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पटना हाईकोर्ट ने 26 हजार मामलों का वर्चुअल निष्पादन कर स्थापित किया कीर्तिमान- उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी

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Published : Aug 25, 2020, 11:06 PM IST

सुशील मोदी ने बताया कि पॉस्को एक्ट (लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम-2012) से संबंधित मामलों के निष्पादन के लिए कुल 45 कोर्ट का गठन किया गया है. जिनमें 300 से कम लंबित मामलों वाले 23 जिलों में एक-एक और 300 से अधिक लंबित मामलों वाले 11 जिलों में दो-दो कोर्ट का गठन किया गया है.

पटना
पटना

पटना: भाजपा विधि प्रकोष्ठ की वर्चुअल बैठक को मंगलवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पटना उच्च न्यायालय ने वर्चुअल तरीके से सुनवाई कर 26 हजार से ज्यादा मामलों का निष्पादन कर पूरे देश में एक कीर्तिमान स्थापित किया है. साथ ही उन्होंने उम्मीद व्यक्त करते हुए कहा कि बहुत जल्द पूर्ववत फिजिकल उपस्थिति द्वारा न्यायालय में काम प्रारंभ हो जाएगा.

सुशील मोदी ने जानकारी देते हुए बताया कि पॉस्को एक्ट (लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम-2012) से संबंधित मामलों के निष्पादन के लिए कुल 45 कोर्ट का गठन किया गया है. जिनमें 300 से कम लंबित मामलों वाले 23 जिलों में एक-एक और 300 से अधिक लंबित मामलों वाले 11 जिलों में दो-दो कोर्ट का गठन किया गया है.

पटना
अधिवक्ताओं के लिए चारमंजिला भवन का निर्माण

'दिव्यांगजनों के लिए विशेष कोर्ट का गठन'
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि इसी प्रकार शराबबंदी से जुड़े मामलों के निष्पादन के लिए पहले से प्रत्येक जिले में गठित एक-एक कोर्ट के अलावा 74 न्यायालय और दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के तहत सभी जिलों में एक-एक विशेष कोर्ट का गठन किया गया है.

'अधिवक्ताओं के लिए चारमंजिला भवन का निर्माण'
सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार की मदद से 167 करोड़ की लागत से पटना उच्च न्यायालय के भवन के निर्माण के साथ ही 66 डिसमिल जमीन पर 11 करोड़ की लागत से अधिवक्ताओं के लिए एक चारमंजिला भवन का निर्माण पूरा कर लिया गया है, जिसमें करीब डेढ़ हजार अधिवक्ता बैठ सकेंगे.

'ई-स्टांप के फर्जीवाड़ा पर लगी रोक'
सुशील कुमार मोदी ने आगे बताया कि अधिवक्ता कल्याण कोष के लिए हर एफिडेविट और आवेदन पर लगने वाले शुल्क को 15 से बढ़ाकर 25 रुपये कर दिया गया है. जिससे उन्हें दुर्घटना, मृत्यु आदि विशेष स्थिति में मदद की जाती है. ई-स्टांप के प्रयोग से फर्जीवाड़ा पर कारगर रोक लगी है.

पटना: भाजपा विधि प्रकोष्ठ की वर्चुअल बैठक को मंगलवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पटना उच्च न्यायालय ने वर्चुअल तरीके से सुनवाई कर 26 हजार से ज्यादा मामलों का निष्पादन कर पूरे देश में एक कीर्तिमान स्थापित किया है. साथ ही उन्होंने उम्मीद व्यक्त करते हुए कहा कि बहुत जल्द पूर्ववत फिजिकल उपस्थिति द्वारा न्यायालय में काम प्रारंभ हो जाएगा.

सुशील मोदी ने जानकारी देते हुए बताया कि पॉस्को एक्ट (लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम-2012) से संबंधित मामलों के निष्पादन के लिए कुल 45 कोर्ट का गठन किया गया है. जिनमें 300 से कम लंबित मामलों वाले 23 जिलों में एक-एक और 300 से अधिक लंबित मामलों वाले 11 जिलों में दो-दो कोर्ट का गठन किया गया है.

पटना
अधिवक्ताओं के लिए चारमंजिला भवन का निर्माण

'दिव्यांगजनों के लिए विशेष कोर्ट का गठन'
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि इसी प्रकार शराबबंदी से जुड़े मामलों के निष्पादन के लिए पहले से प्रत्येक जिले में गठित एक-एक कोर्ट के अलावा 74 न्यायालय और दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के तहत सभी जिलों में एक-एक विशेष कोर्ट का गठन किया गया है.

'अधिवक्ताओं के लिए चारमंजिला भवन का निर्माण'
सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार की मदद से 167 करोड़ की लागत से पटना उच्च न्यायालय के भवन के निर्माण के साथ ही 66 डिसमिल जमीन पर 11 करोड़ की लागत से अधिवक्ताओं के लिए एक चारमंजिला भवन का निर्माण पूरा कर लिया गया है, जिसमें करीब डेढ़ हजार अधिवक्ता बैठ सकेंगे.

'ई-स्टांप के फर्जीवाड़ा पर लगी रोक'
सुशील कुमार मोदी ने आगे बताया कि अधिवक्ता कल्याण कोष के लिए हर एफिडेविट और आवेदन पर लगने वाले शुल्क को 15 से बढ़ाकर 25 रुपये कर दिया गया है. जिससे उन्हें दुर्घटना, मृत्यु आदि विशेष स्थिति में मदद की जाती है. ई-स्टांप के प्रयोग से फर्जीवाड़ा पर कारगर रोक लगी है.

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