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डाकबंगला चौराहा पर तमिलनाडु के कांतेश्वर मंदिर के तर्ज पर बना रहा दुर्गा पंडाल - kanteshwar temple pandal in patna

ईटीवी भारत से बातचीत में डाकबंगला पूजा समिति अध्यक्ष अमित कुमार ने कहा कि इस पंडाल को बनाने में 6 महीने का वक्त लगा है. इसका डिजाइन कोलकाता आर्ट कॉलेज के कलाकारों ने किया है.

पंडाल
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Published : Oct 3, 2019, 10:36 PM IST

पटना: राजधानी में बारिश बंद होते ही एक बार फिर से लोग दशहरा की तैयरियों में जुट गए हैं. सड़कों पर चमचमाते पंडालों से दुर्गा पूजा की रौनक लौट आई. जिले के डाक बंगला चौराहा पर तमिलनाडु के प्रसिद्ध कांतेश्वर मंदिर की आकृति जैसा पंडाल बनाया जा रहा है.

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पंडाल के अंदर का डिजाइन

दरअसल, बारिश के कारण पंडाल बनाने की प्रक्रिया को रोक दी गई थी. लेकिन, बारिश के छूटते ही एक बार फिर से इकसी सजाबट में लोग जुट गए हैं. बता दें कि इस पंडाल को बनाने क लिए बंगाल से कारगीर को बुलाया गया है.

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पंडाल पर बनी आकृतियां

पूजा-पंडाल का केंद्र डाक बंगला चौराहा
गौरतलब है कि पटना का डाक बंगला चौराहा पूजा-पंडाल का केंद्र रहा है. यहां लाखों की तादाद में लोग पंडाल और सजाबट देखने आते हैं. यह पंडाल चारो ओर से सीसीटीवी लैस होता है. इसकी भव्य सजावट का लाइव प्रसारण भी स्थानीय केबल से किया जाता है.

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देखें पंडाल का ऊपरी हिस्सा

1964 से हुई शुरुआत
इस पंडाल की जानकारी डाक बंगला पूजा समिति के अध्यक्ष अमित कुमार ने दी. उन्होंने कहा कि 1964 से यहां पूजा आरंभ होते आ रही है. उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर से ही यहां लोगों ने इस परंपरा को चला रहे हैं. अब इस परंपरा को हमलोग आगे बढ़ा रहे हैं. पूजा समिति अध्यक्ष ने बताया कि वह इस बार पटना की जनता को तमिलनाडु के कांतेश्वर मंदिंर की आकृती भेंट किए हैं. ताकि लोग यहां से तमिलनाडु के मंदिर का आनंद ले सके.

देखें खास रिपोर्ट

6 महीने से लगा ज्यादा वक्त
ईटीवी भारत से बातचीत में पूजा समिति अध्यक्ष अमित कुमार ने कहा कि इस पंडाल को बनाने में 6 महीने का वक्त लगा है. इसका डिजाइन कोलकाता आर्ट कॉलेज के कलाकारों ने किया है. पंडाल की पेंटिंग की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें पांच तरह का समावेश है. यह पंडाल वास्तविक मंदिर से मिलता है.

पटना: राजधानी में बारिश बंद होते ही एक बार फिर से लोग दशहरा की तैयरियों में जुट गए हैं. सड़कों पर चमचमाते पंडालों से दुर्गा पूजा की रौनक लौट आई. जिले के डाक बंगला चौराहा पर तमिलनाडु के प्रसिद्ध कांतेश्वर मंदिर की आकृति जैसा पंडाल बनाया जा रहा है.

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पंडाल के अंदर का डिजाइन

दरअसल, बारिश के कारण पंडाल बनाने की प्रक्रिया को रोक दी गई थी. लेकिन, बारिश के छूटते ही एक बार फिर से इकसी सजाबट में लोग जुट गए हैं. बता दें कि इस पंडाल को बनाने क लिए बंगाल से कारगीर को बुलाया गया है.

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पंडाल पर बनी आकृतियां

पूजा-पंडाल का केंद्र डाक बंगला चौराहा
गौरतलब है कि पटना का डाक बंगला चौराहा पूजा-पंडाल का केंद्र रहा है. यहां लाखों की तादाद में लोग पंडाल और सजाबट देखने आते हैं. यह पंडाल चारो ओर से सीसीटीवी लैस होता है. इसकी भव्य सजावट का लाइव प्रसारण भी स्थानीय केबल से किया जाता है.

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देखें पंडाल का ऊपरी हिस्सा

1964 से हुई शुरुआत
इस पंडाल की जानकारी डाक बंगला पूजा समिति के अध्यक्ष अमित कुमार ने दी. उन्होंने कहा कि 1964 से यहां पूजा आरंभ होते आ रही है. उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर से ही यहां लोगों ने इस परंपरा को चला रहे हैं. अब इस परंपरा को हमलोग आगे बढ़ा रहे हैं. पूजा समिति अध्यक्ष ने बताया कि वह इस बार पटना की जनता को तमिलनाडु के कांतेश्वर मंदिंर की आकृती भेंट किए हैं. ताकि लोग यहां से तमिलनाडु के मंदिर का आनंद ले सके.

देखें खास रिपोर्ट

6 महीने से लगा ज्यादा वक्त
ईटीवी भारत से बातचीत में पूजा समिति अध्यक्ष अमित कुमार ने कहा कि इस पंडाल को बनाने में 6 महीने का वक्त लगा है. इसका डिजाइन कोलकाता आर्ट कॉलेज के कलाकारों ने किया है. पंडाल की पेंटिंग की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें पांच तरह का समावेश है. यह पंडाल वास्तविक मंदिर से मिलता है.

Intro:नवरात्र स्पेशल
डाकबंगला चौराहे पर बन रहा है तमिलनाडु के कांतेश्वर मंदिर कि आकृति का पूजा पंडाल


विजूअल अलग से गई है


Body:राजधानी पटना में पिछले 4 दिनों से आफत की बारिश हुई एक और जहां जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था अब मौसम साफ होते ही दुर्गा पूजा की रौनक लौटने लगी है, पूजा समितियों अधूरी तैयारियों को पूरा करने में जी-जान से जुट गए है, पंडाल बनाने वाले कारीगर और मूर्ति बनाने वाले कलाकार दिन रात एक कर अपना काम पूरा करने में जुटे हैं
ऐसे में राजधानी पटना के ह्रदय स्थली कहे जाने वाले डाकबंगला चौराहे पर इस बार तमिलनाडु के प्रसिद्ध मंदिर कांतेश्वरत्रमंदिर की आकृति जैसा पंडाल बनाया जा रहा है, जहां बंगाल से कारीगर बुलाए गए है,डाकबंगला चौराहे पर पूरे राजधानी में एक खास आकर्षण का केंद्र बना रहता है, वही अष्टमी नवमी के दिन यहां पर भव्य सजावट होती है और खास आकर्षण का केंद्र बिंदु रहता है
चारों ओर सीसीटीवी होता है,भव्य सजावट का लाइव प्रसारण भी स्थानीय केबल से किया जाता है


Conclusion:राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहे पर भव्य प्रतिमा और भव्य पंडाल का आयोजन किया जाता है पिछले 56 वर्षों से यहां पर समितियों द्वारा पूजा आराधना की जाती है और पूरे जिला प्रशासन की निगाहें भी इसी डाकबंगला चौराहे पर होती है काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ यहां पर उमडती है



बाईट: अमित,उपाध्यक्ष-डाकबंगला पूजा समिति
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