पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू परिवार की करोड़ों रुपये की सम्पत्ति जब्त होने से जदयू नेतृत्व न केवल प्रसन्न है, बल्कि चाहता है कि राजद के प्रथम राजनीतिक परिवार के कुछ लोगों को जेल भेजने जैसी बड़ी कार्रवाई हो. यदि ऐसा हुआ तो नीतीश कुमार 2025 तक निष्कंटक राज करेंगे और डील के अनुसार उन्हें तेजस्वी यादव को सत्ता नहीं सौंपनी होगी.
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'लालू परिवार की संपति जब्त होने से ललन सिंह खुश': सुशील मोदी ने कहा कि जदयू लालू परिवार पर ईडी की कार्रवाई का विरोध केवल दिखावे के लिए कर रहा है. असल में इससे जदयू अध्यक्ष ललन सिंह खुश हैं, क्योंकि नौकरी के बदले जमीन लिखवाने के मामले की जांच के लिए उन्होंने ही पक्के सबूत उपलब्ध कराये थे. उन्होंने कहा कि यदि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को जेल जाना पड़ा, तो जदयू के लिए राजद पर कब्जा करना आसान हो जाएगा.
लालू-तेजस्वी से सवाल: मोदी मोदी ने कहा कि ईडी ने पुख्ता सबूत के आधार पर कानून केे अनुसार सम्पत्ति जब्त करने की कार्रवाई की, लेकिन लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि वे लगभग 100 करोड़ की सम्पत्ति के मालिक कैसे बने? दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी वाला करोड़ों रुपये का बंगला ( डी-1088) एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का रजिस्टर्ड आफिस था. तेजस्वी यादव मात्र 4 लाख रुपये में इस कंपनी और उसके कार्यालय भवन के मालिक बन गए.
सुशील मोदी ने आगे कहा कि इसी कंपनी (एबी एक्सपोर्ट) के माध्यम से रेलवे में नौकरी पाने के लिए लिखवायी गई जमीन लालू परिवार तक पहुंची. रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी पाने के बदले हृदयानंद चौधरी ने पटना की अपनी 70 लाख की सम्पत्ति राबड़ी देवी और हेमा यादव को गिफ्ट कर दी, क्या यह सही नहीं है?
लालू की संपत्ति तीसरी बार ईडी ने की अटैच: बता दें कि तीसरी बार लालू की संपत्ति को ईडी ने अटैच किया है. इस बार उनकी गाजियाबाद और बिहार की सभी संपत्ति शामिल है. बिहार के पटना स्थित बिहटा,महुआबाग, दानापुर में संपत्ति को ईडी ने अटैच किया है. इसके अलावा लालू यादव की बेटी हेमा यादव की संपत्ति को भी अटैच किया गया है.