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बाढ़-सुखाड़ से हुआ हजारों करोड़ का नुकसान, जलवायु के अनुकूल कृषि की है जरूरत : सुशील मोदी

सुशील मोदी ने कहा कि 2019 में ही जलवायु परिवर्तन का 3 बार असर देखने को मिला. इस वजह से सरकार को 2 हजार करोड़ से अधिक की राशि अनुदान के रूप में किसानों को देनी पड़ी. आंकड़ा बताते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में भी बाढ़ और सुखाड़ से किसानों को बड़ी क्षति हुई थी.

सुशील मोदी
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Published : Nov 20, 2019, 5:07 PM IST

पटना: 'जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम' को लेकर कृषि विभाग की ओर से मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया. प्रदेश में अनियमित बारिश और सुखाड़ से निपटने के लिए ही 'जलवायु परिवर्तन के अनुकूल कृषि कार्यक्रम' की शुरुआत की गई है. उम्मीद जतायी जा रही है कि इसका लाभ सूबे को मिलेगा.

कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने संबोधित करते हुए कहा की जलवायु परिवर्तन का बिहार जैसे राज्यों पर जबरदस्त असर पड़ रहा है. खासकर मध्यम और सीमांत किसानों को जलवायु परिवर्तन के कारण बाढ़ और सुखाड़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है. इससे उनकी फसल का बहुत नुकसान हो रहा है. फसल नुकसान की भारपाई के लिए सरकार को भी बड़ी राशि खर्च करनी पड़ रही है.

पटना
जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम की शुरुआत

2019 में जलवायु परिवर्तन का दिखा 3 बार असर
सुशील मोदी ने कहा कि 2019 में ही जलवायु परिवर्तन का 3 बार असर देखने को मिला. इस वजह से सरकार को 2 हजार करोड़ से अधिक की राशि अनुदान के रूप में किसानों को देनी पड़ी. आंकड़ा बताते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में भी बाढ़ और सुखाड़ से किसानों को बड़ी क्षति हुई थी. सरकार को उस साल भी 2 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च करनी पड़ी थी.

कृषि कार्यक्रम को संबोधित करते उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी

जलवायु परिवर्तन से मुकाबला के लिए कार्यक्रम की शुरूआत
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि पिछले 3 सालों की बात करें तो सरकार ने बाढ़ और सुखाड़ से नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को 5 हजार करोड़ की राशि अनुदान के रूप में दी है. यदि इस राशि का प्रयोग हम अपने प्रदेश के विकास में करते तो उसका लाभ मिलता, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण इतनी बड़ी राशि का नुकसान हुआ है. इसीलिए सरकार ने जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम बिहार के हित में होगा.

पटना: 'जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम' को लेकर कृषि विभाग की ओर से मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया. प्रदेश में अनियमित बारिश और सुखाड़ से निपटने के लिए ही 'जलवायु परिवर्तन के अनुकूल कृषि कार्यक्रम' की शुरुआत की गई है. उम्मीद जतायी जा रही है कि इसका लाभ सूबे को मिलेगा.

कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने संबोधित करते हुए कहा की जलवायु परिवर्तन का बिहार जैसे राज्यों पर जबरदस्त असर पड़ रहा है. खासकर मध्यम और सीमांत किसानों को जलवायु परिवर्तन के कारण बाढ़ और सुखाड़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है. इससे उनकी फसल का बहुत नुकसान हो रहा है. फसल नुकसान की भारपाई के लिए सरकार को भी बड़ी राशि खर्च करनी पड़ रही है.

पटना
जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम की शुरुआत

2019 में जलवायु परिवर्तन का दिखा 3 बार असर
सुशील मोदी ने कहा कि 2019 में ही जलवायु परिवर्तन का 3 बार असर देखने को मिला. इस वजह से सरकार को 2 हजार करोड़ से अधिक की राशि अनुदान के रूप में किसानों को देनी पड़ी. आंकड़ा बताते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में भी बाढ़ और सुखाड़ से किसानों को बड़ी क्षति हुई थी. सरकार को उस साल भी 2 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च करनी पड़ी थी.

कृषि कार्यक्रम को संबोधित करते उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी

जलवायु परिवर्तन से मुकाबला के लिए कार्यक्रम की शुरूआत
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि पिछले 3 सालों की बात करें तो सरकार ने बाढ़ और सुखाड़ से नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को 5 हजार करोड़ की राशि अनुदान के रूप में दी है. यदि इस राशि का प्रयोग हम अपने प्रदेश के विकास में करते तो उसका लाभ मिलता, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण इतनी बड़ी राशि का नुकसान हुआ है. इसीलिए सरकार ने जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम बिहार के हित में होगा.

Intro:पटना-- जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम कि आज से बिहार में शुरुआत हो गई है। संवाद में आयोजित कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा की जलवायु परिवर्तन का बिहार के किसानों पर जबरदस्त असर पड़ा है और पिछले 3 सालों के दौरान सरकार ने बाढ़ सुखाड़ से जो नुकसान हुआ है उसमें 5000 करोड़ की राशि किसानों को मदद की है । यह राशि बिहार के विकास के कार्य में लग सकता था इसलिए जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम बिहार के हित में होगा।


Body:जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम को लेकर कृषि विभाग की ओर से मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में आज कार्यक्रम किया गया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने संबोधित करते हुए कहा की जलवायु परिवर्तन का बिहार जैसे राज्यों पर जबरदस्त असर पड़ रहा है खासकर मध्यम और सीमांत किसानों को जलवायु परिवर्तन के कारण बाढ़ और सुखाड़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है और उससे उनकी फसल का बहुत नुकसान हो रहा है फसल नुकसान के लिए सरकार को भी बड़ी राशि खर्च करनी पड़ रही है सुशील मोदी ने कहा कि 2019 में ही जलवायु परिवर्तन का तीन बार असर देखने को मिला और उसके कारण दो हजार करोड़ से अधिक की राशि अनुदान के रूप में किसानों को देनी पड़ी। सुशील मोदी ने कहा कि 2017 में भी बाढ़ से और सुखार से किसानों को बड़ी क्षति हुई थी और सरकार को उस साल भी 2000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च करनी पड़ी थी। सुशील मोदी ने कहा कि पिछले 3 सालों की बात करें तो सरकार ने बाढ़ और सुखाड़ से नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को 5000 करोड़ की राशि अनुदान के रूप में दी है यदि इस राशि का प्रयोग हम अपने प्रदेश के विकास में करते तो उसका लाभ मिलता लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण इतनी बड़ी राशि का नुकसान हुआ है।
बाईट--सुशील मोदी, उपमुख्यमंत्री


Conclusion: सुशील मोदी ने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण बिहार में वर्षापात में काफी अनियमितता हो रहा है। किसी महीने में काफी अधिक बारिश हो जा रही है और किसी में कम जुलाई अगस्त और सितंबर 3 महीने का सुशील मोदी ने आंकड़ा बताते हुए कहा कि जुलाई में जितनी जरूरत थी उससे 52% अधिक बारिश हो गई जबकि अगस्त में 82 प्रतिशत कम और फिर सितंबर में अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई । मोदी ने कहा कि अनियमित बारिश और सुखाड़ से निपटने के लिए ही जलवायु परिवर्तन के अनुकूल कृषि कार्यक्रम की शुरुआत की गई है और इसका लाभ बिहार को मिलेगा।
अविनाश, पटना।
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