पटना: राजधानी में बारिश बंद होते ही एक बार फिर से लोग दशहरा की तैयरियों में जुट गए हैं. सड़कों पर चमचमाते पंडालों से दुर्गा पूजा की रौनक लौट आई. जिले के डाक बंगला चौराहा पर तमिलनाडु के प्रसिद्ध कांतेश्वर मंदिर की आकृति जैसा पंडाल बनाया जा रहा है.
दरअसल, बारिश के कारण पंडाल बनाने की प्रक्रिया को रोक दी गई थी. लेकिन, बारिश के छूटते ही एक बार फिर से इकसी सजाबट में लोग जुट गए हैं. बता दें कि इस पंडाल को बनाने क लिए बंगाल से कारगीर को बुलाया गया है.
पूजा-पंडाल का केंद्र डाक बंगला चौराहा
गौरतलब है कि पटना का डाक बंगला चौराहा पूजा-पंडाल का केंद्र रहा है. यहां लाखों की तादाद में लोग पंडाल और सजाबट देखने आते हैं. यह पंडाल चारो ओर से सीसीटीवी लैस होता है. इसकी भव्य सजावट का लाइव प्रसारण भी स्थानीय केबल से किया जाता है.
1964 से हुई शुरुआत
इस पंडाल की जानकारी डाक बंगला पूजा समिति के अध्यक्ष अमित कुमार ने दी. उन्होंने कहा कि 1964 से यहां पूजा आरंभ होते आ रही है. उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर से ही यहां लोगों ने इस परंपरा को चला रहे हैं. अब इस परंपरा को हमलोग आगे बढ़ा रहे हैं. पूजा समिति अध्यक्ष ने बताया कि वह इस बार पटना की जनता को तमिलनाडु के कांतेश्वर मंदिंर की आकृती भेंट किए हैं. ताकि लोग यहां से तमिलनाडु के मंदिर का आनंद ले सके.
6 महीने से लगा ज्यादा वक्त
ईटीवी भारत से बातचीत में पूजा समिति अध्यक्ष अमित कुमार ने कहा कि इस पंडाल को बनाने में 6 महीने का वक्त लगा है. इसका डिजाइन कोलकाता आर्ट कॉलेज के कलाकारों ने किया है. पंडाल की पेंटिंग की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें पांच तरह का समावेश है. यह पंडाल वास्तविक मंदिर से मिलता है.