पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिला है. इस चुनाव में एनडीए ने 125 सीटें जीती है. इसमें अकेले बीजेपी के खाते में 74 सीट है. बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी गेमचेंजर साबित हुए हैं. सुशील मोदी कोरोना से ठीक होते ही आराम किए बिना ही चुनावी प्रचार में जुट गए थे. हालांकि अब जीत जाने के बाद सुशली मोदी ने कहा है कि बिहार को विकास के पथ पर आगे ले जाना ही हमारा लक्ष्य है.
"बिहार चुनाव में एनडीए को विकास के नाम पर ही जीत मिली है. हम बिहार की जनता के लिए काम करते रहेंगे. अब तक का वक्त इंफ्रास्ट्रक्चर को ठीक करने में लग गया था लेकिन अब आगे के कार्यकाल में विकास की गति को तेज करेंगे."- सुशील मोदी, उपमुख्यमंत्री, बिहार
'सरकार गठन में मेरी कोई भूमिका नहीं'
इसके अलावा सुशील मोदी ने कई मुद्दों को लेकर बातें कही. इस दौरान उन्होंने फिर से बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास कार्य करने की बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा ड्रीम यही है कि बिहार को और आगे ले जाना है. जहां तक अभी पहुंचा है उससे और अधिक ऊंचाईयों तक ले जाना है. यही सपना और लक्ष्य को लेकर एनडीए बिहार में काम कर रही है. वहीं, उन्होंने बिहार में सरकार गठन में अपनी भूमिका के बार में कहा कि उनकी कोई भूमिका नहीं होगी.
"बिहार की जनता ने एनडीए को सरकार में काम करने के लिए जनादेश दिया है. मिलजुल कर काम करेंगे. बीजेपी-जेडीयू मिलजुलकर नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करेगी. 15 सालों में जो काम हुआ है उसे और आगे ले जाएंगे."- सुशील मोदी, उपमुख्यमंत्री, बिहार
'बीजेपी 74 सीट ही क्यों जीती और भी जीत सकती थी ?'
इसके साथ ही सुशील कुमार मोदी ने सीएम नीतीश कुमार के आखिरी बार चुनाव लड़ने की बात को लेकर कुछ भी प्रतिक्रिया देने से बचे. वहीं, उन्होंने सरकार में किसकी कितनी हिस्सेदारी होगी, इस पर एक दो दिनों में स्थिति साफ होने की बात कही और उन्होंने बिहार चुनाव में जेडीयू कम सीटें आने पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जीत हार तो लगा ही रहता है. कभी-कभी सीटिंग विधायक या मंत्री हार जाते हैं तो कभी-कभी जीत जाते हैं. ये जनता तय करती है. एक दर्जन से अधिक सीटों पर हमारी पार्टी के सीटिंग विधायक हार गए. अब इससे तो यही कर सकते हैं कि कहां चूक हुई इस पर विचार करना होगा. जेडीयू कम सीट जीती ये पूछा जा रहा है लेकिन ये भी तो कहा जा सकता था कि बीजेपी 74 सीट ही क्यों जीती और भी तो जीत सकती थी.