पटना: इन दिनों युवा पीढ़ी में टैटू बनवाने का काफी शौक बढ़ा हुआ है और सभी अपने शौक और फैशन के लिए टैटू का इस्तेमाल करते हैं. वहीं, पटना के महिपाल कृष्णा पिछले 6 साल से टैटू बनाने का काम कर रहे हैं. सबसे खास बात यह है कि महीपाल लोगों के अंदर पॉजिटिविटी लाने के लिए काम कर रहे हैं. वह अपने हुनर के जरिए खामियों को छिपाने और रूप निखारने का काम कर रहे हैं.
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ईटीवी भारत से खास बातचीत में महीपाल ने बताया कि मुझे टैटू का शौक शुरू से था. इसलिए पहले खुद ही टैटू बनवाई और इसके बाद टैटू बनाने की शुरुआत भी हो गई. शुरू से ही मन में था कि कुछ अलग करना है. अपने लोगों के लिए कुछ ऐसा करना है जिसका लाभ पूरे बिहार और भारत को मिले. इसके बाद से ही इसका सिलसिला शुरू हो गया.
हाईजीन मेंटेन करना है जरूरी
पहले लोग अक्सर बात करते थे कि टैटू बनाना खतरनाक होता है. इससे नुकसान भी हो सकते हैं. लोगों के अंदर की इस निगेटिविटी को भी दूर करना था. टैटू बनवाने से कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन हाइजीन मेंटेन करना बेहद जरूरी है. सभी चीजों को हम क्लीन रैप करते हैं ताकि किसी प्रकार की कोई समस्या न हो.
जिस हिस्से में टैटू बनता है वह नेकेड होता है और ब्लड अगर निकला और बाहरी चीजों में कांटेक्ट हुआ तो उससे नुकसान भी हो सकता है इस बात का पूरा ख्याल रखना होता. इसलिए हर छोटी छोटी चीजों पर खास ध्यान रखा जाता है जैसे मशीन के तार, मशीन में गृप लगा हो, ग्लव्स, नीडल नई है कि नहीं. इन सब चीजों का खास ख्याल रखना होता है.
छिपा देते हैं स्किन के दाग
महीपाल ने बताया कि आजकल इसका इस्तेमाल ब्यूटी ट्रीटमेंट के लिए भी किया जाता है. इसका लाभ लोगों को मिल रहा है. किसी को अगर सफेद धब्बे हैं तो उनके धब्बे वाले स्किन को नार्मल स्किन टोन में लाया जाता है. अगर किसी का स्किन बर्न हुआ है तो उसे भी हम लोग स्किन टोन में मैच करते हैं. इससे लोगों को काफी लाभ मिल रहा है और डॉक्टर्स भी ऐसे केस को हमारे पास रेफर कर रहे हैं. क्योंकि वैसे दाग को मिटाना नामुमकिन सा होता है लेकिन अब हम उसे मुमकिन कर रहे हैं. इसके साथ ही और भी कई तरह के ब्यूटी ट्रीटमेंट किए जा रहे हैं. जैसे आइब्रो टैटूइंग, लिप लाइनिंग और व्हाइट पैच स्किन टोनिंग. इन सभी समस्याओं के लिए लोग टैटू का सहारा ले रहे हैं. इसे पूरा करने में दो-तीन सीटिंग लेना पड़ता है. क्योंकि सफेद धब्बे वाली जगह का स्किन बहुत पतला हो जाता है थोड़ी सी भी असावधानी से स्किन कटने की संभावना रहती है.
महिपाल कृष्णा ने बताया कि कि लोग अब धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं और इसके फायदे को भी समझ रहे हैं. हमारा मकसद लोगों को जागरूक करना और उनकी खामियों को भरकर रूप निखारना है. इसके लिए हम काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे.
1 हजार से शुरू होता है काम
महिपाल ने बताया कि 1000 रुपए से टैटू मेकिंग का काम शुरू होता है और लगभग 15-20 हजार के टैटू अभी बनाए जा रहे हैं. आज के समय में टैटू का दायरा भी काफी बड़ा हो गया है. नए-नए तरह के टैटू बनाए जा रहे हैं. अभी पोट्रेट का ट्रेंड है, जिसमें लोगों की शक्ल हूबहू टैटू के रूप में उनके शरीर पर उतारे जा रहे हैं. अभी काफी नई चीजें हो रही हैं. जैसे ओरिएंटल टैटू बनाया जा रहा है जो बिल्कुल नया है. हर दिन कुछ न कुछ नया करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि इन लोगों को अधिक से अधिक वैरायटी मिल सके और लोग इसे बनवा सकें.
महिपाल ने बताया कि उनके अभी 3 सेंटर चल रहे हैं और आने वाले समय में वह एक सेंटर और खोलेंगे, लेकिन बिहार के बाहर. क्योंकि बिहार में एक कलाकार के रूप में ग्रोथ कम है और लोग जागरूक भी कम हैं. आज के समय में आर्टिस्टिक टैटू बहुत कम हो रहे हैं और बेसिक्स टैटू ज्यादा हो रहे हैं. इसलिए हमने इन सब पर अधिक मेहनत करना शुरू किया है.
टैटू बनवाने पहुंचे एक युवा ने बताया कि उन्होंने अब तक 20 से अधिक टैटू अपने शरीर पर बनवाए हैं. इसका कोई नुकसान नहीं है. उन्हें बस शौक है इसलिए टैटू बनवाते हैं. जब भी कुछ नया दिखता है तो उसे बनवाते हैं.
गौरतलब है कि महीपाल कृष्णा 6 साल से टैटू बना रहे हैं. प्रतिवर्ष देश में इंटरनेशनल स्तर के करीब 5 से 7 टैटू फेस्टिवल में वह हिस्सा भी लेते हैं और कई बार बेहतर काम करने के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया है.