही जिस पे स्केल को बढ़ाया जाए.

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सरकार हमारी मांगों नहीं मान रही है : आरा से आए हुए शिक्षक आरएस चतुर्वेदी का कहना है कि हम एमएड हैं. बिहार शिक्षा परियोजना (Bihar Education Project) के तहत हम समावेशी शिक्षक हैं. लगातार दिव्यांग छात्रों को प्रखंड में पढ़ाई करवा रहे हैं. हम लोग अपना काम कर रहे हैं बावजूद कई सालों से सरकार हमारी मांगों नहीं मान रही है. सुप्रीम कोर्ट का जो गाइडलाइन है उसके अनुसार सरकार को काम करना चाहिए दिव्यांग बच्चों के पढ़ाई की व्यवस्था को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसके तहत हम लोग समावेशी शिक्षक हैं और प्राथमिकता के आधार पर स्थाई कर उन्हें नियमित किया जाना है.

मांग को लेकर संघ राज्यपाल से मुलाकात : सरकार जब तक हम लोगों को स्थाई नौकरी नहीं देती है तब तक हम लोगों का पूरे बिहार में इसी तरह प्रदर्शन जारी रहेगा. आरएस चतुर्वेदी ने बताया कि अगर सरकार स्थाई नहीं करेगी तो निश्चित तौर पर राज्यपाल से भी हम मुलाकात करेंगे. उसके बाद नहीं माना गया तो हम लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जाने का काम करेंगे. अगर जरूरत पड़ी तोआत्मदाह करेंगे.

"पूरे बिहार में जो समावेशी शिक्षक है.उनकी डिग्री बीएड एमएड से भी ज्यादा है. बावजूद सरकार हम लोगों की नौकरी को स्थाई नहीं कर रही है. यही कारण है कि आज हम लोग गर्दनीबाग धरनास्थल पर आकर बिहार शिक्षा परियोजना के मनमानी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं." - नरेंद्र सिंह, सचिव, समावेशी शिक्षक संघ

"बिहार में सभी प्रखंडों में दिव्यांग और असमर्थ जो बच्चे हैं उसकी पढ़ाई की व्यवस्था यहीं समावेशी शिक्षक करते हैं. इनकी नियुक्ति बिहार शिक्षा परियोजना ने किया है. इनकी नियुक्ति संविदा पर है. ऐसे शिक्षक सभी प्रखंडों में काम कर रहे हैं." - आरएस द्विवेदी, समावेशी शिक्षक बिहार

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