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Bihar Caste Census: 'लालू यादव बताएं 15 साल में क्यों नहीं हुई जातीय जनगणना', सुशील मोदी ने उठाए सवाल - Etv Bharat Bihar

बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगने के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद जब 15 साल सत्ता में रहे तब जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई गई. जितने गैर भाजपा राज्य है, उसमें कहीं भी जातीय जनगणना नहीं हुई है. हमने पहले इसके लिए कानून बनाने का सुझाव दिया था, लेकिन अपने अहंकार में आकर नीतीश कुमार ने इसे नहीं माना. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : May 5, 2023, 8:00 PM IST

पटनाः बिहार में जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया है. इसके बाद से महागठबंधन के नेता भाजपा पर निशाना साध रहे हैं. भाजपा भी लगातार बयानों का पलवार कर रही है. राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने एक बड़ा सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद जब 15 साल बिहार की सत्ता में रहे, तब जातीय जनगणना क्यों नहीं करायी गई? वे भूल जाते हैं कि जातीय जनगणना का 06 जून 2022 का निर्णय उस एनडीए सरकार का था, जिसमें भाजपा शामिल थी.

यह भी पढ़ेंः Bihar Caste Census: जातीय जनगणना पर जल्द सुनवाई के लिए बिहार सरकार पहुंची पटना हाईकोर्ट, दायर की याचिका

कहीं भी जातीय जनगणना नहीं हुआः सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में 15 साल के पति-पत्नी राज में ही नहीं, आज राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल सहित जिन आधा दर्जन राज्यों में गैर-भाजपा दलों की सरकार हैं, वहां भी जातीय जनगणना क्यों नहीं करायी गई? उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद जातीय जनगणना को लेकर अनर्गल बयान देने के बजाय अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें. भाजपा ने हर फोरम पर जातीय जनगणना का समर्थन किया. हमने पहले इसके लिए कानून बनाने का सुझाव दिया था, लेकिन अपने अहंकार में आकर नीतीश कुमार ने इसे नहीं माना, जिससे हाईकोर्ट में सरकार की पराजय हुई.

  • · लालू बतायें, उनके 15साल में क्यों नहीं हुई जातीय जनगणना
    · जातीय जनगणना भाजपा -युक्त एनडीए सरकार का निर्णय
    · जातीय गणना और निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण पर नीतीश -लालू की नीयत साफ नहीं
    · अतिपिछड़ा आयोग की रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
जनता जानती है सरकार की कुटिल चालः उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने नगर निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए विशेष आयोग बनाने के भाजपा के सुझाव पर भी ऐसा अहंकारी रुख अपनाया था, जिसके कारण हाई कोर्ट को चुनाव प्रक्रिया पर बीच में ही रोक लगानी पड़ी थी. सुशील मोदी ने कहा कि उस समय हाई कोर्ट के दबाव में सरकार ने आनन-फानन में जो अतिपिछड़ा आयोग बनाया, उसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं की गई. जातीय जनगणना और अतिपिछड़ों को आरक्षण के मुद्दे पर राजद-जदयू सरकार की कुटिल चाल जनता खूब समझ रही है.

पटनाः बिहार में जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया है. इसके बाद से महागठबंधन के नेता भाजपा पर निशाना साध रहे हैं. भाजपा भी लगातार बयानों का पलवार कर रही है. राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने एक बड़ा सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद जब 15 साल बिहार की सत्ता में रहे, तब जातीय जनगणना क्यों नहीं करायी गई? वे भूल जाते हैं कि जातीय जनगणना का 06 जून 2022 का निर्णय उस एनडीए सरकार का था, जिसमें भाजपा शामिल थी.

यह भी पढ़ेंः Bihar Caste Census: जातीय जनगणना पर जल्द सुनवाई के लिए बिहार सरकार पहुंची पटना हाईकोर्ट, दायर की याचिका

कहीं भी जातीय जनगणना नहीं हुआः सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में 15 साल के पति-पत्नी राज में ही नहीं, आज राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल सहित जिन आधा दर्जन राज्यों में गैर-भाजपा दलों की सरकार हैं, वहां भी जातीय जनगणना क्यों नहीं करायी गई? उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद जातीय जनगणना को लेकर अनर्गल बयान देने के बजाय अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें. भाजपा ने हर फोरम पर जातीय जनगणना का समर्थन किया. हमने पहले इसके लिए कानून बनाने का सुझाव दिया था, लेकिन अपने अहंकार में आकर नीतीश कुमार ने इसे नहीं माना, जिससे हाईकोर्ट में सरकार की पराजय हुई.

  • · लालू बतायें, उनके 15साल में क्यों नहीं हुई जातीय जनगणना
    · जातीय जनगणना भाजपा -युक्त एनडीए सरकार का निर्णय
    · जातीय गणना और निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण पर नीतीश -लालू की नीयत साफ नहीं
    · अतिपिछड़ा आयोग की रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
जनता जानती है सरकार की कुटिल चालः उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने नगर निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए विशेष आयोग बनाने के भाजपा के सुझाव पर भी ऐसा अहंकारी रुख अपनाया था, जिसके कारण हाई कोर्ट को चुनाव प्रक्रिया पर बीच में ही रोक लगानी पड़ी थी. सुशील मोदी ने कहा कि उस समय हाई कोर्ट के दबाव में सरकार ने आनन-फानन में जो अतिपिछड़ा आयोग बनाया, उसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं की गई. जातीय जनगणना और अतिपिछड़ों को आरक्षण के मुद्दे पर राजद-जदयू सरकार की कुटिल चाल जनता खूब समझ रही है.
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