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पटना एम्स में स्वेट क्लोराइड जांच शुरू, बिहार के किसी अस्पताल में नहीं थी यह सुविधा

पटना एम्स में स्वेट क्लोराइड जांच की शुरुआत की गई. पहले बिहार के अस्पतालों में इस जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं थी, जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी होती थी. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 5, 2021, 9:53 AM IST

Sweat chloride test in Patna AIIMS
पटना एम्स में स्वेट क्लोराइड जांच शुरू

पटना: एम्स पटना (AIIMS Patna) में स्वेट क्लोराइड जांच (Sweat Chloride Test) और ऑनलाइन आईसीयू ट्रेनिंग की शुरुआत की गई है. नई सेवाओं का उद्घाटन एम्स पटना के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा और निदेशक डॉ पीके सिंह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया.

यह भी पढ़ें- बदलते मौसम में बढ़ा डेंगू और मलेरिया का खतरा, डॉक्टर से जानिए सुरक्षित रहने के तरीके

स्वेट क्लोराइड लैब के इंचार्ज डॉ अरुण प्रसाद ने कहा, 'सिस्टिक फाइब्रोसिस नामक बीमारी में बच्चे को बार-बार निमोनिया होता है. इस बीमारी की पहचान पसीने में नमक की मात्रा की जांच कर की जाती है. बिहार के अस्पतालों में अभी तक इस जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं थी, जिसके कारण ऐसे मरीजों को काफी परेशानी होती थी. इस जांच के शुरू होने से बिहार और पड़ोसी राज्यों के मरीजों में सिस्टिक फाइब्रोसिस की पहचान कर उनका उचित इलाज किया जाएगा.'

"एम्स पटना के शिशु रोग विभाग द्वारा बिहार के चिकित्सकों और पारामेडिकल स्टाफ को ऑफ लाइन पीडियाट्रिक आईसीयू की ट्रेनिंग दी जा रही थी. अब यह ट्रेनिंग ऑनलाइन भी दी जाएगी."- डॉ अरुण प्रसाद, इंचार्ज, स्वेट क्लोराइड लैब

"अब बिहार के दूसरे मेडिकल कॉलेज के आईसीयू की बेहतरी के लिए वेब कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संपर्क साधा जाएगा."- डॉ लोकेश तिवारी, अध्यक्ष, शिशु रोग विभाग, एम्स पटना

उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान एम्स पटना के शिशु रोग विभाग में बेहतरी के लिए एम्स पटना के अध्यक्ष डॉ अरोड़ा ने अनेक सुझाव दिए. कार्यक्रम में संस्थान के डीन डॉ उमेश भदानी, डॉ प्रेम कुमार, डॉ संजीव कुमार, डॉ बिंदे कुमार, डॉ चंद्र मोहन, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ प्रताप पात्रा और डॉ भावेश कान्त मौजूद थे.

यह भी पढ़ें- RJD के 'कृष्ण' की 'अर्जुन' को सलाह- हे अर्जुन! मन अशांत है और इसे नियंत्रित करना कठिन है

पटना: एम्स पटना (AIIMS Patna) में स्वेट क्लोराइड जांच (Sweat Chloride Test) और ऑनलाइन आईसीयू ट्रेनिंग की शुरुआत की गई है. नई सेवाओं का उद्घाटन एम्स पटना के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा और निदेशक डॉ पीके सिंह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया.

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स्वेट क्लोराइड लैब के इंचार्ज डॉ अरुण प्रसाद ने कहा, 'सिस्टिक फाइब्रोसिस नामक बीमारी में बच्चे को बार-बार निमोनिया होता है. इस बीमारी की पहचान पसीने में नमक की मात्रा की जांच कर की जाती है. बिहार के अस्पतालों में अभी तक इस जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं थी, जिसके कारण ऐसे मरीजों को काफी परेशानी होती थी. इस जांच के शुरू होने से बिहार और पड़ोसी राज्यों के मरीजों में सिस्टिक फाइब्रोसिस की पहचान कर उनका उचित इलाज किया जाएगा.'

"एम्स पटना के शिशु रोग विभाग द्वारा बिहार के चिकित्सकों और पारामेडिकल स्टाफ को ऑफ लाइन पीडियाट्रिक आईसीयू की ट्रेनिंग दी जा रही थी. अब यह ट्रेनिंग ऑनलाइन भी दी जाएगी."- डॉ अरुण प्रसाद, इंचार्ज, स्वेट क्लोराइड लैब

"अब बिहार के दूसरे मेडिकल कॉलेज के आईसीयू की बेहतरी के लिए वेब कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संपर्क साधा जाएगा."- डॉ लोकेश तिवारी, अध्यक्ष, शिशु रोग विभाग, एम्स पटना

उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान एम्स पटना के शिशु रोग विभाग में बेहतरी के लिए एम्स पटना के अध्यक्ष डॉ अरोड़ा ने अनेक सुझाव दिए. कार्यक्रम में संस्थान के डीन डॉ उमेश भदानी, डॉ प्रेम कुमार, डॉ संजीव कुमार, डॉ बिंदे कुमार, डॉ चंद्र मोहन, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ प्रताप पात्रा और डॉ भावेश कान्त मौजूद थे.

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