पटना: प्रधानमंत्री मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार में अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी 543 करोड़ की लागत से परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के लिए आयोजित वर्चुअल समारोह में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ‘प्रोजेक्ट डाॅल्फिन’ की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि पटना विश्वविद्यालय के 2 एकड़ परिसर में 30.52 करोड़ की लागत से एशिया का पहला डाॅल्फिन रिसर्च सेंटर की स्थापना की जा रही.
डाॅल्फिन की आधी आबादी बिहार में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम नमामि गंगे परियोजना और अमृत मिशन के तहत राज्य में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, '2018-19 के सर्वेक्षण के अनुसार पूरे देश में 3031 डॉल्फिन हैं और उनमें से करीब आधी 1455 बिहार में हैं. सुल्तानगंज-कहलगांव के 60 किमी क्षेत्र को ‘बिक्रमशिला गांगे डॉल्फिल अभयारण्य घोषित किया गया है.'
गंगा बिहार में औद्योगिक प्रदूषण से मुक्त
उन्होंने कहा कि गंगा किनारे के 57 ऐसे सर्वाधिक प्रदूषण पैदा करने वाले उद्योगों की पहचान की गई हैं, जहां जीरो लिक्विड डिस्चार्ज और एक-एक एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित कर औद्योगिक कचरे के बहाव को रोका गया है, जिसके परिणामस्वरूप गंगा बिहार में औद्योगिक प्रदूषण से मुक्त है.
उन्होंने बताया कि 34 स्थलों से संग्रहित गंगा जल की जांच में उसे जलीय जीवन के अनुकुल पाया गया है, मगर मल-जल व सीवेज के पानी के कारण गंगा जल पीने और स्नान करने योग्य नहीं है. सुशील मोदी ने कहा कि 155.88 करोड़ की लागत से गंगा किनारे के 12 जिलों, जिनमें बक्सर, भोजपुर, वैशाली, छपरा शामिल हैं और पटना में 103 कलस्टर में जैविक खेती की जा रही है.